मोढेरा सूर्य मंदिर का इतिहास और उसकी वास्तुकला | Modhera sun Temple
हमारे देश में सूर्य को एक भगवान के रूप में पूजा जाता है। उनके सम्मान में मंदिरों का निर्माण प्राचीन काल से ही किया जाता रहा है। सूर्य मंदिर के निर्माण का सीधा सा अर्थ यह है की हमारे प्राचीन ग्रंथो में जैसे की वेदों एवं पुराणों में भगवान सूर्य का काफी महत्व रहा है। भगवान सूर्य जब चलते थे तो उनके रथ में सात घोड़े जूते हुए होते थे जो साथ सप्ताह को सम्बोधित करते है।
गुजरात का सूर्य मंदिर जिसे हम मोढेरा सूर्य मंदिर के नाम से भी जानते है वह मोहसेन जिले में स्थित है। यह मोहसेन जिले से 25 किमी दूर पुष्पावती नदी के किनारे पर स्थित है। यह मंदिर सोलंकी वंशीय राजाओं ने बनवाया था। यह वंश गुजरात राज्य के सबसे शक्तिशाली राजवंशों में से एक थे।