दक्षिण भारत के विभिन्न राजवंशों के बारे में हमें, संगम युग के दौरान लिखी गयी कई पांडुलिपियों और किताबों से प्राप्त होती है।

जिनमे तोलकप्पिययम नामक पाण्डुलिपि काफी महत्वपूर्ण है।

यह हमें दक्षिण भारत की राजनीती, समाज और स्थापत्य कला के बारे में विभिन्न जानकारियां उपलब्ध कराती है। इन्ही प्रमाण के बल पर हमें विजयनगर साम्राज्य का पता चलता है।

कमल महल कर्नाटक के हम्पी में स्थित है। हम्पी, प्राचीन काल में विजयनगर साम्राज्य की राजधानी हुआ करती थी। इस महल को चित्रांगिणी महल के नाम से भी जानते है।

कमल महल जैसा की नाम से ही प्रतीत होता है की कमल पुष्प का महल। इस महल का आधार कमल का फूल रहा था।

जिस प्रकार से कमल की पंखुड़ी खिली-खिली होती है उसी प्रकार से इस महल का भी डिज़ाइन बनाया गया था।

प्रवेश शुल्क : भारतीय पर्यटकों के लिए 10 रूपये व विदेशी पर्यटकों के लिए 250 रूपये प्रति व्यक्ति की दर से प्रवेश शुल्क लगता है।

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