परी महल का इतिहास और उसकी वास्तुकला | Pari mahal jammu

दोस्तों भारत में मुग़ल शासकों द्वारा बनवायी गयी इमारते आज भी लोगों के मन को लुभाती है। फिर चाहे बात हुमायूं के मकबरे की हो या फिर अकबर और शाहजहां द्वारा बनवाये गए इमारतों की।

शाहजहां के शासनकाल के दौरान हुए कला और संस्कृति के विकास ने भारत को एक अलग पहचान दी। इसलिए तो इनके शासनकाल को स्वर्ण काल के रूप में याद किया जाता है।

विश्वप्रसिद्ध ताजमहल, दिल्ली का लालकिला और जामा-मस्जिद इत्यादि ऐतिहासिक इमारतों का निर्माण इन्ही के शासनकाल के दौरन हुआ था। यह सभी इमारते मुग़ल बादशाहों के कला और संस्कृति के प्रति रूचि का ही परिणाम है।

दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम चलने वाले है मुग़ल साम्राज्य के उस ऐतिहासिक इमारत के दर्शन करने जिसे परियों के महल के तौर पर जाना जाता है।

जी हाँ हम बात कर रहे है श्रीनगर में स्थित परी महल की। आज हम इसी महल के इतिहास और उसकी वास्तुकला के साथ साथ उस अभागे मुग़ल राजकुमार बारे में बात करेंगे जिन्होंने इसे बनाया था।

1. परी महल का इतिहास [Pari mahel hindi]

परी महल प्रकृति की गोद में बसा हुआ एक खूबसूरत महल है जिसके बारे में शायद ही हर कोई जनता हो।

यह महल जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर से मात्र 13 किमी की दुरी पर स्थित है।

इसी महल के बिलकुल पास ही में जम्मू कश्मीर की सबसे खूबसूरत और आकर्षक झील जिसे हम डल झील के नाम से जानते है स्थित है।

जो इस महल की खूबसूरती में चार चाँद लगाती है।

इस महल की स्थापना मुग़ल साम्राज्य के एक अभागे शासक दारा शिकोह द्वारा बनवाया गया था।

उस समय मुग़ल साम्राज्य के इतिहासकार और विद्वान इसकी खूबसूरती से काफी प्रभावित हुए थे। यही कारण है की इस महल का नाम परियों का महल पड़ा।

उन इतिहासकारों और विद्वानों ने इस महल को परियों के महल के नाम से सम्बोधित किया।

दोस्तों परी महल, जबरवान पहाड़ी खूबसूरत वादियों में बसा हुआ है।

महल में चारों तरफ बगीचे लगाए गए है। इसके आलावा महल में फव्वारें बनाये गए थे।

जिनका उपयोग सजावट के लिए किया गया था।

दोस्तों आप लोगों के मन में भी एक प्रश्न आ रहा होगा की आखिर मुग़ल राजकुमार दाराशिकोह अपनी ऐश्वर्य वाली जिंदगी छोड़कर और राजधानी दिल्ली से इतनी दूर क्यों आये होंगे ?

इस सवाल का जवाब यह है की राजकुमार दाराशिकोह को पढ़ाई से प्रेम था, और आप सभी तो जानते ही होंगे की पढ़ाई करने के लिए एक शांत जगह की जरूरत पड़ती है।

और भला मुग़ल साम्राज्य के भीड़भाड़ वाले परिवेश में उन्हें पढ़ने का मौका कैसे मिलता ? इसलिए उन्होने इस कश्मीर की शांत वादियों को चुना और यही पर एक महल का निर्माण करवाया।

असल में परी महल का निर्माण राजकुमार दाराशिकोह ने एक पुस्तकालय के रूप में करवाया था, जहाँ पर वह खगोलशास्त्र और ज्योतिषशास्त्र जैसे विषयों का अध्ययन किया करते थे।

वह मुग़ल साम्राज्य के भीड़भाड़ या यूँ कहें की युद्धों और राजदरबार से दूर रहने के कारण उनके भाइयों और मंत्री मंडल में यह बात घर कर गयी की शायद दाराशिकोह राजकाज के लिए उपर्युक्त नहीं है।

शायद यही वजह रही होगी जिससे उनके भाई औरंगजेब को लगा होगा की सिर्फ और सिर्फ वही मुग़ल साम्राज्य को संभालने के काबिल है इसलिए तो उसने दारा शिकोह के साथ-साथ अपने तीन अन्य भाइयों को युद्धों में पराजित करके उन्हें मौत के घाट उतर दिया।

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1.1 मुग़ल वंश [Mughal dynasty]

भारत में मुग़ल साम्राज्य की स्थापना का श्रेय बाबर को जाता है। पानीपत के प्रथम युद्ध में दिल्ली के सुल्तान इब्राहिम   लोधी को पराजित करके अपना साम्राज्य भारत में ही स्थापित करने का निश्चय किया।

असल में बाबर फरगना का निवासी था। यह वही फरगना था जिसे हम आज अफगनिस्तान के नाम से जानते है और वर्तमान में तालिबान की नयी सरकार बनने के पश्चात यह विश्वभर में काफी सुर्खियों में रहा है।

बाबर ने अपना साम्राज्य फरगना में बनाये रखने की भरपूर कोशिश की लेकिन हर बार वह असफल हो जाता था। कभी कभी तो वह जीतते-जीतते भी हार जाता था। लेकिन उसने कभी भी हार नहीं मानी।

लगातार युद्धों में लगे रहने के कारण उसका राजकोष खली हो चूका था, और वह अपने राजकोष को पुनः भरना चाहता था ताकि वह युद्ध जीत सके और अपने सैनिकों की खातिरदारी कर सके।

तब उसकी नजर भारत पर पड़ी। उस समय भारत पर मुस्लिम आक्रमणकारी आते और यहाँ के प्राचीन इमारतों, मंदिरों और तो और राज्यों को लूटकर अपने देश लौट जाते थे। बाबर ने भी यही सोचा।

इसलिए उसने भारत की तरफ दृस्टि डाली और उसने पानीपत के प्रथम युद्ध में इब्राहिम लोधी को पराजित करके अधिकाधिक धन इकठ्ठा कर लिया। तभी उसे पता चलता है की उसके साम्राज्य पर युद्ध होता है और उसकी सेना हार जाती है।

तब बाबर ने वापस लौटने को नहीं सोचा बल्कि उसने भारत में ही एक नए साम्राज्य जिसे हम मुग़ल साम्राज्य के नाम से जानते है उसकी नीव रखी।

जिस मुग़ल साम्राज्य की नींव बाबर ने रखी थी उसे उसके पोते अकबर एक विशाल इमारत में तब्दील किया। अकबर के बात क्रमशः जहाँगीर और शाहजहां ने तो मुग़ल साम्राज्य को बुलंदियों पर पंहुचा दिया था।

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1.2 कौन थे दारा शिकोह [Who was Dara Shikoh]

मुग़ल सम्राट शाहजहाँ की पत्नी मुमताजमहल से कुल 14 संतान उत्पन्न हुयी थी जिनमे से केवल 7 ही जीवित रह पायी थी।

  1. जहाँआरा
  2. दाराशिकोह
  3. शाहशुजा
  4. रोशनआरा
  5. औरंगजेब
  6. मुरादबक्स
  7. गौहनारा

शाहजहां के बीमार होने के पश्चात राजगद्दी का अगला वारिस कौन होगा ? इस बात को समझते ही चारों ही भाइयों में उत्तराधिकार के लिए लड़ाईयां होने लगी।

इस लड़ाई में बहनो ने भी अपने-अपने प्रिय भाइयों का पक्ष लिया था।

एकतरह जहाँआरा दाराशिकोह के पक्ष में थी तो रोशनआरा जहांगीर के पक्ष में थी और गौहनारा मुरादबक्स के पक्ष में थी।

बात करें दाराशिकोह की तो वह एक शिक्षित सभ्य और उदारा विचारों वाला व्यक्ति था।

उसके धार्मिक विचार अपने भाइयो से काफी उदार थे। वह हिन्दू और मुस्लिम दोनों को एक ही नजर से देखता था।

वह सूफियों के कादिरी परंपरा से काफी प्रभावित था। कादिरी परंपरा के प्रसिद्ध संत मुल्लाशाह को उन्होंने अपना आध्यात्मिक गुरु के तौर पर चुना था और उनके शरण में रहकर धार्मिक कार्यों को करते था।

दाराशिकोह की धर्म के प्रति आस्था और सभी लोगों को एक ही नजर से देखने के कारण उनके पिता शाहजहाँ ने उसे शाहुबलंद इक़बाल की उपाधि से भी सम्मानित किया था।

हालाँकि वह औरंगजेब की भांति उतना कूटनीतिज्ञ और पारखी ना था लेकिन फिर भी वह औरगंजेब से कही बढ़कर था।

औरंगजेब ने इस उत्तरधिकारी युद्ध में धीरे-धीरे अपने भाइयों को मौत के घाट उतार दिया और मुग़ल साम्राज्य प्रबल उत्तराधिकारी के रूप में लोगों के सामने आया।

इस दौरान उसने दाराशिकोह को भी मारने की भरपूर कोशिश की लेकिन वह हर बार असफल होता रहा।

लेकिन एक षड़यंत्र के तहत उसने 30 अगस्त 1659 को दारा की हत्या करके उसके शव को लोगों के सामने दिखाया और अपने विरोधियों को एक चेतावनी के रूप में धमकी दी की अगर कोई उसके विरुद्ध विद्रोह करता पाया गया तो उसका यही हश्र होगा।अंत में उसके शव को हुमायूँ के मकबरे के पास ही में दफना दिया गया।

औरंगजेब ने दाराशिकोह के बेटे सुलेमान को भी पकड़कर उसे मौत के घाट उतर दिया ताकि भविष्य में उसे उत्तरधिकारी युद्ध के लिए दोबारा लड़ना ना पड़े।

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2. परी महल की वास्तुकला [Pari mahal architecture]

परी महल में कुल 6 फ्लोर बनाये गए है जिनके सभी द्वार उत्तर और दक्षिण दिशा की और खुलते है। कमानीदार छतों के द्वारा इन्हे एक अलग ही शैली का दिखाया गया है।

परी महल का प्रवेश द्वार एक बड़े गुम्बद के आकार का बनाया गया है, जो सीधे आपको बगीचे की तरफ लेकर जाता है। भीतरी कमरों में हम्माम संरचना का प्रयोग किया गया था।

असल में हम्माम वास्तुकला की एक विशेषता होती है इसमें इसमें भवनों का चिनाई निर्माण, गुंबदों पर सीसे की परत चढ़ाई जाती है या कोटिंग की जाती है इसके आलावा भवन की की छत पर चढ़ने और भीतरी भागों पर प्राकृतिक पत्थर के उपयोग किया जाता है।

इस महल की पांचवे फ्लोर पर कुल इक्कीस मेहराब बनाये गए हैं, जो छत के केंद्र से बाहर की ओर बढ़ते हुए आकार में बनायीं गयी हैं।

मेहराब के ऊपर छोटे मेहराब बनाये गए है, जिसे देखने पर ऐसा लगता है की यह किसी प्रकार का श्रृंखला बनायीं गयी थी। यह रिटेनिंग वॉल के करीब स्थित है।

जहाँ एक तरफ मुग़लों की ऐतिहासिक इमारतों के बीच हमें विभिन्न प्रकार की पानी के फव्वारे दिखाई पड़ती है और बग़ीचों के जरिये इसे हरा भरा रखने की कोशिश की गयी होती है।

वही परी महल में बगीचे तो है लेकिन फव्वारों का बेहतरीन उदाहरण हमें देखने को नहीं मिलता है।

शायद इसका कारण यह हो सकता है की उत्तर भारत से काफी ज्यादा दूर रहने के कारण ही यहां पर उतनी बेहरीन कलाकृति नहीं बनायीं गयी जितना की हमें अन्य इमारतों में देखने को मिलता है।

एक बात जो सबसे प्रभावशाली लगती है वह है पानी की निकासी का प्रबंध. पानी के निकासी के लिए इस महल में एक नाली का प्रबंध किया गया था जहां भीतरी मार्गों के जरिये इन्हे एक जगह से दूसरे जगह को जोड़ा गया था।

कुछ इतिहासकारों का मानना है की यह नाली ना होकर एक ख़ुफ़िया सुरंग थी जो राजकुमार दाराशिकोह को किसी भी विपरीत परिस्थिति में महल से दूर ले जाती थी।

ऐसा भी माना जाता है की जिस जगह पर यह परी महल बनाया गया था वहां पर पहले एक बौद्ध स्तूप था।

दाराशिकोह इस परी महल का इस्तेमाल पुस्तकालय के साथ-साथ ज्योतिष और खगोल विज्ञान के शिक्षण के रूप में इस्तेमाल किया करते थे।

दाराशिकोह की हत्या करके औरंगजेब ने इस महल पर भी कब्ज़ा कर लिया।

वर्तमान में इस जगह की देखरेख भारतीय पुरातत्विद विभाग की विभिन्न टीम द्वारा किया जाता है।

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3. अन्य पर्यटन स्थल [Tourist place in shrinagar]

दोस्तों जम्मू कश्मीर का श्रीनगर बहुत ही खूबसूरत शहर है। यहाँ पर मुग़ल राजाओं कुछ ही ऐतिहासिक इमारतों का निर्माण किया गया था।

इसके आलावा यहाँ पर कई अन्य पर्यटन स्थल है जो अनेकों पर्यटकों के मन को लुभाते है।

तो आइये जानते है श्रीनगर के कुछ प्रसिद्ध पर्यटन स्थल –

  • डल झील
  • शालीमार बाग़
  • इंदिरा गाँधी ट्यूलिप गार्डन
  • हजरतबल मस्जिद
  • परी महल
  • शंकराचार्य मंदिर
Credit : Life style Gulf/ YouTube

4. परिवहन सुविधा [How to reach]

सड़क परिवहन राज्य सरकार द्वारा बसों का प्रबंध किया गया है
नजदीकी रेलवे स्टेशनश्रीनगर रेलवे स्टेशन
नजदीकी हवाई अड्डा शेख-अल-आलम अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा

5. परी महल की लोकेशन [Pari mahal location]

5. सवाल जवाब [FAQ]

दोस्तों आप सभी के द्वारा दाराशिकोह जी एवं उनके द्वारा बनाये गए परी महल के बारे में काफी कुछ सवाल पूछे है, जिनमे से हमने कुछ महत्वपूर्ण सवालों को इसमें शामिल किया है।

उम्मीद करता हूँ की आपके प्रश्नो के सारे जवाब दे पाएं यदि फिर भी आपके मन में परी महल के बारे में कोई भी क्वेरी हो तो कमेंट सेक्शन में जरूर पूछें।

1. परी महल कहां है ?

परी महल जम्मू कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में स्थित है।

2. परी महल का निर्माण किसने करवाया था ?

पारी महल का निर्माण मुग़ल राजकुमार दाराशिकोह ने करवाया था।

3. परियों का महल कहाँ है ?

परियों का महल श्रीनगर में स्थित है। इसका निर्माण मुग़ल राजकुमार दाराशिकोह ने करवाया था।

4.चश्मा शाही कहां है ?

चश्मा शाही जम्मू कश्मीर में स्थित है इसे गवर्नर अली मर्दान खान ने वर्ष 1632 में बनवाया था।

यह एक शाही बगीचा था और आज भी यह अपने पुराने अस्तित्व को सम्मिलित किया हुए है।

5. परी महल किस पहाड़ी पर स्थित है ?

परी महल, जबरवान पहाड़ी के गोद में बसा हुआ है।

6. परी महल कितने बजे खुलता है ?

परी महल सुबह 9.30 बजे से शाम 7.30 बजे तक खुला रहता है।

7. परी महल में कितना रुपया टिकट लगता है ?

परी महल में बड़ों के लिए 24 रूपये और बच्चों के लिए 10 रूपये टिकट लगता है।

8. श्रीनगर में पर्यटन के अन्य स्थल कौन कौन से है ?

श्रीनगर में आप पर्यटन के लिए डल झील, शंकराचार्य मंदिर, शालीमार बाग़ इत्यादि जहां पर जा सकते है।

9. श्रीनगर में कौन सा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है ?

श्रीनगर में शेख-अल-आलम अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा स्थित है।

10. क्या यहाँ पर टॉयलेट की सुविधा उपलब्ध है ?

हाँ बिलकुल यहाँ पर टॉयलेट की सुविधा उपलब्ध है लेकिन आप सफाई के बारे में ज्यादा उम्मीद ना करें।

6. परी महल की तस्वीर [Pari mahal images]

7. निष्कर्ष [Conclusion]

दोस्तों परी महल, एक खूबसूरत महल है। इसे एकबारगी देखने पर ऐसा लगता है की यह प्रकृति की गोद में बैठा मुस्कुरा रहा है। यहाँ का माहौल एकदम शांत है।

महल के सामने ही डल झील की खूबसूरती आपका मन मोह लेगी।

यही कारण था की मुग़ल राजकुमार दाराशिकोह ने इस स्थान का चुनाव किया था। यही पर रहकर उन्होंने अपने ज्ञान में वृद्धि की और तो और अपने व्यक्तित्व को काफी हद तक निखारा।

परी महल का इतिहास और उसकी वास्तुकला | Pari mahal

उसके व्यवहार ने उसके पिता का मन मोह लिया था। इसीलिए उन्होंने दाराशिकोह को शाहुबलंद इक़बाल की उपाधि दी थी।

कुल मिलकर यह स्थान बच्चो और बड़ों के लिए काफी सुरक्षित है।

यदि आप यहाँ पर पर्यटन के लिए आ रहे है तो आप अपने कपड़ो का खास ख्याल रखें क्यूंकि यहाँ पहाड़ी पर स्थित होने के कारण ठण्ड का मौसम रहता है।

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8. सबसे महत्वपूर्ण बात [Most important thing]

दोस्तों इन ऐतिहासिक इमारतों या पर्यटन स्थलों पर टिकट के पैसा, यात्रा अवधी जैसे छोटी चीज़ें बदलती रहती है। इसलिए यदि आपको इनके बारे में पता है तो जरूर कमेंट में जरूर बताएं।

हम जल्द ही आपके द्वारा दी गयी जानकारी को अपडेट कर देंगे। यदि इस पोस्ट में कुछ गलती रह गयी हो तो उसे कमेंट में जरूर बताएं।

धन्यवाद !

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