दोस्तों बनारस (Banaras) एक प्राचीन धर्म स्थल है यहाँ प्रतिवर्ष हजारों-लाखों की संख्या में लोग भ्रमण के लिए आते है और हो भी क्यू न आखिर बनारस मोक्ष नगरी के रूप में जो famous है.
दोस्तों यदि आपका कभी बनारस आना हुआ तो इन जगहों का भ्रमण जरूर करियेगा। यह जगहे बनारस (Banaras)की शान को दर्शाती है। वैसे मैंने इन जगहों के बारे में डीटेल में लिखा है उहे जरूर पढियेगा।
1. Assi ghat | अस्सी घाट
अस्सी घाट माँ गंगा के तट पर स्थित अर्धचन्द्राकार रूप में स्थित है।अस्सी नदी और गंगा नदी के संगम पर स्थित होने के कारण यह घाट अस्सी के नाम से प्रसिद्ध हुयी।
यह बच्चो , बूढ़ो एवं नौजवानो सभी के बीच पसंदीदा जगहों में से एक है।
एक पौराणिक कथा के अनुसार माँ दुर्गा ने पाताल लोक के राक्षस शुम्भ एवं निशुंभ का जिस तलवार से वध किया था , अपनी उस तलवार को यही पर माँ ने फेका था।ऐसा माना जाता है की जिस स्थान पर यह तलवार गिरी वही से अस्सी नदी का क्षेत्र की शुरुआत होती है ।
अस्सी घाट का निर्माण महाराजा बनारस ने 19 वीं सदी में बनवाया था । पास ही में लक्ष्मीनारायण मंदिर भी स्थित है जिसे नगर शैली में बनवाया गया है।तुलसीदास जी ने इसी घाट पर प्रसिद्ध ग्रन्थ “ रामचरितमानस ” की रचना की थी
2. kashi Vishwanath temple BHU
काशी विश्वनाथ मंदिर( new kashi vishvanath temple BHU )उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले एवं काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के परिसर में स्थित है ।
इस मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता इसकी शिखर की उचाई है , इस वजह से यह मंदिर दूर से ही दिखाई देने लगता है ।यह मंदिर अपनी विशाल शिखर एवं भव्यता के लिए प्रसिद्ध है ।
इस मंदिर को बिड़ला मंदिर के नाम से भी जाना जाता है , क्यूंकि इस मंदिर को प्रसिद्ध उद्योगपति जुगल किशोर बिड़ला जी ने बनवाया था।
3. Manikarnika ghat
मणिकर्णिका घाट काशी विश्वनाथ मंदिर के पास में ही स्थित है । इस घाट को महाश्मशान घाट के नाम से भी जाना जाता है।
इस घाट की एक प्रमुख विशेषता यह है की यह घाट हमें जीवन की सत्यता से परिचित करता है।
यहां एक चिता की अग्नि समाप्त होने से पहले ही दूसरे चिता में मुखाग्नि दे दी जाती है , और यहाँ 24 घंटे ऐसा ही चलता रहता है।
वैसे तो इस घाट पर लोग आना पसंद नहीं करते लेकिन देश विदेश से लोग इस घाट का दर्शन करने के लिए आते रहते है ।
वाराणसी के सभी 84 घाटों में से एक है मणिकर्णिका घाट (manikarnika ghat )
4. Sarnath Buddhist temple
सारनाथ वाराणसी में स्थित एक बौद्ध स्थल (sarnath Buddhist Temple) है।ज्ञान प्राप्त करने के पश्चात् यहीं पर महात्मा बुद्धा जी ने अपना प्रथम उपदेश दिया था , जिसे धर्मचक्र प्रवर्तन के नाम से जाना जाता है।
सारंगनाथ महादेव की स्थापना के पश्चात इस जगह का नाम सारनाथ पड़ा। यहाँ पर प्रत्येक वर्ष सावन का मेला लगता है।
12 वी सदी में तुर्की आक्रमणकारियों द्वारा सारनाथ के स्तम्भ को नष्ट कर दिया गया था ।
5. Sankat mochan temple
यह मंदिर हिन्दुओ के प्रिय आराध्य पवनपुत्र हनुमान जी का है।यह मंदिर वानरों का घर है इसी कारण इस मंदिर को वानर मंदिर के नाम से भी जाना जाता है ।
संकट मोचन का शाब्दिक अर्थ होता है – दुखों को हरने वाला।
संकट मोचन मंदिर की आधारशिला प्रसिद्द गोस्वामी तुलसीदास ने रखी थी। इन्होने ने ही प्रसिद्ध रामचरित मानस की रचना की थी।
6. Durga mata temple Durgakund
माँ दुर्गा जी का मंदिर (DurgaMata mandir) दुर्गाकुंड में स्थित है यह मंदिर BHU के नजदीक है ।
यह मंदिर पर्यटकों एवं दर्शनार्थियों के लिए पुरे बनारस(Banaras) में प्रख्यात (Famous) है ।
दुर्गा माता मंदिर अपनी धार्मिक महत्त्व के लिए प्रख्यात है । इस मंदिर का निर्माण बंगाल (Natore/Bangladesh) की महारानी भबानी जी ने करवाया था।
इस मंदिर के प्रांगण में एक बड़ा सा कुंड / तालाब (Pond) भी स्थित है
7.Dashashwamedh Ghat
दशाश्वमेध घाट (Dashashwamedh Ghat) बनारस(Banaras) में स्थित 84 घाटों में से एक प्रमुख घाट है । यह घाट प्रमुख रूप से अपनी खूबसूरती और गंगा आरती के लिए जाना जाता है। काशी को मोक्षदायिनी भी कहा जाता है ।
दशास्वमेध का अर्थ होता है – दस घोड़ो का बलिदान।
दशास्वमेध घाट की एक प्रमुख आकर्षण है – गंगा आरती। यह आरती प्रतिदिन सुबह और शाम दोनों ही समय होती है।
यदि आप गंगा आरती देखना चाहते है तो आप शाम के समय में आकर देख सकते है यह काफी आकर्षक लगता है।आरती के बाद माँ गंगा के पवित्र जल में दिए जलाकर छोड़े जाते है जो अत्यंत ही मनोरम लगता है ।
8. kalikadham temple Sevapuri
कलिकाधाम मंदिर ( Kalikadham mandir )वाराणसी जिले (सेवापुरी / कपसेठी) में स्थित है।
यह मंदिर माँ काली को समर्पित है । यहाँ प्रत्येक वर्ष हजारों की संख्या में श्रद्धालु माँ काली के दर्शन के लिए आते है।
काली शब्द का अर्थ होता है काल या समय ।माँ काली का हिन्दू धर्म में काफी महत्व है खासकर नवरात्रि के दिनों में।माँ दुर्गा के नौ अवतारों में से एक अवतार है काली अवतार ।
9.Sant Ravidas ghat varanasi
रविदास घाट गंगा नदी के किनारे स्थित सबसे बड़े घाटों में से एक है। ।
यही पास ही में स्थित है रविदास पार्क (Ravidas park )
रविदास घाट वाराणसी के नगवा क्षेत्र में स्थित है ।धार्मिक दृश्टिकोण से इस घाट का उतना महत्व नहीं है जितना की अन्य घाटों का है। परन्तु पर्यटकों की आवाजाही हमेशा ही रहता है ।
रविदास घाट Hilium Baloon Ride यानि की पैराशूट के लिए प्रसिद्ध है।
यहाँ पर ज्यादातर Tourist Baloon ride के जरिये गंगा घाट की खूबसूरती को देखने के लिए आते है।
गंगा महोत्वसव एवं देव दीपावली को देखने के लिए हजारों की संख्या में लोग यहाँ आते है एवं काशी(Banaras) की खूबसूरती को निहारते है ।संत रविदास की पास ही में जन्मस्थली (Birthplace) के कारण यह भी यह Famous है ।