संगीत सम्राट तानसेन के मकबरे का इतिहास और उसकी वास्तुकला | Tansen tomb in Hindi

संगीत हमारे ग़मों को भुलाने का काम करती है, संगीत बिछड़ों को भी मिलाने का काम करती है। आज के समय में तो कई राष्ट्र तो सिर्फ और सिर्फ संगीत के वजह से ही अपनी पहचान पुरे विश्व में बनायीं है।

भारतवर्ष में भी इस संगीत की परंपरा काफी प्राचीन रही है। प्राचीन समय में राजे-महाराजे अपने दरबार में संगीत का भव्य आयोजन करवाते थे और आनंद की प्राप्ति लेते थे।

धीरे धीरे यह एक परंपरा के रूप में लगभग सभी राज्यों में मनोरंजन का एक साधन बन गया।

नए-नए कलाकार इस संगीत की दुनिया से जुड़ना पसंद करने लगे, आखिर हो भी क्यों ना इनकी मेहनत इनके संगीत में जो झलकती थी।

दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम संगीत के सम्राट यानी तानसेन जी के मकबरे [ Tansen tomb ] के बारे में बात करेंगे। तानसेन जी के बारे में कहा जाता है की उनके द्वारा गाये हुए संगीत से बादल बरसने लगते थे। दीपक स्वतः ही जल उठते थे।

तो आइये चलते है तानसेन जैसी महान आत्मा के दर्शन करने।

1. तानसेन का मकबरा कहाँ पर स्थित है ? [Tansen ka makbara ]

तानसेन का मकबरा [ Tansen tomb ]मध्य प्रदेश के ग्वालियर में स्थित है। मध्य प्रदेश का यह ग्वालियर शहर अपनी ऐतिहासिक धरोहरों को संजोकर रखने के लिए प्रसिद्ध है।

इसी ग्वालियर शहर में तानसेन जी और उनके गुरु मोहम्मद गौस दोनों की ही कब्र स्थापित है।

इतिहासकार द्वारा इस महान शख्सियत के दफ़नायें जाने के बारे में आपस में थोड़े मतभेद है कुछ का मानना है की उनको मुस्लिम रिवाजो से दफनाया गया तो कुछ का कहना है की उनकी अंतिम क्रिया हिन्दू रीति रिवाज से पूर्ण हुयी।

तानसेन की इच्छा के मुताबिक ही उनकी कब्र उनके गुरु गौस के बगल में ही बनाई गयी थी।

इस विवाद के पीछे जो भी कारण हो एक बात तो तय है की उनकी अंतिम यात्रा में मुग़ल बादशाह अकबर और उनके सहयोगी मित्र भी इस अंतिम यात्रा में सम्मिलित हुए थे, कारण था की दोनों ही शख्सियत महान थे।

तानसेन को संगीत सम्राट के पदवी से नवाजा गया वही उनके गुरु मोहम्मद गौस जी एक प्रसिद्ध सूफी संत थे।

1.1 तानसेन कौन थे ? [Who was Tansen]

तानसेन का जन्म वर्ष 1493 में एक ब्राह्मण परिवार में जन्म हुआ था। इनके पिता मकरंद पांडेय एक पुजारी थे। चूँकि उनके पिता भी संगीत से प्रेम करते थे।

यही कारण है की बचपन में ही तानसेन को ग्वालियर के प्रसिद्ध संगीतकार श्री हरिदास के पास संगीत की शिक्षा प्राप्त करने के लिए भेजा और तो और उन्हों बाकायदा इसे सीखा और पुरे भारत में अपने नाम का डंका बजाया।

इनके बचपन का नाम रामतनु था। बचपन से ही रामतनु को संगीत के प्रति लगाव रहा था।

आगे चलकर यही रामतनु पांडेय प्रसिद्ध संगीतकार बने और इनके कार्यों को देखकर खुद मुग़ल बादशाह अकबर उन्हें अपने नवरत्न में शामिल किया और ” संगीत सम्राट ” की उपाधि दी।

तानसेन जी की पत्नी का नाम था हुसैनी। कहा जाता है की उनकी पत्नी एक दासी के रूप में राजमहल में कार्य करती थी। तानसेन जी के पांच संताने हुयी थी-

  1. सूरतसेन
  2. शरतसेन
  3. विलास खान
  4. तरंगसेन
  5. सरस्वती

तानसेन के जीवन में मोहम्मद गौस जो की उस समय के प्रसिद्ध सूफी संत थे बड़ा प्रभाव पड़ा।

उनसे मिलने के पहले तानसेन जी शास्त्रीय संगीत और संगीत की अन्य विधाओं पर कार्य करते थे जब उनकी मुलाकात मोहम्मद गौस से हुयी तब उन्होंने सूफी संगीत में भी बेहतरीन कार्य किया।

तानसेन के बारे में कहा जाता है की उनके गायन से यानि दीपक राग से दिये जल उठाते थे और मल्हार राग से बारिश होने लगती थी। वर्ष 1586 में संगीत के सम्राट की मृत्यु आगरा में हुयी।

संगीत सम्राट तानसेन की कुछ प्रसिद्ध रचनाये इस प्रकार है-

  • संगीतसर
  • रागमाला
  • श्रीगणेश स्तोत्र

1.2 मोहम्मद गौस कौन थे ? [Tansen teacher name]

मोहम्मद गौस एक सूफी संत थे वह सूफी संप्रदाय की एक शाखा सत्तारी सिलसिला से जुड़े हुए थे।

सत्तारी सिलसिला सल्तनत काल यानि लोधी काल में ही प्रारम्भ हुआ था। इस सिलसिले की स्थापना शाह अब्दुल द्वारा की गयी थी।

मोहम्मद गौस खुद ग्वालियर से थे। उनके द्वारा किये गए गए कार्यों को देखते हुए उनके अनुयायी दिन प्रतिदिन बढ़ते चले गए और उनकी ख्याति भी दिन दूनी रत चौगुनी बढ़ने लगी थी। परिवहन सुविधा

2. तानसेन के मकबरे का इतिहास [Tansen tomb history]

संगीत सम्राट तानसेन जी की मृत्यु वर्ष 1586 में आगरा, उत्तर प्रदेश में हुयी थी।

तानसेन के मकबरे में बारे में भी इतिहासकारों में विभिन्न मतभेद है वही उनके सूफी गुरु गौस जी के मकबरे के निर्माण मुग़ल बादशाह अकबर ने किया था।

इस मकबरे में कहा जाता है की यह मकबरा की जैसे और कोई भी मकबरा अभी तक नहीं बना था।

3. तानसेन के मकबरे की स्थापत्य कला [Tansen tomb architecture]

इस मकबरे में बहुत ही महीन कलाकारी की गयी थी वही इसके दरवाजो और खिड़कियों की बात करे तो यह अपने आप में लाजवाब था। इस खिड़कियों की बनावट और खूबसूरती देखते ही बनती थी।

इसे इस प्रकार से बनाया गया था की सूर्य की रौशनी और हवा दोनों ही बिना अवरोध के अंदर प्रवेश कर पाए।

मकबरे के बीचो-बीच एक वृहद् गुम्बद है। यही दोनों शख़्शियत की कब्र स्थापित है।

4. तानसेन के मकबरे के कुछ तथ्य [Tansen tomb facts]

  • तानसेन का मकबरा मध्य प्रदेश के ग्वालियर में स्थित है।
  • इनके बचपन का नाम रामतनु था।
  • तानसेन जी की पत्नी का नाम था हुसैनी
  • तानसेन लगभग 60 वर्ष की उम्र में मुग़ल दरबार में शामिल हुए थे.
  • तानसेन एक प्रसिद्ध संगीतकार बने और इनके कार्यों को देखकर खुद मुग़ल बादशाह अकबर उन्हें अपने नवरत्न में शामिल किया और ” संगीत सम्राट ” की उपाधि दी।
  • मुग़ल बादशाह अकबर ने तानसेन जी को मियां की उपाधि दी थी जिसके पश्चात उन्हें लोग मियां तानसेन के नाम से पुकारने लगे.
  • इस मकबरे के निर्माण मुग़ल बादशाह अकबर ने किया था।
  • मोहम्मद गौस एक सूफी संत थे वह सूफी संप्रदाय की एक शाखा सत्तारी सिलसिला से जुड़े हुए थे।
  • तानसेन के बारे में कहा जाता है की उनके गायन से यानि दीपक राग से दिये जल उठाते थे और मल्हार राग से बारिश होने लगती थी
  • तानसेन जी की कुछ प्रमुख राग थे- मुल्तानी भैरवी और टोडी.
  • संगीत सम्राट तानसेन जी की मृत्यु वर्ष 1586 में आगरा, उत्तर प्रदेश में हुयी थी।

5. परिवहन सुविधा [Tansen tomb]

नजदीकी रेलवे स्टेशन बिरलानगर जंक्शन ग्वालियर स्टेशन भदरौली स्टेशन
नजदीकी हवाई अड्डा कानपुर हवाई अड्डा ग्वालियर हवाई अड्डा और दतिया हवाई अड्डा
सड़क परिवहन सुविधा मध्य प्रदेश बस सेवा

6. सवाल जवाब [FAQ]

दोस्तों आप सभी के द्वारा संगीत सम्राट तानसेन जी और उनके मकबरे के बारे में ढेरों सवाल पूछे है जिनमे सभी प्रश्नो के तो नहीं लेकिन कुछ महत्वपूर्ण प्रश्नों को हमने इसमें शामिल किया है।

उम्मीद करता हु की आप हमारे जवाबों से संतुस्ट हो पाएंगे और यदि फिर भी आपके मन में तानसेन जी के प्रति कोई सवाल हो तो कमेंट में जरूर बताएं। हम आपके जवाबों को शीघ्र ही देने की कोशिश करेंगे।

1. तानसेन का मकबरा कहाँ स्थित है ?

महान संगीत सम्राट तानसेन जी का मकबरा मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर में स्थित है। वैसे ग्वालियर शहर को यूनेस्को द्वारा नई विश्व विरासत स्थल के लिए चुना गया है।

2. क्या यहाँ पर हिन्दू आ सकते है ?

बड़ा अजीब है आपका प्रश्न लेकिन मैं आपका जवाब दूंगा। आप चाहे किसी भी धर्म के हों आप यहाँ पर आ सकते है बशर्तें ख्याल रखें की आप किसी की भी भावना को ठेस ना पहुचायें।

3. तानसेन के मकबरे की स्थापना कब हुयी थी ?

तानसेन के मकबरे की स्थापना 16 वि शताब्दी में मुग़ल बादशाह अकबर के शासनकाल में हुयी थी।

4. क्या यह मकबरा रविवार के दिन खुला रहता है ?

तानसेन जी का मकबरा सप्ताह भर खुला रहता है और हाँ यह मकबरा सुबह 6 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक खुला रहता है।

5. क्या यहाँ पर बच्चों को ले जाना एक सही फैसला है ?

जी बिलकुल आप यहां पर अपने बच्चों के साथ साथ बड़ों को भी ले जा सकते है। कोशिश करे यदि आपके साथ बच्चे हो तो इस जगह और तानसेन जी के इतिहास के बारे में जरूर बताएं.

यदि आपको उनके बारे में ना भी पता हो तो आप हमारा आर्टिकल पढ़ें और बच्चों को भारतवर्ष पर गर्व करने का मौका दें।

6. तानसेन जी के गुरु का नाम बताइये ?

संगीत सम्राट तानसेन जी के गुरु का नाम मोहम्मद गॉस था। मोहम्मद गॉस जी एक सूफी संत थे और उनसे मिलने के पश्चात उन्होंने शास्त्रीय संगीत में काम तो किया ही था साथ ही साथ सूफी संगीत में भी बेहतरीन कार्य किया।

7. प्रवेश शुल्क के बारे में बताइये ?

एकदम फ्री है आप यहाँ पर आइये और इस जगह के टूरिज्म को बढाइये।

8. तानसेन हिन्दू थे या फिर मुसलमान ?

संगीत सम्राट तानसेन जी एक ब्राह्मण परिवार में जन्मे थे। इनके बचपन का नाम रामतनु था। बचपन से ही रामतनु को संगीत के प्रति लगाव रहा था।

आगे चलकर यही रामतनु पांडेय प्रसिद्ध संगीतकार बने और इनके कार्यों को देखकर खुद मुग़ल बादशाह अकबर उन्हें अपने नवरत्न में शामिल किया और ” संगीत सम्राट ” की उपाधि दी।

9. ग्वालियर रेलवे स्टेशन से यह कितनी दुरी पर स्थित है ?

3 Km

10. तानसेन जी के संगीत के बारे में बताइये ?

तानसेन के बारे में कहा जाता है की उनके गायन से यानि दीपक राग से दिये जल उठाते थे और मल्हार राग से बारिश होने लगती थी।

7. तानसेन के मकबरे की फोटो [Tansen tomb image]

8. निष्कर्ष [Conclusion]

दोस्तों संगीत के सम्राट कहे जाने वाले तानसेन जी एक महान कलाकार थे। उनका जन्म भले ही एक हिन्दू परिवार में हुआ था।

लेकिन उन्होंने अपने संगीत द्वारा हिन्दू और मुस्लिम दोनों ही जनों को मिलाने का कार्य किया।

एक तरफ जहाँ पर मुग़ल बादशाह अकबर अपनी स्थिति में सुधर करने के लिए यहाँ के राजपूतों के साथ वैवाहिक सम्बन्ध स्थापित कर रहा था तो वही पुरे भारतवर्ष उनके नवरत्न अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे थे।

यह जगह ऐतिहासिक रूप से काफी खास है क्यूंकी यहाँ पर ना सिर्फ तानसेन जी मकबरा [ Tansen tomb  ] बल्कि उनके गुरु मोहम्मद गॉस जी का भी मकबरा बनाया गया था। यह वाकई एक अद्भुत जगह है।

इसे भी पढ़ें- प्रसिद्ध सूफी संत शेख चिल्ली का मकबरा

तानसेन का मकबरा का मैप [Tansen tomb map]

9. सबसे महत्वपूर्ण बात [Most important thing]

दोस्तों इन ऐतिहासिक इमारतों या पर्यटन स्थलों पर टिकट के पैसा, यात्रा अवधी जैसे छोटी चीज़ें बदलती रहती है।

इसलिए यदि आपको इनके बारे में पता है तो जरूर कमेंट में जरूर बताएं हम जल्द ही आपके द्वारा दी गयी जानकारी को अपडेट कर देंगे। यदि इस पोस्ट में कुछ गलती रह गयी हो तो उसे कमेंट में जरूर बताएं।

यदि इस पोस्ट में कुछ गलती रह गयी हो तो उसे कमेंट में जरूर बताएं।

धन्यवाद !

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