1. चेंदामंगलम सिनगॉग [Chendamangalam Synagogue in hindi]
चेंदामंगलम सिनगॉग केरल के सबसे प्रसिद्ध और धनी सिनगॉग में से एक है।
यह सिनगॉग आज के समय में एक संग्रहालय के रूप में स्थित है। यह सिनगॉग केरल राज्य के एर्नाकुलम जिले में स्थित है।
2. चेंदामंगलम सिनगॉग का इतिहास [Chendamangalam Synagogue History]
यहूदी धर्म हमेशा से ही प्रताड़ित रहा है। उनका कोई भी स्थान निश्चित न होने के कारण जहाँ जहाँ भी वह गए उन पर जानवरों जैसे अत्याचार हुए।
हालाँकि कुछ देशों ने उनका समर्थन तो किया परन्तु कोई उनकी मदद के लिए आगे नहीं बढ़ा।
जब जर्मनी और अन्य यूरोपीय देशों द्वारा यहूदी धर्म पर अत्याचार बढ़े तब यहूदी वर्गों ने सोचा आखिर वह कब तक भागते रहेंगे आखिर उन्हें भी तो कहीं न कहीं पर बसना होगा।
जर्मनी का तानाशाह हिटलर ने तो इन यहूदियों को बाकायदा गैस चेंबर में मरने के लिए अधिक मात्रा में रिसर्च सेंटर बनाया और इन पर अलग अलग प्रकार के प्रयोग करना प्रारंभ कर दिया।
बेचारे यहूदी इन सबसे बचते बचते एशियाई देशों की तरफ बढे और कुछ समूह तो केरल आ पहुंचे और यही पर छुप कर रहने लगें।
केरल में बसने के दौरान उन्होंने अपने भगवान को पूजने के लिए सिनगॉग बनवाये।
ईसाई धर्म के लोग चर्च का निर्माण करते है जबकि यहूदी लोग सिनगॉग का निर्माण करते है।
इन सिनगॉग का निर्माण 1614 के आस पास हुआ था। यहूदियों की पवित्र जगह यानि जेरुसलेम पर आगजनी की घटना ने इन्हे फिर से भागने पर मजबूर किया।
1960 के दौरान कुछ यहूदी यहाँ पर आये और पूरी तरह से बस गए।
इस सिनगॉग को बनाने के लिए पाळियं परिवार ने भूमि दान दिया था जिस वजह से यहाँ पर यह निर्माण संभव हो पाया।
3.स्थापत्य कला [Chendamangalam Synagogue architecture]
चेंदामंगलम सिनगॉग को पुरे भारत का सबसे अमीर सिनगॉग माना जाता है। सिनगॉग के प्रवेश द्वार को अज़रा “Azara” के नाम से जाना जाता है।
यहाँ पर महिलों और पुरुषों को पूजा करने के लिए अलग सेक्शन बनाया गया है।
यहां पर लकड़ी की बालकनी और साथ ही बेहतरीन क्राफ्टिंग का नमूना पेश करती है यह चेंदामंगलम सिनगॉग।
4. चेंदामंगलम सिनगॉग का समय [Chendamangalam Synagogue timing]
Sunday | 10 AM – 5 PM |
Monday | Close |
Tuesday | 10 AM – 5 PM |
Wednesday | 10 AM – 5 PM |
Thursday | 10 AM – 5 PM |
Friday | 10 AM – 5 PM |
Saturday | 10 AM – 5 PM |
5. चेंदामंगलम की साड़ी [Chendamangalam Saari]
दोस्तों प्रत्येक जगह की एक खासियत होती है। अगर हम बात करें चेंदामंगलम की तो यहाँ पर चेंदामंगलम की साड़ी काफी प्रसिद्ध है।
इसके प्रसिद्ध होने के कई कारन है जो आगे मैंने विस्तारपूर्वक बताया है।
- चेंदामंगलम साड़ी पर जारी की महीन कढ़ाई की गयी होती है जिससे इसकी खूबसूरती बढ़ जाती है।
- यह कढ़ाई साड़ी के सबसे नीचले हिस्से पर यानि बॉर्डर एरिया पर की गयी होती है जिसे हम साड़ी का पल्लू के नाम से भी जानते है।
- केरल सरकार द्वारा इस साड़ी की खूबसूरती को देखते हुए इस पर अपना G.I Tag लगवा लिया है जिसका फायदा यह होता है की उस साड़ीके जरिये उस जगह की प्रसिद्धि भी बढ़ती जाती है जिससे पर्यटन और व्यापार के क्षेत्र में उस राज्य या क्षेत्रीय इलाके की महत्व बढ़ता है. जैसे बनारस की बनारसी साड़ी ,बीकानेर का भुजिया इत्यादि.
- इस साड़ी में पतले और काले बॉर्डर लाइन का प्रयोग किया जाता है इसे ही पुलियिलाकारा बॉर्डर Puliyilakara Border के नाम से जाना जाता है.
6. परिवहन [How to reach]
नजदीकी रेलवे स्टेशन- अलुवा रेलवे स्टेशन 19KM और एर्नाकुलम रेलवे स्टेशन 29Km |
नजदीकी हवाई अड्डा- कोचीन अंतरष्ट्रीय हवाई अड्डा 23km |
8. निष्कर्ष [Conclusion]
दोस्तों चेंदामंगलम सिनगॉग यहूदियों द्वारा बनवाया गया एक पूजाघर है। इसी स्थान पर ये सभी भगवान को पूजते है।
आज के समय में इस जगह को संग्रहालय में तब्दील कर दिया या है परन्तु आज भी यह बीते लम्हों को याद दिलाने में सक्षम है।
मेरा मानना है की आप सभी को इस जगह पर आकर इस संग्रहालय को देखने चाहिए।
केरल सरकार द्वारा किया गया यह कार्य बेहद सराहनीय है।
उम्मीद है हमारे द्वारा दी गयी जानकारी उम्मीद है हमारे द्वारा दी गयी जानकारी आपको अच्छी लगी होगी।
यदि मेरे द्वारा दी गयी जानकारी में कोई भी त्रुटि हो तो कृपया हमसे संपर्क करें।
हम आपके द्वारा दी गयी जानकारी को फिर से लोगों के सामने प्रदर्शित करने का प्रयास करेंगे।
धन्यवाद।
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