इन प्रमुख वीर राजाओं में कुछ ने तो ज्ञान-विज्ञान के महत्व को समझा और उसे लोगों के सामने प्रस्तुत करने का भी कार्य किया। जिनमे से सवाई राजा जयसिंह का नाम सर्वप्रथम आता है।

इस पैलेस को मानसून के प्रतीकों और उनके द्वारा की गयी सूक्ष्म गतिविधियों की सटीक गणना करने के उद्देश्य से बनाया गया था।

इसकी खूबसूरती और कार्य को देखकर ही तो इसे उदयपुर का मुकुटमणि कहते है।

महाराजा सज्जन सिंह जी इस महल को बनाने का मूल उद्देश्य था- मानसून की गतिविधियों को रिकॉर्ड करना और उनका मुआयना करके भविष्यवाणी करना ताकि किसानो की फसलों को किसी भी प्रकार का नुकसान पहुचें और उन्हें उनके फसलों के उचित दाम भी मिल सकें।