भारत में खूबसूरत मकबरे के निर्माण में प्रथम नाम मुगल संस्थापक बाबर का आता है। उसके द्वारा एक विशेष प्रकार की मकबरों के निर्माण का प्रचलन बढ़ा और तो और इन मकबरों में सभी जरुरी सुविधाओं के साथ साथ इनमे बगीचों का प्रचलन भी बाबर की ही दें है।

यह मकबरा ताजमहल की तर्ज पर बनाया गया था लेकिन यह उतना प्रभावी ढंग से निर्माण नहीं हो पाया था, लेकिन इसकी बनावट और कलाकारी को देखकर हर कोई प्रभावित हो जाता है।

सर्वप्रथम एतमाद -उद-दौला मकबरे में पिएत्रा ड्यूरा का प्रयोग किया गया था। इसके साथ साथ इसके स्तम्भों पर पेड़ पौधे और चिड़ियों के चित्र बेहद बारीकी से उकेरे गए है।