UAE : वीसा के बारे में पूरी जानकारी | UAE work VISA for Indian 2023

UAE : वीसा के बारे में पूरी जानकारी | UAE work VISA for Indian 2021

UAE खाड़ी देश का सर्वाधिक प्रसिद्ध और तकनीक के मामले में संपन्न देश है। असल में यह 7 क्षेत्रों या राज्यों से मिलकर बना हुआ है जिसे संयुक्त रूप से हम United-Arab-Emirates यानी की UAE के नाम से जानते है।

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सऊदी वीजा के बारे में पूरी जानकारी | Saudi Arabia visa in Hindi

सऊदी वीजा के बारे में पूरी जानकारी | How to apply VISA for Saudi

प्रतिवर्ष हमारे देश से हजारों की संख्या में लोग मध्य एशियाई देश जैसे – दुबई, ईरान, बहरीन, कुवैत एवं सऊदी अरब में काम की तलाश में जाते है।
दोस्तों, आज के इस आर्टिकल में हम जानने वाले है की यदि हमें सऊदी अरब जाना है तो हमें कौन-कौन सी बातों का ध्यान रखना होगा।

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हवाई यात्रा के समय सावधानियां | Precautions while travelling in flight

Precautions while travelling in flight | हवाई यात्रा के समय सावधानियां

हवाई यात्रा किसे नहीं पसंद है। खासकर हम युवाओं में तो इसका अच्छा खासा क्रेज देखने को मिलता है। वैसे देखा जाये तो हवाई यात्रा ने हमारे समय को बचाने में काफी मदद की है।

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रघुनाथ मंदिर का इतिहास और उसकी वास्तुकला | Raghunath temple Jammu

रघुनाथ मंदिर का इतिहास और उसकी वास्तुकला | Raghunath temple Jammu

रघुनाथ मंदिर जम्मू जिले में स्थित है। यह मन्दिर मर्यादापुरुषोत्तम श्रीराम जी को समर्पित है। इस मन्दिर का निर्माण वर्ष 1853 में जम्मू के महाराजा गुलाब सिंह द्वारा किया गया था।

कहते है की इस मंदिर के विभिन्न हिस्सों का निर्माण उनके पुत्र महाराजा रणबीर सिंह द्वारा भी करवया गया था।

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सास-बहु मंदिर का इतिहास और उसकी वास्तुकला | Sasbahu temple Gwalior

सास-बहु मंदिर का इतिहास और उसकी वास्तुकला | Sasbahu temple

दोस्तों हमारे देश में मंदिरों का प्राचीन इतिहास रहा है। ये मंदिर ना सिर्फ भारतीय संस्कृति को दर्शाते है बल्कि ये वास्तुकला के अद्भुत दर्शन भी करवाते है।सास-बहु मंदिर मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर में स्थित है।
यह एक प्राचीन मंदिर है जिसका निर्माण वर्ष 1093 में कच्छपघाट राजवंश के राजा महिपाल जी द्वारा किया गया था। यह मंदिर भगवान विष्णु जी को समर्पित है।

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कमल महल का इतिहास और उसकी वास्तुकला | Lotus Temple Hampi

कमल महल का इतिहास और उसकी वास्तुकला | Lotus Mahal Hampi

कमल महल कर्नाटक के हम्पी में स्थित है। हम्पी, प्राचीन काल में विजयनगर साम्राज्य की राजधानी हुआ करती थी। इस महल को चित्रांगिणी महल के नाम से भी जानते है।
जिस प्रकार से मुग़ल साम्राज्य में रानियों के रहने के लिए एक अलग महल का इंतेज़ाम किया गया था जिसे जनानख़ाना के नाम से जानते है, उसी प्रकार से इस महल को भी इसी उद्देश्य के साथ बनाया गया था।

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परी महल का इतिहास और उसकी वास्तुकला | Pari mahal jammu

परी महल प्रकृति की गोद में बसा हुआ एक ऐसा महल है जिसके बारे में शायद ही हर कोई जनता हो। यह महल जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में स्थित है। इसी के बिलकुल पास ही में जम्मू की सबसे खूबसूरत और आकर्षक डल झील स्थित है। इस महल की स्थापना मुग़ल साम्राज्य के एक अभागे शासक दारा शिकोह द्वारा बनवाया गया था।

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भरहुत स्तूप का इतिहास और उसकी वास्तुकला | Bharhut Stupa

भरहुत बौद्ध स्तूप का इतिहास और उसकी वास्तुकला | Bharhut Stupa

भगवान बुद्ध जी द्वारा दिए गए बौद्ध धर्म ने समाज के निम्न वर्ग को अपना बनाने का कार्य किया था। उस समय यह धर्म इतना लोकप्रिय हुआ, जिसका अनुसरण खुद राजे-महाराजे किया करते थे। ऐसी स्थित में राजसंरक्षण मिलने पर बौद्ध धर्म खूब फला-फुला।
भरहुत बौद्ध स्तूप मध्य प्रदेश के सतना जिले में स्थित है। यह मध्य प्रदेश का पूर्वी जिला है जिसका एक हिस्सा उत्तर प्रदेश के बांदा जिले से लगता है।

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मोढेरा सूर्य मंदिर का इतिहास और उसकी वास्तुकला | Modhera sun Temple

मोढेरा सूर्य मंदिर का इतिहास और उसकी वास्तुकला | Modhera sun Temple

हमारे देश में सूर्य को एक भगवान के रूप में पूजा जाता है। उनके सम्मान में मंदिरों का निर्माण प्राचीन काल से ही किया जाता रहा है। सूर्य मंदिर के निर्माण का सीधा सा अर्थ यह है की हमारे प्राचीन ग्रंथो में जैसे की वेदों एवं पुराणों में भगवान सूर्य का काफी महत्व रहा है। भगवान सूर्य जब चलते थे तो उनके रथ में सात घोड़े जूते हुए होते थे जो साथ सप्ताह को सम्बोधित करते है।
गुजरात का सूर्य मंदिर जिसे हम मोढेरा सूर्य मंदिर के नाम से भी जानते है वह मोहसेन जिले में स्थित है। यह मोहसेन जिले से 25 किमी दूर पुष्पावती नदी के किनारे पर स्थित है। यह मंदिर सोलंकी वंशीय राजाओं ने बनवाया था। यह वंश गुजरात राज्य के सबसे शक्तिशाली राजवंशों में से एक थे।

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जोधाबाई पैलेस का इतिहास और उसकी वास्तुकला | Jodha bai Palace

जोधा बाई पैलेस का इतिहास और उसकी वास्तुकला | Jodha bai Palace

जोधाबाई पैलेस उत्तर प्रदेश के फतेहपुर सीकरी जिले में स्थित एक ऐतिहासिक स्थल है।जोधाबाई जिन्हे हीर कुंवारी, हरखा बाई इत्यादि नामो से भी जाना जाता है। इनका जन्म आमेर के प्रसिद्ध राजा, राजा भारमल के यहाँ वर्ष 1542 में हुआ था। अपने राज्य और अपने प्रजा की सुरक्षा के लिए राजा भारमल ने अपनी पुत्री हरखा बाई जी का विवाह मुग़ल सम्राट अकबर के साथ तय कर दिए था

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