इस मकबरे का निर्माण 1643 ईस्वी में हुआ है। इस मकबरे के निर्माण में 10 वर्षों से ज्यादा का समय लगा था।
ताजमहल की अद्भुत कलाकारी और खूबसूरती के लिए UNESCO द्वारा वर्ष 1983 में विश्व विरासत सूची के रूप में नामित किया गया था।
उत्तर प्रदेश सरकार के अनुसार ताजमहल को बनाने में 1653 ईस्वी तक 32 M रूपये यानि 3 करोड़ 20 लाख रुपयों की लागत आयी थी और 2015 में इसकी अनुमानित लागत 52.8 B रूपये होती।
ताजमहल को देखने के लिए भारतीयों और सार्क देश यानि की (बांग्लादेश, नेपाल, भूटान, श्रीलंका, पाकिस्तान, मालदीव और अफगानिस्तान) के लिए 10 रूपये टिकट रखा गया है।
इस ईमारत की कैलिग्राफ का कार्य अमानत खान द्वारा किया गया था।
ताजमहल का गुम्बद बनने का कार्य तुर्की के प्रसिद्ध शिल्पकार इस्माइल खान अफरीदी को दिया गया था।
ताजमहल में प्रवेश के लिए दक्षिण दिशा की और द्वार है। यह प्रवेश द्वार 151 फिट लम्बा और 117 फिट चौड़ा है वही इस प्रवेश द्वार की ऊंचाई 1000 फिट है।
इस मुख्य द्वार पर अरबी भाषा में मुस्लिम धर्म की पवित्र पुस्तक कुरान की आयते तराशी गयी है।