Saraswati Mahal Library | सरस्वती महल पुस्तकालय- तंजावुर

निष्कर्ष

1. सरस्वती महल पुस्तकालय [Saraswathi Mahal Library in Hindi]

सरस्वती महल पुस्तकालय तमिलनाडु के तंजावुर में स्थित है।

यह भारत समेत पूरी एशिया के उन चुनिंदा पुस्तकालयों में से एक है जो आज भी मौजूद है। इस पुस्तकालय में कुछ विशेष पाण्डुलियाँ है।

यह पांडुलिपियां खजूर के पत्तों पर मराठी तेलगु अंग्रेजी सहित तमिल भाषा में लिखी गयी है।

इस पुस्तकालय में ज्यादातर पुस्तके और पांडुलिपियां संस्कृत भाषा में लिखी गयी है। ये पांडुलिपियां अत्यंत दुर्लभ है।

2. सरस्वती महल पुस्तकालय का इतिहास [Saraswathi Mahal Library History]

सरस्वती महल पुस्तकालय की स्थापना 17 वी सदी में की गयी थी। इस संग्रहालय में विभिन्न भाषाओ में 44000 से ज्यादा पाण्डुलियाँ, ताम्रपत्र, इत्यादि रखी गयी है।

इस पुस्तकालय को बनाने का श्रेय मराठा शासक शेरोफजी को जाता है।

इसीलिए उस समय इस पुस्तकालय का नाम “तंजावुर महाराजा शेरोफजी सरस्वती महल था”

इस लाइब्रेरी के विकास में मराठा शासकों का बड़ा योगदान रहा था।

शैरोफजी द्वितीय ने जर्मनी के श्रद्धालु शावर्तज द्वारा अंग्रजी फ्रेंच इतालियन और लैटिन भाषा सीखी और इस पुस्तकालय के विकास में मदद की।

उन्होंने संस्कृत भाषा के विकास के लिए विशेष तौर पर पुरे भारवर्ष से संस्कृत के प्रकांड विद्वानों को बुलाकर उनके द्वारा किये गए रचनाओं को इकट्ठा किया और उन्हें सम्मान सहित अपने राज्य में रखा।

राज्य सरकार द्वारा इसे 1918 में सार्वजिक कर दिया यानि अब लोग इस पुस्तकालय में जाकर अध्ययन कर सकते थे।

लेकिन आज भी इस पुस्तकालय का सरकारी नाम मराठाओं के सम्मान में “महान रॉयल मराठा संरक्षक” रखा गया है।

3. सरस्वती महल पुस्तकालय में रखी गयी पुस्तकें [Saraswathi Mahal Library collected Books]

इस पुस्तकालय में सन 1791 में छपी मद्रास पंचांग के साथ साथ बाइबिल की अत्यंत प्राचीन पुस्तके शामिल है।

इन पुस्तकों में ज्यादातर बातें साहित्य संगीत और चिकित्सा के बारे में की गयी है।

इसके आलावा 17,18 और 19 वी शताब्दी के बीच में लगभग 3076 मराठी तेलुगु पांडुलिपियों का संग्रह किया गया है। जिनमे 22 फ़ारसी और उर्दू पांडुलिपियां शामिल है।

आयुर्वेद के बारे में भी इस पुस्तकालय में कई पांडुलिपियां मिलती है इन पांडुलिपियों में रोगिओं के स्वस्थ्य और सामान्य जानकारी जैसे मामलो का अध्ययन किया गया है।

मराठा साम्राजय के 1342 अन्य पांडुलिपियों को रखा गया है जो मराठा शासको के गौरवशाली इतिहास को बतलाता है। इनमे 846 तेलुगु पांडुलिपियां ताड के पत्तों की है।

इस पुस्तकालय को कई सारे विभाग में बता गया है जहां हर विभाग के अनुसार किताबे और पांडुलिपियां उपलब्ध है।

  • प्राचीन पांडुलिपियां
  • चित्रित पांडुलिपियां
  • मूल ड्राइंग्स की मुद्रित प्रतिलिपियाँ
  • एटलस
  • तंजौर स्टाइल की पेपर पेंटिंग
  • केनवास पेंटिंग
  • लकड़ी की पेंटिंग
  • गिलास पेंटिंग
  • तंजावुर मराठा किंग्स की छवि इत्यादि.

इस पुस्तकालय में ढेर सारी पुस्तके मौजूद है साथ ही यदि कोई इन पुस्तकों को ऑनलाइन पढ़ें चाहें तो इसके लिए तमिलनाडु सरकार ने वर्ष 1998 में ही इन किताबों को online publish कर दिया है।

ऐसा ही एक प्रयास बिहार सरकार द्वारा खुदाबख्श पुस्तकालय को किया गया है।

आप उनके official sites  से जाकर और भी जानकारियां जुटा सकते है। या नीचे दिया गए लिए लिंक पर click करके भी जा सकते है। सरस्वती महल पुस्तकालय

4. प्रवेश शुल्क [Entry fee of saraswati mahal library Thanjavur]

इस पुस्तकालय में घूमने या पढ़ने के लिए पर्यटक आते है। इस लाइब्रेरी का प्रवेश शुल्क है- 50 रूपये। यदि आप कैमरा ले जाना चाहे तो अलग से 50 रूपये शुल्क लगता है।

5. पुस्तकालय का समय [Visiting time of saraswati mahal library Thanjavur]

यह पुस्तकालय सुबह 10 बजे खुल जाता है और शाम के 5.30 तक बंद हो जाता है।

वही 1.30 बजे लंच के लिए ब्रेक होता है।

6. सरस्वती महल पुस्तकालय से कैसे संपर्क करें ? [How to contact Saraswathi Mahal Library]

नीचे दिए हुए link पर क्लिक करके आप सरस्वती महल पुस्तकालय से संपर्क कर पाएंगे-

Email – [email protected]

Phone- (04362) 334107 | (04362) 333568

Pincode613009

7. तमिलनाडु राज्य में कुल कितने पुस्तकालय है ? [Total Library in Tamilnadu]

तमिलनाडु राज्य में कुल कितने पुस्तकालय है इस बारे में जानने के लिए आप government of Tamilnadu पर विजिट कर सकते है।

8. परिवहन सुविधा [How to reach]

नजदीकी रेलवे स्टेशनतंजौर रेलवे स्टेशन 2 km
नजदीकी हवाई अड्डा-तिरुचिरापल्ली अंतराष्ट्रीय हवाई अड्डा 48 km

Leave a Comment