[PDF] मध्य प्रदेश के ओरछा और ग्वालियर हुए विश्व विरासत शहर की सूचि में शामिल

1. ओरछा और ग्वालियर कहाँ पर स्थित है ? [where is Orchha and Gwalior?]

ओरछा और ग्वालियर भारतवर्ष के मध्य प्रदेश राज्य में स्थित है।

हाल ही में इन दोनों ऐतिहासिक स्थलों को UNESCO द्वारा विश्व विरासत स्थल की सूची में रखा गया है जो अपने आप में इस जगह की महत्ता को दर्शाता है।

2. भारत के विश्व विरासत स्थल [UNESCO sites in India 2021]

भारत में अब कुल मिलकर 38 विश्व विरासत स्थल हो गए है।

मैंने इन 38 स्थलों के बारें में विस्तार से बतलाया भी है उम्मीद है आप सभी को पसंद आएगा।

इसे पढ़ें – भारत के विश्व विरासत स्थल

3. ग्वालियर और ओरछा यूनेस्को [Gwalior and Orchha UNESCO in Hindi pdf free download]

दोस्तों ओरछा और ग्वालियर इन दोनों ही ऐतिहासिक स्थलों का अपना महत्व है। तो आइये इनके बारे में विस्तार से जानने की कोशिश करते है-

3.1 ग्वालियर [Gwalior]

  1. मध्य प्रदेश के इस ऐतिहासिक शहर पर प्राचीन काल से ही तोमरों गुर्जर प्रतिहारों कछवाहों सिंधियाँ इत्यादि बड़े बड़े राजवंशों का इस पर राज रहा है.
  2. इन सभी राजाओ ने अपने अपने हिसाब से इस जगह पर विभिन्न प्रकार की कला एवं संस्कृति का विकास किया था.
  3. ग्वालियर के सबसे प्राचीन शिलालेख में हमें मिहिरकुल का नाम दिखाई देता है.
  4. ग्वालियर शहर में कई प्राचीन महल और किले है. जिनमे गुर्जर प्रतिहार शासकों द्वारा बनवाये गये प्रभु विष्णुजी का मंदिर कछवाहा राजा मानसिंह द्वारा बनवाया गया मानमंदिर जयविलास महल तानसेन स्मारक गोपचल पर्वत इत्यादि शामिल है.
  5. १३७५ ईस्वी में ग्वालियर के नए शासक हुए – राजा वीर सिंह . इन्होने ने ही तोमरवंश की स्थापना की और जैन मतावलम्बी होने के कारन ग्वालियर के किले में जैन मूर्तियां स्थापित करवाई.
  6. इस शहर की स्थापना ९ वि शताब्दी में हुयी थी.
  7. यही पर प्रसिद्ध सास-बहु मंदिर भी है.

3.2 ओरछा [Orchha]

  1. ओरछा शहर बुंदेलखंड क्षेत्र में स्थित है। जिस प्रकार राजस्थान अपने किलो के लिए प्रसिद्ध है उसी प्रकार यह क्षेत्र मंदिरो और महलों के लिए प्रसिद्ध है।
  2. यह शहर बेतवा नदी के किनारे पर स्थित है। जी हाँ यह वही बेतवा नदी है जिसकी दो सहायक नदिया है- जामनी और धसान
  3. ओरछा शहर निम्न चीज़ों के लिए जाना जाता है – लक्ष्मीनारायण मंदिर राज महल जहांगीर महल और राय प्रवीण महल इत्यादि.
  4. 16 वी सदी में ओरछा बुन्देल साम्राज्य की राजधानी थी.

4. यूनेस्को किस प्रकार किसी भी जगह को विश्व विरासत स्थल की सूची में रखती है? [How to UNESCO choose any place to World Heritage sites ?]

यूनेस्को किसी भी ऐतिहासिक स्थलों को मुख्यतः 10 पैमाने पर परखकर उन्हें विश्व विरासत सूची में रखती है।

इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए UNESCO के official site पर जाकर check कर सकते है।

खैर यह सूची इस प्रकार है –

  1. मनुष्य की रचनात्मक कला को दर्शाने वाला स्थल
  2. मनुष्य द्वारा किसी विशेष सांस्कृतिक क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य
  3. पुराणी परम्पराओं को जीवित रखने वाली सभ्यताओं का स्थल
  4. वस्तुकला स्थापत्य कला में विशेष योगदान
  5. किसी सभ्यता का मानव और पर्यावरण दोनों के बीच की विशेष सबंध
  6. कलात्मक या साहित्यिक कार्यों का स्थलों से सम्बन्ध
  7. प्रकृति द्वारा बनवाये गए विभिन्न संरचायें जैसे – गुफाएं इत्यादि
  8. वह स्थल जिसका हमारे विकास में गहरा सम्बन्ध हो
  9. कीटो और विभिन्न जीवों के विकास को बताने वाले स्थल
  10. जैव विविधता को दर्शाने वाले स्थल

5. क्या यूनेस्को द्वार चिन्हित स्थलों को किसी भी प्रकार का फायदा मिलता है ?

यूनेस्को द्वारा जब किसी भी स्थल को विश्व विरासत की सूची में एक बार स्थान मिलने के पश्चात उस जगह की पुनर्निर्माण की जिम्मेदारी स्थानीय सरकार के हाथों में जाती है।

यानि की उस स्थल में स्थित महल या मंदिरों को फिर से विकसित किया जाता है। उन्हें पेंट करके वापस से उसी रूप में लाने की कोशिश की जाती है।

इस स्थल के आस पास के स्थानों को साफ सुथरा किया जाता है।

सड़के चौड़ी की जाती है ताकि पर्यटन को बढ़ावा दिया जा सकें।

पर्यटन को बढ़ावा मिलने से क्षेत्र, राज्य और उसके बाद देश को एक पहचान मिलती है।

है न गर्व की बात।

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