सज्जनगढ़ मानसून पैलेस की कहानी | Sajjangarh Monsoon Palace

राजस्थान की धरती वीरों की रही है। यहाँ पर समय के साथ साथ एक से बढ़कर एक महावीर पैदा हुए थे जिन्होंने अपने प्राणो की आहुति इस प्यारी मिटटी के लिए दी। ऐसे वीरों को मेरा प्रणाम।

इन प्रमुख वीर राजाओं में कुछ ने तो ज्ञान-विज्ञान के महत्व को समझा और उसे लोगों के सामने प्रस्तुत करने का भी कार्य किया। जिनमे से सवाई राजा जयसिंह का नाम सर्वप्रथम आता है।

राजस्थान के इस वीर राजा ने अपनी बुद्धिमत्ता और कुशलता के दम पर भारतवर्ष के साथ साथ पुरे विश्व में भारत का डंका बजाया।

आज के इस आर्टिकल में हम एक ऐसे ही महान राजा के बारे में जानेंगे।

जिन्होंने ना सिर्फ अपनी प्रजा का ध्यान रखा बल्कि अपने समकालीन राजाओ के सामने अपनी बुद्धिमत्ता का परिचय देते हुए यह बतलाया की विज्ञान के बिना कुछ भी असंभव नहीं।

तो आइये देखते है उनके द्वारा किये गए कुछ कार्य जिनसे उन्होंने अपना नाम इतिहास में अमर कर लिया।

1. सज्जनगढ़ मानसून पैलेस कहाँ पर स्थित है ? [Sajjanagarh palace in hindi]

सज्जनगढ़ मानसून पैलेस राजस्थान के उदयपुर शहर में स्थित है। इस पैलेस को मानसून महल, सज्जनगढ़ का किला, मानसून का किला इत्यादि के नाम से भी जाना जाता है।

19 वि सदी में इस महल की स्थापना महाराजा सज्जन सिंह ने की थी।

इस पैलेस को मानसून के प्रतीकों और उनके द्वारा की गयी सूक्ष्म गतिविधियों की सटीक गणना करने के उद्देश्य से बनाया गया था।

यह पैलेस उदयपुर की सबसे ऊँची इमारत में से एक है। इसे अरावली पर्वतमाला की बंसदरा पहाड़ी पर स्थित है।

यह समुद्र तल से लगभग 994 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।

इसकी खूबसूरती और कार्य को देखकर ही तो इसे उदयपुर का मुकुटमणि कहते है।

हालांकि सज्जनगढ़ मानसून महल की स्थापना महाराज सज्जनसिंह जी द्वारा हुआ था।

लेकिन उनके शासनकाल में इस महल का निर्माण संभव न हो पाया। इस महल को पूर्ण करने का श्रेय उनके पुत्र फ़तेह सिंह द्वारा किया गया।

सज्जनगढ़ मानसून पैलेस की ख्याति का अंदाजा इस प्रकार से लगा सकते है की वर्ष 1983 में बनी जेम्स बांड की फिल्म ऑक्टोपुस्सी के कुछ दृश्यों को शूट किया गया था।

1.1 कौन थे महाराजा सज्जन सिंह ? [who is maharaja sajjan singh]

भारतवर्ष में ऐसे काम ही उदाहरण मिलते है जहाँ पर कोई भी राजा विज्ञानं के प्रति अपनी रूचि को दिखाए। ज्यादातर राजाओं ने सिर्फ और सिर्फ युद्ध लड़ने और भूमि कब्ज़ा करने में ही अपनी जिंदगी गवा दी।

लेकिन कुछ राजाओं ने विज्ञानं के महत्व को समझा और उस पर पर्याप्त ध्यान दिया। उन्ही में से एक थे महाराजा सज्जन सिंह

वह मेवाड़ के सिसोदिया राजवंश से सम्बंधित थे। उनका जन्म 18 जुलाई 1859 को था। उनके पिता का नाम महाराणा शम्भू सिंह था। इन्होने मात्रा 10 वर्ष ही राज कर पाए। इनके बाद उदयपुर की गद्दी इनके पुत्र फ़तेह सिंह को मिली।

राजस्थान के वीर राजाओ में से एक थे सवाई राजा जयसिंह। दोस्तों इन्होने भी विज्ञानं के के महत्व को समझा और ना सिर्फ अपने राजय में बल्कि अन्य राज्यों में भी बखूबी फैलाया।

इसके लिए उन्होंने उत्तर भारत के पांच प्रमुख राज्य के राजाओ से मिलकर जंतर मंतर की स्थापना की और खगोलीय घटनाओ को समझने में काफी मदद की।

इसे पढ़ेंजंतर मंतर- एक खगोलीय वेधशाला

2. सज्जजनगढ़ मानसून पैलेस का इतिहास [Sajjangarh fort history]

महाराजा सज्जन सिंह जी इस महल को बनाने का मूल उद्देश्य था- मानसून की गतिविधियों को रिकॉर्ड करना और उनका मुआयना करके भविष्यवाणी करना ताकि किसानो की फसलों को किसी भी प्रकार का नुकसान पहुचें और उन्हें उनके फसलों के उचित दाम भी मिल सकें।

लेकिन उनकी यह योजना पूरी न हो पायी और बीच में ही 26 वर्ष की अवस्था में उनकी मृत्यु हो गयी।

आज के समय में सज्जनगढ़ पैलेस शिकारी लाज के रूप में उपयोग किया जा रहा है। यह एक पांच मंजिला भवन है। जिसमे 3 मजिले नीचे की तरफ गयी हुयी वही 2 मंजिले ऊपर की तरफ।

ऐसा माना जाता है की नीचे की यह मंजिले गुप्त दरवाजे थे जो सुरंग का कार्य करते थे।

3. सज्जनगढ़ मानसून पैलेस की स्थापत्य कला [sajjangarh fort architecture]

इस पैलेस को बनाने में राजपूत शैली का प्रयोग किया गया था इसके अलावा इसकी स्तम्भों पर संगमरमर के पत्थरों का प्रयोग किया गया है।

महल के बुर्ज छतो और स्तम्भों पर महीन कलाकारी की गयी है। महल की दीवारे चुना पत्थर से निर्मित है। महल की दीवारे चुना पत्थर से निर्मित है।

चूँकि राजस्थान में पानी की कमी होती है इसी वजह से इस महल में पानी को इकट्ठे करने के लिए एक भूमिगत कुंड को स्थापित किया गया।

इस भूमिगत पानी का प्रयोग दिनचर्या के कार्यों में किया जाता था।

इस पैलेस के चारों तरफ खूबसूरत गुंबद और फव्वारें इसकी खूबसूरती में चार चाँद लगात है।

खुलने का समय– सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक यह महल खुला रहता है।

साप्ताहिक बंदी– यह महल सप्ताह के सातों दिन खुला रहता है।

प्रवेश शुल्क– भारतीय पर्यटकों के लिए 10 रूपये और विदेशी पर्यटकों के लिए 80 रूपये का प्रवेश शुल्क लिए जाता है।

4. सज्जनगढ़ मानसून पैलेस के कुछ प्रमुख तथ्य [sajjangarh palace fact]

  • सज्जनगढ़ मानसून पैलेस का प्रयोग मानसून की गतिविधियों को ट्रैक करने के उद्देश्य से बनाया गया था.
  • इस महल की स्थापना महाराजा सज्जनसिंह द्वारा किया गया था.
  • वर्ष 1983 में बनी जेम्स बांड की फिल्म ऑक्टोपुस्सी के कुछ दृश्यों को शूट किया गया था।
  • सूर्यास्त के समय में यह महल सुनहरे नारंगी रंग की रौशनी में नहाया हुआ लगता है.
  • वर्ष के जल को भूमिगत कुंड के माध्यम से इकठ्ठा करने की तकनीक का इस्तेमाल बखूभी किया गया है.

5. उदयपुर के अन्य पर्यटन स्थल [Tourist place in udaypur]

राजस्थान का प्रत्येक शहर अपने आप में एक इतिहास रखता है। कारण है यहाँ के वीर राजपूत राजा।

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इन राजाओं ने ना सिर्फ अपनी वीरता से इस राज्य और देश को गर्वान्वित किया बल्कि उनके द्वारा बनवाये गए अद्भुत इमारत जैसे महल किले इत्यादि से भी काफी प्रसिद्धि पायी।

दोस्तों आप इस राज्य के किसी भी हिस्से में जाओगे तो आपको कुछ ना कुछ अद्भुत देखने को मिलेगा।

चूँकि आज हम उदयपुर की बात कर रहे हैं तो मैं आपको बता दूँ की उदयपुर के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल इस प्रकार है-

  • उदयपुर का सिटी पैलेस
  • पिछोला झील
  • जगमंदिर
  • फ़तेह सागर झील
  • सहेलियों की बाड़ी
  • जगदीश मंदिर
  • सज्जनगढ़ मानसून पैलेस
  • बगोर की हवेली
  • MS लेदर क्राफ्ट शिल्पग्राम
  • सज्जनगढ़ वनयजीव अभयारण्य

6. परिवहन सुविधा [How to reach sajjangarh fort]

सड़क यात्रा-राजस्थान की राज्य सरकार द्वारा बसों से पर्याप्त इंतज़ाम किया हुआ है निश्चिन्त रहें
नजदीकी रेलवे स्टेशनउदयपुर रेवले स्टेशन
नजदीकी हवाई अड्डामहाराणा प्रताप हवाई अड्डा

7. सवाल जवाब [FAQ]

दोस्तों आप सभी के द्वारा सज्जनगढ़ मानसून पैलेस के बारे में कुछ सवाल पूछे गए है। जिनमे से कुछ को हमने इस आर्टिकल में सबमिट किया है।

उम्मीद है हमारे द्वारा दिए गए जवाबों से आप सभी संतुष्ट हो पाएंगे।

1. सज्जनगढ़ पैलेस को बनाने का उद्देश्य क्या था ?

सज्जनगढ़ मानसून पैलेस का प्रयोग मानसून की गतिविधियों को ट्रैक करने के उद्देश्य से बनाया गया था.

2. इस पैलेस को किसने बनाया था ?

इस महल की स्थापना महाराजा सज्जनसिंह द्वारा किया गया था.

3. क्या इस पैलेस में फिल्मो कोई शूटिंग भी हुयी थी। अगर हुयी थी तो कौन सी फिल्म यहाँ पर शूट हुयी थी ?

जी हाँ इस जगह पर कई फिल्मों की शूटिंग भी हुयी है। वर्ष 1983 में बनी जेम्स बांड की फिल्म ऑक्टोपुस्सी के कुछ दृश्यों को शूट किया गया था।

4. प्रवेश शुल्क के बारे में बताइये ?

भारतीय पर्यटकों के लिए 10 रूपये और विदेशी पर्यटकों के लिए 80 रूपये का प्रवेश शुल्क लिए जाता है।

5. सज्जनगढ़ मानसून पैलेस कब खुलता है ?

सुबह 8 बजे शाम के 6 बजे तक यह पैलेस खुलता है.

6.सज्जनगढ़ मानसून पैलेस नजदीकी रेलवे स्टेशन कौन सा है ?

सज्जनगढ़ मानसून पैलेस नजदीकी रेलवे स्टेशन उदयपुर रेवले स्टेशन है।

7. सवाई राजा जय सिंह का विज्ञान के क्षेत्र में क्या योगदान रहा था ?

सवाई राजा जय सिंह जी ने विज्ञान के महत्व को समझते हुए जंतर मंतर का निर्माण किया जिसकी वजह से सटीक भविष्यवाणी की जाती थी।

इन जगहों पर आज भी प्राचीन गणना द्वारा पंचांगों का निर्माण किया जाता है।

8. सज्जनगढ़ मानसून पैलेस की फोटो [Sajjangarh fort image]

9. निष्कर्ष [Conclusion]

दोस्तों राजस्थान का उदयपुर में स्थित इस सज्जनगढ़ मानसून पैलेस को बादलों या मानसून को देखने के लिए ही बनाया गया था।

भारतवर्ष पर कई राजवंशों ने राज किया लेकिन ऐसे बेहद काम ही उदाहरण हमें देखने को मिलते है जहाँ पर किसी राजा ने शिक्षा पर कार्य किया हो।

सज्जनगढ़ मानसून पैलेस इनमे से ही एक है। इस जगह पर आने पर आपको लगेगा जैसे की आप बादलों के घर में बैठें हो और बादल आपको मेहमान नवाजी कर रहा है।

चूँकि यह जगह सबसे अधिक ऊंचाई पर स्थित है इसलिए आपको इस जगह से पुरे शहर का नजारा देखने को मिलेगा।

9. सज्जनगढ़ मानसून पैलेस की लोकेशन [Sajjangarh monsoon palace map]

10. सबसे महत्वपूर्ण बात [Most importent thing to visit sajjangarh monsoon palace ]

दोस्तों इन ऐतिहासिक इमारतों या पर्यटन स्थलों पर टिकट के पैसा, यात्रा अवधी जैसे छोटी चीज़ें बदलती रहती है। इसलिए यदि आपको इनके बारे में पता है तो जरूर कमेंट में जरूर बताएं हम जल्द ही आपके द्वारा दी गयी जानकारी को अपडेट कर देंगे।

यदि इस पोस्ट में कुछ गलती रह गयी हो तो उसे कमेंट में जरूर बताएं।

धन्यवाद।

2 thoughts on “सज्जनगढ़ मानसून पैलेस की कहानी | Sajjangarh Monsoon Palace”

    • जय श्री महाकाल रवि सर, आप एंट्री फीस के बारे में जानकारी को हमसे कमेंट में साझा करें ताकि हमारे दूसरे पर्यटक भी आपके द्वारा दी गयी जानकरी का लाभ उठा सकें

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