कमल महल का इतिहास और उसकी वास्तुकला | Lotus Temple Hampi

दोस्तों दक्षिण भारत अपनी स्थापत्य कला के लिए काफी प्रसिद्ध है, और हो भी क्यों ना, द्रविण शैली की जन्मदाता जो है।

यही वह स्थान है जहां से हमें उत्तर भारत में भी इसी स्थापत्य कला का एक नया नमूना देखने को मिलता है।

जिसे हम नागर शैली के नाम से जानते है।

इन दोनों ही कलाशैलियों या स्थापत्यकला में कुछ खास अंतर नहीं है लेकिन फिर भी यदि आप गौर करेंगे तब ही आप इनमे अंतर को साफ देख पाएंगे।

दक्षिण भारत के विभिन्न राजवंशों के बारे में हमें, संगम युग के दौरान लिखी गयी कई पांडुलिपियों और किताबों से प्राप्त होती है।

जिनमे तोलकप्पिययम नामक पाण्डुलिपि काफी महत्वपूर्ण है।

यह हमें दक्षिण भारत की राजनीती, समाज और स्थापत्य कला के बारे में विभिन्न जानकारियां उपलब्ध कराती है। इन्ही प्रमाण के बल पर हमें विजयनगर साम्राज्य का पता चलता है।

इस साम्राज्य की स्थापना हरिहर और बुक्का ने की थी। वही इस वंश को उँचाईओं पर ले जाने वाले राजा थे – राजा कृष्णदेव राय। इन्ही के दरबार में तेनालीराम जी निवास करते थे।

हमने बचपन से ही मुग़ल सम्राट अकबर के मंत्री बीरबल और कृष्णदेव राय के मंत्री तेनालीराम के बारे में अनेको रोचक और बुद्धिमत्ता से भरपूर कहानिया पढ़ी है।

इस दौरान हम सोचते थे की बीरबल और तेनालीराम के बीच यदि हम एक प्रतियोगिता आयोजित करवाते तो कौन जीतता ? क्या यह अपने भी कभी सोचा था ?

खैर कोई बात नहीं।

दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम चलने वाले है विजयनगर साम्राज्य कमल महल के दर्शन करने।

इस दौरान हम विजयनगर साम्राज्य, उनके राजा, उनके द्वारा बनवायी गयी ऐतिहासिक इमारतों और उनकी स्थापत्य कला के बारे में बात करेंगे।

तो आइये चलते है दक्षिण भारत के उस शक्तिशाली और महान राजवंश के दर्शन को, जिसने इमारतों के निर्माण में एक अलग मुकाम हासिल किया था।

1. कमल महल का इतिहास [kamal mahal kahan avasthit hai]

कमल महल कर्नाटक के हम्पी में स्थित है। हम्पी, प्राचीन काल में विजयनगर साम्राज्य की राजधानी हुआ करती थी। इस महल को चित्रांगिणी महल के नाम से भी जानते है।

जिस प्रकार से मुग़ल साम्राज्य में रानियों के रहने के लिए एक अलग महल का इंतेज़ाम किया गया था जिसे जनानख़ाना के नाम से जानते है, उसी प्रकार से इस महल का निर्माण भी इसी उद्देश्य के साथ किया गया था।

एक तरह से यह महल विश्राम स्थल था, जहां पर रानियां विश्राम करती थी।

इसी महल में राजा कृष्णदेव राय अपने मंत्रियों के साथ बैठक लगाते थे।

इस दौरान इस साम्राज्य पर मुग़ल साम्रज्य का आक्रमण हुआ और धीरे धीरे यह अपना अस्तित्व खोने लगा।

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1.1 विजयनगर साम्राज्य [Vijayanagar Dynasty]

दक्षिण भारत के इतिहास को यदि हमे जानना है तो उसमे सबसे पहली चीज़ जो सबसे मददगार साबित होती है वह है तोल्काप्पियम।

यह पुस्तक या ग्रन्थ संगम युग के दौरान लिखी गयी थी।

इस दौरान इस पुस्तक को किसी एक व्यक्ति द्वारा नहीं बल्कि अनेक व्यक्ति द्वारा लिखा गया था।

यह वह पहली साक्ष्य है जिसमे हमें दक्षिण भारत के प्रमुख राजवंश जैसे की चोल, चेर, पंड्या और वर्मन इत्यादि का उल्लेख प्राप्त होता है।

विजयनगर साम्राज्य की स्थापना वर्ष 1336 में हरिहर और बुक्का नामक दो भाइयों ने मिलकर की थी।

इस राजवंश के प्रतापी राजाओं ने लगभग 310 वर्षों तक शासन किया था।

वर्ष 1556 ईस्वी में होने वाली प्रसिद्ध तालीकोटा के युद्ध में विजयनगर साम्राज्य बुरी तरह से पराजित हुआ था।

इस हार के पश्चात विजयनगर साम्राज्य और उसकी राजधानी जिसे हम हम्पी के नाम से भी जानते है उसे बुरी तरह से लुटा गया और इस नगरी को आग के हवाले कर दिया।

जिसके अवशेष आज भी हमें प्राप्त होते है।

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1.2 कौन थे राजा कृष्णदेव राय [who was king krishnadev Ray]

राजा कृष्णदेव राय विजयनगर सम्राज्य के सबसे शक्तिशाली शासकों में से एक थे।

उनका राजसिंहासन पर बैठना आसान नहीं था क्युकी चारों तरफ से उनके साम्राज्य पर हमले हो रहे थे।

एक तरफ जहाँ बहमनी साम्राज्य अपनी आँखे गड़ाए हुए था तो वही दूसरी तरफ पुर्तगाली यानी विदेशी भी इस भूमि पर अधिकार करना चाहते थे।

इन सभी समस्याओं से राजा कृष्णदेव राय ने जल्द ही छुटकार प्राप्त कर लिया था।

राजा कृष्णदेव राय के शासनकाल में ही तेलुगु भाषा के महान विद्वान और कवि जिन्हे अष्टप्रधान कहते है निवास करते थे।

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2. कमल महल की वास्तुकला [Lotus palace architecture]

कमल महल जैसा की नाम से ही प्रतीत होता है की कमल पुष्प का महल। इस महल का आधार कमल का फूल रहा था।

जिस प्रकार से कमल की पंखुड़ी खिली-खिली होती है उसी प्रकार से इस महल का भी डिज़ाइन बनाया गया था।

इस महल की दीवारों को ईंटो और मोर्टार की सहायता से बनाया गया था। महल के आतंरिक भागों को प्लास्टर की सहायता से इसे निखारा गया है।

इसकी मजबूती का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते है की लगभग 650 सालों के वृहद अंतराल के बावजूद इसमें कोई भी दरारें नहीं आयी हैं।

इस महल में कुल 8 कमल के मेहराब का डिज़ाइन बनाया गया था, जिस पर बारीक कलाकारी के जरिये इसे सजाया गया था।

यह दो मंजिला इमारत है जिसमे कुल 24 स्तम्भ स्थित है।

इन स्तम्भों पर भी महीन कलाकारी की गयी थी।

संभवतः पहली मंजिल का प्रयोग राजा कृष्णदेव राय द्वारा किया जाता था।

इस दौरान वह अपने मंत्रिमंडल की बैठक लगाते थे, वही दूसरी मंजिल का प्रयोग राजघराने की स्त्रियां करती थी।

इस महल में हवा के प्रबंध का भी ख्याल रखा गया था, ताकि स्वच्छ हवा के जरिये इस महल की रौनक बनी रहे।

इसी प्रकार का एक महल जयपुर में स्थित है जिसे हवामहल के नाम से भी जानते है।

चूँकि यदि तुलनात्मक रूप से बात की जाये तो हवामहल, कमल महल की तुलना में कही बेहतर साबित होता है।

फिर चाहे बात स्थापत्य कला की हो या फिर हवा के निकासी की, सभी में हवामहल का कोई जवाब नहीं है।

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2.1 महानवमी डिब्बा क्या है ? [Mahanavami Dibba history]

महानवमी डिब्बा विजयनगर साम्राज्य की सबसे खूबसूरत संरचनाओं में से एक माना जाता है।

असल में यह एक सामाजिक मंच था जिसका प्रयोग प्रतियोगिताएं और उत्सवों के लिए किया जाता था।

इसकी संरचना इतनी ऊँची थी की इसे पुरे शहर के किसी भी कोने से दिखती थी। यह लगभग 40 फ़ीट ऊँची बनायीं गयी थी।

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2.2 लोटस मंदिर दिल्ली [Lotus temple Delhi]

लोटस टेम्पल दिल्ली के नेहरू प्लेस में स्थित एक धार्मिक जगह है। यह मंदिर बहाई धर्म से संबधित अनुयायिओं का है।

यह एक ऐसा मंदिर है जिसमे कोई भी मूर्ति स्थित नहीं है और ना ही इस स्थल पर किसी भी प्रकार का धार्मिक कर्मकांड किया जाता है।

यह पूरी दुनिया के सबसे अनोखे मंदिरों में से एक है।

3. अन्य पर्यटन स्थल [Tourist places Hampi]

खुलने का समय : कमल महल सुबह 8 बजे से शाम के 6 बजे तक खुला रहता है। यह सप्ताह के सातों दिन खुला रहता है।

प्रवेश शुल्क : भारतीय पर्यटकों के लिए 10 रूपये व विदेशी पर्यटकों के लिए 250 रूपये प्रति व्यक्ति की दर से प्रवेश शुल्क लगता है।

वहीं बच्चों के लिए किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लगता है।

सबसे सही समय : नवम्बर से फरवरी का समय पर्यटन के लिए उपर्युक्त समय है।

4. परिवहन सुविधा [kamal mahal kahan sthit hai]

कर्नाटक का बेल्लारी जिला लगभग सभी महत्वपूर्ण सड़क मार्ग जैसी की राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़ा हुआ है। यहाँ पर कई बसें और रिक्शा इत्यादि मिल जाएँगी।

यदि हम ट्रेन के सफर की बात करें तो आपको हम्पी के सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन हास्पेट मिलेगा।

यहां से हम्पी की दुरी मात्रा 12 किमी रह जाती है। रोजाना ही कई सारी ट्रेनें हम्पी के लिए रवाना होती है।

यदि आप हवाई सफर करना चाहते है तो आपके लिए सबसे नजदीकी हवाई अड्डा है – विजयनगर हवाई अड्डा

यह हम्पी से लगभग 38 किमी की दुरी पर स्थित है।

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5. कमल महल की फोटो [Lotus mahal photos and images]

6. निष्कर्ष [Conclusion]

दोस्तों विजयनगर साम्राज्य ने 300 सालों से भी अधिक समय तक शासन किया था।

इस दौरान उन्होंने कला एवं संस्कृति के विकास में काफी योगदान दिया था।

बात करें कमल महल की तो यह महल आज भी काफी खूबसूरत दिखता है।

इस महल की देखरेख का कार्य कर्नाटक सरकार द्वारा किया जाता है।

महल के आस पास हरियाली होने की वजह से यह महल काफी आकर्षक दिखता है।

खैर कमेंट में बताएं की यह जगह आपको कैसे लगी ?

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Credit : Family Backpackers / YouTube

कमल महल जैसे खूबसूरत संरचना को मिटाया क्यों गया था ?

प्राचीन काल में एक राजा दूसरे राजा से बिना कारण युद्ध करता था कभी वह अपनी सैनिक शक्ति को प्रदर्शित करना चाहता था तो कभी वह अपनी मनमानी करना चाहता था।

इसी क्रम में विजयनगर साम्राज्य काफी समृद्ध नगर था जिसपर डेक्कन सुल्तनत की नजर पड़ी और एक प्रसिद्ध युद्ध हुआ जिसे हम तालीकोटा युद्ध के नाम से जाना जाता है।

इसमें विजयनगर साम्राज्य को बुरी तरीके से हारा और परिणाम यह हुआ की इसकी राजधानी हम्पी को पूरी तरह से आग के हवाले कर दिया गया था।

कहते है की इस खूबसूरत नगर को इस तरीके से षड़यंत्र के तहत हराया और जलाया ताकि यह फिर से अपनी पूर्व स्थिति में ना आने पाएं।

7. कमल महल की लोकेशन [Lotus mahal hampi map]

8. सबसे जरुरी बात [Kamal mahal Wikipedia]

दोस्तों इन ऐतिहासिक इमारतों या पर्यटन स्थलों पर टिकट के पैसा, यात्रा अवधी जैसे छोटी चीज़ें बदलती रहती है।

इसलिए यदि आपको इनके बारे में पता है तो जरूर कमेंट में जरूर बताएं।

हम जल्द ही आपके द्वारा दी गयी जानकारी को अपडेट कर देंगे।

यदि इस पोस्ट में कुछ गलती रह गयी हो तो उसे कमेंट में जरूर बताएं।

धन्यवाद !

8. सवाल जवाब [FAQ]

1. कमल महल कहाँ है ?

कमल महल कर्नाटक के हम्पी में स्थित है। हम्पी, प्राचीन काल में विजयनगर साम्राज्य की राजधानी हुआ करती थी। इस महल को चित्रांगिणी महल के नाम से भी जानते है।

2. किस युद्ध में विजयनगर साम्राज्य को बुरी तरह से हारा था ?

तालीकोटा का युद्ध में

3. कमल महल को और किस नाम से जाना जाता है ?

कमल महल को चितरंगिणी महल के नाम से जाना जाता है।

4. कमल महल को किस राजवंश ने बनवाया था ?

कमल महल को विजयनगर साम्राज्य के राजाओं ने बनवाया था।

5. इस महल का उपयोग क्या था ?

जिस प्रकार से मुग़ल साम्राज्य में रानियों के रहने के लिए एक अलग महल का इंतेज़ाम किया गया था जिसे जनानख़ाना के नाम से जानते है, उसी प्रकार से इस महल का निर्माण भी इसी उद्देश्य के साथ किया गया था।

6. इस महल को लोटस या कमल महल क्यों कहा जाता है ?

कारण है इसकी संरचना। इस महल को कमल की पंखुड़ियों के हिसाब से बनाया गया था जो आज भी काफी खूबसूरत है।

7. लोटस महल को देखने का सबसे अच्छा समय बताएं –

लोटस महल को आप सर्दियों के मौसम यानी अक्टूबर से मार्च के बिच कभी भी देख सकते है। उस दौरान इसकी खूबसूरती और भी ज्यादा निखर जाती है।

8. क्या यहाँ पर टिकट लगता है ?

हाँ बिलकुल आपको इसे देखने के लिए 50 रूपये टिकट लगता है।

9. इस महल की स्थापना किसने करवायी थी ?

कहते है की इस महल की स्थापना राजा कृष्णदेव राया द्वारा करवाया गया था जो की विजयनगर साम्राज्य के सर्वाधिक शक्तिशाली शासकों में से एक थे।

10. क्या हम यहाँ पर छुट्टियों के लिए कैंप लग सकते है ?

नहीं भैया यह जगह एक ऐतिहासिक जगह और इसे भारतीय पुरातत्व विभाग के साथ साथ राज्य सरकार भी सुरक्षित रखने का प्रयास कर रही है।

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