शेरशाह सूरी के मकबरे का इतिहास और उसकी वास्तुकला | Sher shah suri tomb
भारत में मुग़ल साम्राज्य की स्थापना के पश्चात बाबर ने जब अपनी सैन्य शक्ति और राज्य विस्तार के बारे में सोचा तब तक उसकी मृत्यु हो चुकी थी। मुग़ल साम्राज्य के अगले वारिस के रूप में जब हुमायूँ राजगद्दी पर बैठा तब उसके सामने वही चुनौती आयी जो उसके पिता बाबर के सामने आयी थी।
उसके इसी परिस्थिति का लाभ एक अफगान राजा शेरशाह सूरी ने उठाया। उसके राजवंश का नाम था – सुर वंश उसने हुमायूँ को कई बार युद्ध में पराजित करके उसे भारत से बाहर खदेड़ा। शेरशाह सूरी कहा करता था की अगर उसे कुछ भारतीय राजाओ का सहयोग प्राप्त हो जाये तो वह मुग़लों के भारत से बाहर खदेड़ देगा।