विवेकानंद रॉक मेमोरियल का इतिहास और उसकी वास्तुकला

1. विवेकानंद रॉक मेमोरियल [Vivekananda Rock Memorial in Hindi]

विवेकानंद रॉक मेमोरियल तमिलनाडु राज्य के कन्याकुमारी में स्थित है।

यह मेमोरियल स्वामी विवेकानंद जी की याद में बनवाया गया एक स्मारक है।

यह स्मारक तमिलनाडु से 500 मीटर दूर समुद्र में स्थित दो चट्टानों के ऊपर बनाया गया है जिसकी ऊंचाई समुद्र तट से 50 फिट है।

2. विवेकानंद रॉक मेमोरियल का इतिहास [Vivekananda Rock Memorial History]

स्वामी विवेकानंद जी पुरे भारतवर्ष को अपनी आँखों से देखने के लिए अपनी यात्रा प्रारम्भ की।

वह राजस्थान, माउंट अबू मुंबई , मैसूर, रामेस्वरम होते हुए भारत के दक्षिणतम छोर यानि कन्याकुमारी पहुचें।

वे समुद्र में तैरकर एक बड़ी सी चट्टान के पास पहुंचे और वहां पर बैठकर अपनी भारतमाता के बारे में सोचने लगे और वही पर ध्यान लगाया।

इसी जगह पर 1970 में स्वामी विवेकानंद जी की याद में विवेकानंद मेमोरियल स्मारक बनाया गया।

सन 1963 में तमिलनाडु के स्वयंसेवक संघ जिसे हम RSS के नाम से भी जाने है उसके एक सदस्य थे दत्ताजी दिदोलकर।

उन्होंने सोचा स्वामी जी द्वारा इस शिला पर ध्यान लगया गया था इसलिए इस शिला का नाम विवेकानंद जी के नाम पर विवेकानंद शिला रखना चाहिए।

उनके द्वारा इस कार्य को बहुत अधिक प्रोत्साहन मिला सिवाय कुछ चर्च के।

कुछ चर्च इस शिला को अपना प्रभुत्व बताकर इसका नाम सेंट जेवियर रॉक रखा।

तनाव की स्थिति में राज्य सरकार ने धारा 144 यानि कर्फु लगा दिया।

लेकिन दत्ताजी दिदोलकर जी ने हार नहीं मानी। उन्होंने मन्मथ पद्भनाभं की अध्यक्षयता में अखिल भारतीय विवेकानंद शिला स्मारक समिति का गठन किया।

साथ ही उन्होंने यह भी बात रखी की 12 जनवरी 1963 को स्वामी जी के शताब्दी समारोह के दिन इस शिला पर उनकी मूर्ति स्थापित करेंगे।

स्वामी जी की मूर्ति स्थापित करने में ढेर सारी अड़चने आयी, पर अंततः स्वामी जी की मूर्ति यहाँ पर विराजमान हुयी।

इस कार्य में एकनाथ रानाडे जी के साथ साथ भारत के उन तमाम देशवासियों का सहयोग प्राप्त हुआ।

इस स्मारक का उद्घाटन 2 सितम्बर को भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति श्री वि वि गिरी एवं तमिलनाडु के तत्कालीन मुख्यमंत्री करूणानिधि जी द्वारा किया गया।

यह समारोह लगभग 2 महीने तक चला। इसमें भारत की प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी जी ने भी भाग लिया था।

इस प्रकार स्वामी जी की मूर्ति स्थापित हुयी।

3. विवेकानंद कौन थे ? [Who was Vivekananda]

स्वामी विवेकानंद जी का जन्म 12 जनवरी 1863 को पश्चिम बंगाल के कोलकाता शहर में हुआ था।

इनका बचपन का नाम नरेंद्र नाथ था। उनके पिताजी श्री विश्वनाथ दत्त पेशे से एक वकील थे एवं उनकी माता भुवनेश्वरी देवी जी एक कुशल गृहणी थी।

बालक नरेंद्र बचपन से ही बड़े नटखट प्रवृत्ति के थे।

जब कभी भी उनको संभालना कठिन हो जाता था तब उनकी माता जी उनके सिर पर ठंडा पानी डालती थी और उनके कानो में शिव जी का जाप करती थी और बालक नरेंद्र बिलकुल ही शांत हो जाते थे।

बचपन से माँ द्वारा रामायण महाभारत की कथा सुनकर वह बड़े हुए थे। यही कारण है की वह जीवन भर धर्म के प्रति सजग रहे।

3.1 स्वामी विवेकानंद जी की शिक्षा

बालक नरेंद्र के बड़े होने पर उनका सारा ध्यान किताबों में लगने लगा।

उनके पिता विस्वनाथ जी एक बार किसी कारणवश कोलकाता से बहार चले गए जिससे नरेंद्र की पढ़ाई छूट गयी।

जब वह लौट कर वापस आये तब उन्होंने तीन वर्षों का पाठ्यक्रम सीरत एक ही वर्ष में पूरा करना पड़ा।

परन्तु विलक्षण प्रतिभा के धनी बालक नरेंद्र ने न सिर्फ उस परीक्षा को प्रथम श्रेणी से पास किया बल्कि उस समय एक प्रसिद्ध कालेज जिसे प्रेसीडेंसी कॉलेज के नाम से जाना जाता है वहां पर अपना दाखिला भी लिया।

यह वही प्रेसीडेन्सी कॉलेज था जहां से भगत सिंह सुबाष चंद्र बोस नरेंद्र नाथ टैगोर जैसे बड़े देशभक्त और क्रांतिकारी निकले थे।

सन 1861 में B.A की परीक्षा पास की। उन्होंने संगीत की भी शिक्षा प्राप्त की थी।

वह प्रेसीडेंसी कॉलेज में गायन और वाद विवाद या भासन के लिए जाने जाते थे।

वह किसी भी विषय पर धाराप्रवाह भाषण दिया करते थे और श्रोतागण उनके भाषण को सुनकर गदगद हो उठते थे।

3.2 स्वामी विवेकानंद और उनके गुरु

स्वामी विवेकानंद जी के गुरु का नाम था – श्रीरामकृष्ण। विवेकानंद जी अपने गुरु से मिलने ढक्षिणेश्वर जाया करते थे और उनके प्रवचनों को सुनकर मुग्ध हो जाया करते थे।

परन्तु उन्होंने अपने गुरु की बाटे शब्दशः नहीं लिया बल्कि उनके द्वारा कहे गए शब्दों का तार्किक विश्लेषण करते थे उसके बाद ही वह उनकी बातों पर विश्वास कर पाते थे।

3.3 अमेरिका में स्वामी विवेकानंद जी

खेतड़ी के महाराजा द्वारा निमंत्रण मिलने पर वह उनसे मिलने पहुंचे।

यही पर महाराज ने नरेंद्र दत्त को विवेकानंद की उपाधि प्रदान की। साथ ही कनाडा जाने के लिए उनकी व्यवस्था की।

स्वामी जी कनाडा के वैंकुवर पहुंचे। वहां पर उनकी मुलाकात अमेरिका की एक महिला सेनबॉर्न से हुयी।

वह स्वामी जी से प्रभावित हुयी और उन्हें शिकागो के बोस्टन शहर जहाँ पर उनका घर था आमंत्रित किया।

3.4 धर्म महासभा में स्वामी विवेकानंद जी

11 सितम्बर 1893 को अमेरिका में एक धर्म सभा का आयोजन हुआ।

जिस हाल में यह आयोजन हो रहा था उसका नाम था- हॉल ऑफ़ कोलंबस

इस धर्म सभा में सभी देशों के धार्मिक प्रतिनिधि आये हुए थे और कतरबद्धा तरीके से अपनी अपनी देश और धर्म का गुणगान करते जा रहे थे.

इसी क्रम में स्वामी जी ने भी अपना भाषण दिया। भाषण की शुरुआत उन्होंने “अमेरिकावासी बहनो और भाइयों ” शब्द से किया।

उनके द्वारा इस भाईचारे को सुनकर सभी श्रोतागण मुग्ध हो गए और स्वामी जी के व्यक्तित्व और भारत देश के प्रति उनकी उत्सुकता बढ़ गयी।

4 जुलाई 1902 को स्वामी जी की मृत्यु हो गयी।

4. विवेकानंद रॉक मेमोरियल की स्थापत्य कला [Architecture of Vivekananda Rock Memorial]

स्वामी विवेकानंद जी के संदेशों को एक रूप देने के लिए इस शिला या मेमोरियल की स्थापना सं 1970 में की गयी थी।

विवेकानंद रॉक मेमोरियल का प्रवेश द्वार अत्न्यन्त सुन्दर है। यह स्मारक लाल पत्थर से बनाया गया है।

समारक के अंदर स्वामी विवेकानंद जी की कांस्य की मूर्ति रखी हुयी है जिसकी उचाई 8.50 फ़ीट है।

इस स्मारक का वास्तुशिल्प अजंता और एलोरा की गुफाओ से लिया गया है।

यह 70 फिट ऊँचा गुम्बद है जो दूर से ही दिखलाई पड़ता है। यह जगह सूर्योदय और सूर्यास्त दोनों के लिए प्रसिद्ध है। यह 6 एकड़ में फैला हुआ है

5. लोकप्रिय समय [Best time to visit]

विवेकानंद रॉक मेमोरियल को देखने का सबसे अच्छा समय सुबह और शाम है क्यूंकि सुबह और शाम में जब सूर्य समुद्र से निकलता या छुपता है तो यह अत्यंत लुभावना लगता है।

इसे देखने के लिए आप किसी भी मौसम में आ सकते है लेकिन यदि आप नवंबर से मार्च के महीने में आएंगे तो आपका अनुभव बेहतर होगा।

यह सुबह के 8 बजे से शाम 4 बजे तक खुला रहता है।

6. विवेकानंद रॉक मेमोरियल की PDF [Vivekananda Rock Memorial PDF]

दोस्तों विवेकानंद रॉक मेमोरियल की PDF नीचे दिए गए लिंक पर है आप इसे डाउनलोड कर सकते है और शेयर भी।

8. निष्कर्ष [Conclusion]

दोस्तों कन्याकुमारी में स्थित विवेकानंद रॉक मेमोरियल सूर्योदय और सूर्यास्त देखने के लिए प्रसिद्ध है, साथ ही विवेकानंद जी की प्रतिमा भी लगी हुयी है।

यह जगह बच्चो और बड़ों सभी के लिए अच्छी है।

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धन्यवाद।

Vivekananda rock memorial map

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