संत रविदास घाट का भ्रमण | Sant Ravidas ghat varanasi

संत रविदास घाट [Ravidas ghat history]

संत रविदास घाट उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर के बेहतरीन पर्यटन स्थलों में से एक है। इसके आलावा यह घाट गंगा नदी के किनारे स्थित सबसे बड़े घाटों में से एक है।

संत रविदास जी के सम्मान में, एक घाट का निर्माण उस समय की तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती जी द्वारा किया गया था। इस घाट के निर्माण में लगभग 5 करोड़ की लागत आयी थी।

वर्तमान में यह घाट वाराणसी के नगवा क्षेत्र में स्थित है। धार्मिक दृश्टिकोण से इस घाट का उतना महत्व नहीं है जितना की अन्य घाटों का है। परन्तु पर्यटकों की आवाजाही हमेशा ही रहता है ।

रविदास घाट किस लिए प्रसिद्ध है ? [Why ravidas ghat is famous]

  • संत रविदास घाट हीलियम गैस से भरे गुब्बारे यानी हॉट एयर बलून के लिए काफी प्रसिद्ध है.
  • यहां पर ज्यादातर पर्यटक नाव की सवारी करते है और गंगा घाट की खूबसूरती को निहारते है.
  • इसके आलावा प्रतिवर्ष हजारों की संख्या में पर्यटक गंगा महोत्सव एवं देव दीपावली को देखने के लिए यहाँ पर आते है.
  • संत रविदास की जी जन्मस्थली होने के कारण यह काफी चर्चा में रहता है इसके आलावा प्रतिवर्ष उनके जन्मदिन के अवसर पर भंडारे का आयोजन किया जाता है और मेला भी लगता है.

संत रविदास कौन थे ? [Who was Sant Ravidas]

संत रविदास जी भारतवर्ष के उन महापुरुषों में से एक है जिन्होंने अपने आध्यात्मिक विचारों एवं उपदेशों द्वारा लोगो को एकजुट होने का सन्देश दिया। हिन्दू धर्म में फैली बुराइयों को दूर करने का अथक प्रयास किया ।

रविदास जी का जन्म माघ पूर्णिमा दिन रविवार को सम्वत 1433 में वाराणसी में हुआ था । उनके पिता रघु एवं माता जी का नाम घुरविनिया था

संत रविदास बचपन से ही साधु-संतों के बीच रहे जिस वजह से बचपन में ही वह वैराग्य की तरफ आकर्षित हुए।

रविदास जी के समर्थक उन्हें प्यार से सतगुरु,जगतगुरु इत्यादि नामों से पुकारते थे।

रविदास पार्क [Ravidas park]

संत रविदास पार्क घाट के पास में स्थित एक आकर्षक पार्क है , यह पार्क खासकर युवा कपल्स के बीच काफी प्रसिद्ध है। यह पार्क काफी साफ-सुथरा एवं आकर्षक है।

इस पार्क में लोग अपना जन्मदिन मानते है। इस पार्क में प्रवेश शुल्क 20 रुपया लगता है।

आइये सैर करें [Lets take a walk]

हमारी यात्रा वाराणसी जंक्शन पर उतरने के बाद से प्रारम्भ होती है । वाराणसी जंक्शन यानि कैंट रेलवे स्टेशन से हमने एक ऑटो ले लिया।

वाराणसी जंक्शन से BHU लंका आना होगा ।

BHU लंका रास्ते में ही आपको एक बड़ा सा संत रविदास द्वार मिलेगा।

द्वार से आगे बढ़ने पर करीब 200 से 300 मीटर की दुरी पर ही आपको संत रविदास पार्क दिखेगा।

अनुभव [Experience ]

संत रविदास घाट काफी स्वच्छ था साथ ही पार्क की बात करे तो यहाँ प्रकृति के बीच में रहना अच्छा लगा ।

शांत वातावरण और माँ गंगा की अविरल धारा में आप कब खो जायेंगे आपको पता ही नहीं चलेगा। खैर हमारा यह अनुभव रहा आपका अनुभव कैसा रहा इसके बारे में हमें जरूर बताये।

कैसे पहुंचे [How to reach]

सड़क द्वारा

वाराणसी शहर राष्ट्रीय राजमार्ग -2 से लगभग सभी छोटे एवं बड़े शहर एक दूसरे से जुड़े हुए है। ज्यादा जानकारी के लिए आप google  बाबा से संपर्क कर सकते है.

वायु मार्ग

आप देश में कही पर भी रहते हो , वाराणसी आने के लिए आपको पहले बाबतपुर हवाई अड्डे आना होगा। उसके बाद आपको बस या बाइक से बनारस कैंट रेलवे स्टेशन के लिए आना होगा।

ट्रेन द्वारा

घाट घूमने के लिए आपको सीधे वाराणसी जंक्शन पर आना होगा । वाराणसी जंक्शन लगभग सभी बड़े एवं छोटे शहरो एवं महानगर से जुड़ा हुआ है ।

वाराणसी जंक्शन पर आने के बाद आप ऑटो से सीधे BHU आ जाइएगा। यही पास ही में स्थित है रविदास घाट

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संत रविदास घाट का लोकेशन [Sant ravidas ghat map]

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