1. Introduction/परिचय
1.2 दुर्गा माता मंदिर, दुर्गाकुंड
दुर्गा माता मंदिर, (Durgamata mandir)उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले के दुर्गाकुंड में स्थित एक और बेहतरीन tourist spot है ।
काशी गलियों,मंदिरों एवं घाटों का शहर है यहाँ कदम कदम पर आपको एक से बढ़कर एक Famous घाट , मंदिर इत्यादि मिल जायेंगे ।
इन्ही में से एक है दुर्गा माता मंदिर, दुर्गाकुंड (DurgaMata mandir)
कहते है की जो व्यक्ति काशी आकर एक बार माँ गंगा के पवित्र जल में स्नान कर लेता है उसके सातों जन्म के पाप धूल जाते है ।
इतनी पवित्र है अपनी काशी ।
दोस्तों आज हम जाने वाले है माँ दुर्गा के दरबार में जो की दुर्गाकुंड में स्थित है , वैसे दुर्गाकुंड एक और चीज़ के लिए Famous है और वह है – Coaching’s and Institution .
दुर्गा कुंड में बहुत सारे Student अपना carrier बनाने के लिए भी आते है । यहीं पर बहुत सरे कोचिंग्स आपको मिल जायेंगे जो की competition की तैयारी करवाते है।
खासकर NEET , JEE , और विभिन्न Government Exam की ।
Opening Time | Early morning = 4.00 A.M |
Closing Time | Night = 12.00 P.M |
2. Location / स्थान
माँ दुर्गा जी का मंदिर (DurgaMata mandir) दुर्गाकुंड में स्थित है यह मंदिर BHU के नजदीक है ।
यह मंदिर पर्यटकों एवं दर्शनार्थियों के लिए पुरे बनारस में प्रख्यात (Famous) है ।
दुर्गा माता मंदिर की location है –
https://goo.gl/maps/QqKY7hjkB2bNr9wU9
3. History
दुर्गा माता मंदिर अपनी धार्मिक महत्त्व के लिए प्रख्यात है । इस मंदिर का निर्माण बंगाल (Natore/Bangladesh) की महारानी भबानी जी ने करवाया था।
इस मंदिर के प्रांगण में एक बड़ा सा कुंड / तालाब (Pond) भी स्थित है
कहते है की यह तालाब पाताल लोक से जुड़ा है,एवं कभी भी इस तालाब का जल सूखता नहीं है ।
3.1 Famous stories related to Temple
इस मंदिर के बारे में हमे काशी खंड में इसका उल्लेख मिलता है ।
एक पौराणिक कथा के अनुसार दुर्गा माँ ने असुरों ( शुम्भ-निशुंभ )का संहार करके यही पर विश्राम किया था।
3.2 Durgakund
काशी नरेश राजा सुबाहु की पुत्री जब विवाह योग्य हुईं तो उन्होंने अपनी पुत्री के लिए स्वयंवर की घोषणा की ।
स्वयंवर की पूर्व रात को राजकुमारी को एक स्वप्न दिखा।
इस स्वप्न में उन्होंने देखा की उनका विवाह राजकुमार सुदर्शन के साथ हो रहा है।
सुबह उन्होंने अपने पिता को स्वप्न की बात बताई।
काशी नरेश ने जब यह बात सुनी तब उन्होंने अपनी पुत्री का विवाह राजकुमार सुदर्शन के साथ करना सुनिश्चित किया ।
इस बात पर स्वयंवरमें आये अन्य क्षेत्रों के राजाओं ने इसे अपना अपमान समझा, एवं युद्ध के लिए सुदर्शन को ललकारा।
अनेक क्षेत्रों के राजाओं से लड़ने के लिए उन्हें अधिक बाहुबल एवं सेना चाहिए थे , इसलिए उन्होंने देवी दुर्गा की आराधना शुरू कर दी।
उनकी तपस्या एवं भक्ति को देखकर माँ दुर्गा स्वयं प्रकट हुयी एवं राजाओ का संहार किया ।
इस युद्ध में इतना भीषण रक्तपात हुआ की पास ही में स्थित कुंड रक्त से भर गया, इसी कुंड को आज हम दुर्गाकुंड के नाम से जानते है ।
इस घटना के पश्चात् काशी नरेश ने इस स्थान पर माँ दुर्गा की भव्य मंदिर स्थापित करवाया।
4. आइये सैर करें
दोस्तों हमारी यात्रा शुरू होती है कैंट रेलवे स्टेशन से । स्टेशन से हम सीधे भेलूपुर पहुंचे । यही पर पास ही में स्थित है दुर्गाकुंड।
दुर्गाकुंड पहुंचने पर आपका ध्यान सबसे पहले यहाँ के coachings institutes पर पड़ेगी ।
दुर्गाकुंड दो चीज़ों के लिए Famous है एक तो दुर्गा माता मंदिर एवं दूसरा coachings institutes के लिए खैर चलते है माँ दुर्गा मंदिर की ओर।
माँ दुर्गा के इस पावन मंदिर में खासकर नवरात्रि में भव्य सजावट होती है।
इस समय इस मंदिर की खूबसूरती देखते बनती है ।
इस मंदिर में बाबा भैरोनाथ, देवी सरस्वती , देवी लक्ष्मी , एवं माँ काली जी की प्रतिमा स्थापित है ।
Sigra | 4.4 km |
cantt railway station | 9.8 km |
Babatpur Airport | 28.8 km |
4.1 Architecture / स्थापत्य कला
दुर्गा माता मंदिर ( durgamata मंदिर ) की बनावट नागर शैली से युक्त है। यह मंदिर आदिकालीन है ।
आदिकाल में काशी में केवल तीन ही मंदिर थे – काशी विश्वनाथ मंदिर ,अन्नपूर्णा देवी मंदिर ,माँ दुर्गा मंदिर ।
5. Experience / अनुभव
हमारा अनुभव काफी शानदार रहा। हमने बाबा कीनाराम स्थल पर स्नान करके देवी के दर्शन प्राप्त किये।।
यह सचमुच हमारे लिए अद्धभुत क्षण रहा .
इस मंदिर की Painting ने हमारा ध्यान आकर्षित किया । यह बिलकुल ही लाल रंग से रंगा हुआ है ।
खैर यह मेरा अनुभव रहा , आपका अनुभव कैसा रहा comment करके जरूर बताएं । धन्यवाद
6. How to reach / कैसे पहुंचे
6.1 By Road / सड़क द्वारा
वाराणसी शहर राष्ट्रीय राजमार्ग -2 से लगभग सभी छोटे एवं बड़े शहर एक दूसरे से जुड़े हुए है।
ज्यादा जानकारी के लिए आप google बाबा से संपर्क कर सकते है.
6.2 By Air / वायु मार्ग
आप देश में कही पर भी रहते हो , वाराणसी आने के लिए आपको बाबतपुर हवाई अड्डे तक आना पड़ेगा ।
यहाँ से फिर बस या ऑटो से आप बनारस के लिए आ सकते है । Toll free no – 0542-2623060 एवं 0542-2622155
6.3 By Train / ट्रेन द्वारा
माँ दुर्गा के मंदिर durgamata mandir घूमने के लिए आपको सीधे वाराणसी जंक्शन पर आना होगा ।
वाराणसी जंक्शन लगभग सभी बड़े एवं छोटे शहरो एवं महानगर से जुड़ा हुआ है ।
वाराणसी जंक्शन पर आने के बाद आप ऑटो से सीधे भेलूपुर, आ जाइएगा । यही पास ही में स्थित है दुर्गाकुंड ।
7.Some Queries / सवाल जवाब
- दुर्गा माता मंदिर ( DurgaMata mandir) सप्ताह के सातों दिन खुला रहता है .
- इस मंदिर में शादियां भी होती हैं.
- मंदिर सुबह ४ बजे खुलता है एवं रात के १२ बजे बंद होता है .
- सिगरा से मंदिर की दुरी है ४.४ कम
- कैंट रेलवे स्टेशन से यह दुरी है ९ km
- दुर्गा माता मंदिर durgamata mandir के पास ही में एक पार्क भी स्थित है –
- कुंड सुबह ४ बजे आरती के बाद ही खुलता है एवं दोपहर के १२ से ३ के बीच बंद रहता है एवं दोबारा ४ बजे ही खुलता है .
- यदि आप यहाँ स्नान करना चाहते है तो पास ही में बाबा कीनाराम स्थल है , यहाँ पर आप स्नान के साथ पूजा भी कर सकते है .
- १८ सदी में इस मंदिर का निर्माण हुआ था .
- इस मंदिर को मंकी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है .
- यहाँ दुर्गा पूजा एवं नवरात्रि धूम धाम से मनाया जाता है .