श्री काशी विश्वनाथ मंदिर का इतिहास और उसकी वास्तुकला | Kashi Vishwanath temple

काशी विश्वनाथ मंदिर उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले एवं काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के परिसर में स्थित है ।

इस मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता इसकी शिखर की उचाई है , इस वजह से यह मंदिर दूर से ही दिखाई देने लगता है। यह मंदिर अपनी विशाल शिखर एवं भव्यता के लिए प्रसिद्ध है ।

इस मंदिर को बिड़ला मंदिर के नाम से भी जाना जाता है , क्यूंकि इस मंदिर को प्रसिद्ध उद्योगपति जुगल किशोर बिड़ला जी ने बनवाया था।

1. इतिहास [Kashi Vishwanath temple history]

काशी हिन्दू विश्विद्यालय में स्थित इस काशी विश्वनाथ मंदिर की आधारशिला “महामना मदन मोहन मालवीय ” जी ने 1916 में रखी थी ।

महामना जी का मानना था वह शिक्षा का एक ऐसा मंदिर बनाएंगे जहाँ पढ़ने वाला प्रत्येक विद्यार्थी सुबह गोधूलि बेला में उठकर माँ गंगा के पवित्र जल में स्नान करने के पश्चात् यही परिसर में स्थित बाबा विश्वनाथ के दर्शन करके अपने जीवन की शुरुआत करे एवं अपने लक्ष्य की पूर्ति में लग जाये ।

इस मंदिर की आधारशिला भी स्वामी कृष्ण नाम के एक प्रसिद्ध तपस्वी द्वारा रखी गयी।

17 फरवरी 1958 को महाशिवरात्रि के दिन मंदिर के गर्भगृह में बाबा विश्वनाथ जी की स्थापना की गयी

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2. काशी विश्वनाथ मंदिर की स्थापत्य कला [kashi Vishwanath temple architecture]

इस मंदिर की बनावट द्रविड़,नागर एवं वेसर शैली से युक्त है ।

वर्ष 1954 तक इस मंदिर के शिखर को छोड़कर सभी कार्य लगभग पुरे हो चुके थे एवं 1958 तक आते आते इस मंदिर के शिखर पर सफ़ेद संगमरमर लगाया गया एवं इसके शीर्ष पर स्वर्ण कलश ( Height 10 फ़ीट ) भी स्थापित किया गया

श्री काशी विश्वनाथ मंदिर का इतिहास और उसकी वास्तुकला

इस मंदिर की ऊचाई 252 फ़ीट है । दिल्ली में स्थित प्रसिद्ध इमारतों में से एक कुतुबमीनार( Height – 239) से भी यह मंदिर 11 फ़ीट ऊचा है।

इस मंदिर की विशेषता में से एक बात यह भी है की इसकी दीवारों पर आपको अनेको मंत्र एवं कलाकृतियां भी मिल जाएगी

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3. आइये सैर करें [lets take a walk]

BHU Main गेट से प्रवेश करते हुए हम आगे बढे , थोड़ी दूर आगे चलने पर माँ सरस्वती जी की प्रतिमा का दर्शन प्राप्त करने का सुखद अहसास प्राप्त हुआ ।

दर्शन के बाद हम मधुबन लान में पहुंचे । यहाँ की काफी (coffee) बेहद प्रसिद्ध है एक बार जरूर आजमाए।

श्री काशी विश्वनाथ मंदिर का इतिहास और उसकी वास्तुकला

लगभग 2 km चलने पर हम बाबा विश्वनथ जी के द्वार पर पहुंचे ।

यदि आप बाइक से है तो आपको यहाँ पार्किंग की जगह भी मिलेगी , यह बेहद जरुरी हो जाता है और आप बिना किसी भय के काशी विश्वनाथ जी के दर्शन कर सकते है।

आस पास बैठने के लिए जगह भी बने है जहाँ आप विश्राम कर सकते है। मंदिर में प्रवेश करने पर आप सीधे गर्भगृह पहुंचेंगे जहाँ आपको विश्वनाथ जी एवं उनके सारथि नंदी के भी दर्शन प्राप्त होंगे ।

प्रवेश द्वार पर ही महामना मालवीय जी के दर्शन प्राप्त हुए। मंदिर के बाहर दोनों तरफ आकर्षक कलाकारी की गयी है , यहाँ पर हाथियों के माध्यम से फवारे दिखये गए है ।

दर्शन करने के पश्चात् हम मंदिर की परिक्रमा की और साथ ही मंदिर के दूसरे तल पर जाकर श्री राम जी के भी दर्शन करने का सुखद अनुभव प्राप्त किया ।

दूसरे तल पर आपको जगह जगह पर विश्राम करने के लिए चबूतरे बने हैं ।

दर्शन प्राप्त करने के पश्चात् हम निचे आकर मंदिर की भव्यता का अहसास किया एवं फोटो भी खिचवाई ।

यहाँ पर आस पास हरी भरी घास पर बैठकर बड़े ही आनंद की प्राप्ति हुयी ।

साथियो इस मंदिर की कलाकृति वाकई कबीले तारीफ हैं । हम काफी देर तक घूमते रहे ।

दर्शन के पश्चात् हम बाहर आकर अपनी पेट पूजा करने में व्यस्त हो गए ।

दोस्तों हमें यहाँ का छोले समोसे एवं चाय बेहद पसंद आये।

मंदिर परिसर के बाहरी हिस्से में कई दुकाने कतार से लगी हुयी है जहाँ पर आपको इडली और सांभर के साथ अन्य व्यंजन भी चखने को मिलेंगे जो की बेहद ही शानदार हैं

आस पास आपको कई दुकाने भी देखने को मिलेगी जहाँ पर आप चुडिया , खिलौने , साडी , किताबे इत्यादि बनारस की प्रसिद्ध चीजे ले सकते है पर है ।

यदि आप रात में दर्शन के लिए आते है तो आपको इस मंदिर की भव्यता का एहसास होगा । सतरंगी लाइट्स से सजा मंदिर बेहद लुभवना लगता है ।

4. निष्कर्ष [Conclusion]

दोस्तों बनारस में स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर के दर्शन करने में हमे बेहद सुखद अनुभव रहा ।

BHU कैंपस में होने के कारण यहाँ आपको मंदिर कैंपस के बाहर भी सफाई देखने को मिली जिसने हमारे अनुभव को और भी बेहतर बनाया ।

बाकि आपका क्या अनुभव रहा कमेंट में जरूर बताएं । धन्यवाद

5. काशी विश्वनाथ मंदिर का पता [kashi vishvanath temple map]

5. कुछ प्रमुख निर्देश [Some important things]

यह मंदिर सप्ताह के सातों दिन एवं सुबह 4 से शाम 8 बजे तक खुला रहता है , एवं 12 से 1 बजे के बीच मंदिर के द्वार बंद कर दिए जाते हैं ।

इस मंदिर के आप फोटो ले सकते है लेकिन गर्भगृह में स्थित प्रतिमा की आप फोटो नहीं ले सकते ।

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