1. मुरुद जंजीरा किला महाराष्ट्र
मुरुद-जंजीरा किला महाराष्ट्र राज्य के मुंबई में स्थित है।
यह किला अरब सागर में स्थित है। इस किले को कोई भी महारथी फिर चाहे वो शिवजी,अंग्रेज पुर्तगाली ओहो या संभजी महाराज किसी ने भी इस किले को फतह नहीं कर पाया है।
संभाजी महाराज ने तो इस किले को फतह करने के लिए इसके पास ही में पद्मदुर्ग नामक किले का निर्माण करवाया।
इसी किले से महाराज जी प्रत्येक गतिविधि को ध्यान से देखते थे और जब उन्हें मौका मिला तो उन्होंने इस किले को जितने के लिए इस पर हमला किया पर वह अन्य राजाओं की भांति असफल रहे थे।
इस किले का यह 350 वर्षों का इतिहास रहा है। इसीलिए इस किले को अजेय किला यानि जिसे किसी ने जीता न हो कहा जाता है।
यह किला 22 एकड़ में फैला हुआ है। इस किले में 22 सुरक्षा चौकिया है जो दिन रात इस किले की हिफाजत करने का काम करती है।
यहाँ के स्थानीय लोग इस किले को आजिंक्य के नाम से पुकारते है जिसका शाब्दिक अर्थ होता है – अजेय। मुरुड का हिंदी भाषा में अर्थ होता है- कीचड़ ।
जिस प्रकार कमल कीचड़ में खिला रहता है और अपनी खूबसूरती और सुगंध से सरोवर को महकाता रहता है उसी प्रकार यह किला भी अपने आपको कमल के पुष्प के सामान समुद्री लहरों से बिना डरे उसका वीरता पूर्वक सामना करता है।
जंजीरा अरबी भाषा से लिया गया है जिसका शाब्दिक अर्थ होता है- बंदरगाह।
जी है बंदरगाह आप शायद यह सोच रहे होंगे की क्या इस किले का निर्माण बंदरगाह के लिए किया जाता था? तो जवाब है नहीं ।
इस किले को बनाने का एक ही मकसद था – अपने दुश्मनो और षड्यंत्रकारियों से बचकर और उनपर अपनी कड़ी नजर रखकर उन पर धावा बोलना था।
चूँकि यह किला समुद्र में बनाया गया था इसीलिए जब भी किसी दुश्मन देश की सेना इसके आस पास भी दिखाई देती थी तो किले पर रखी भरी भरकम तोपें इनका काम तमाम कर देती थी।
15 अगस्त 1947 की आजादी के बाद इस किले को इसे भारतवर्ष में मिला लिया गया।
2. मुरुद जंजीरा किला का निर्माण किसने करवाया ?
मुंबई स्थित, मुरुद-जंजीरा किला का निर्माण सिद्दी जौहर द्वारा करवाया गया था।
इस किले को बनाने में 22 वर्षों का समय लगा तब जाकर इस किले का निर्माण संभव हो पाया था।
मुरुड किला सिद्दीकी वर्ग का आखिरी किला था यह लोग अबीसीनिया यानि आज का इथिओपिया देश से आये थे।
इन्होने काफी लम्बे वक्त तक इस पर राज किया था।
परन्तु आज यानि 2021 में देखें तो यह अफ्रीका महाद्वीप जिसे हम अंध महाद्वीप या मानव समाज का पालना के नाम से जानते है , का सबसे गरीब देशों में से एक है।
3. मुरुद जंजीरा किला का इतिहास में महत्व
इस किले का इतिहास में अलग ही महत्व है कारण है इस किले का अजेय होना।
जैसा की मैंने बताया इसे किले को जितना नामुमकिन था और अंत तक इस पर किसी भी राजवंश का अधिकार न हुआ।
हालाँकि आजादी के बाद ही इसे अपने देश में मिलाया गया इस पर भारत सरकार द्वारा विजय प्राप्त की गयी।
4. मुरुद जंजीरा क़िले तक पहुंचने का मार्ग
इस किले तक पहुंचने का केवल एक ही मार्ग है । समुद्री मार्ग।
इस स्थान पर आने के लिए आपको एक नव द्वारा आना पड़ता है । यह नाव सरकारी न होकर यहां के लोकल लोगों के ही होते है।
नाव से इस किले तक आने के लिए 80 रूपये प्रति व्यक्ति देना पड़ता है। पर यदि आपसे ज्यादा मांगे तो आप मोलभाव कर सकते है।
5. मुरुद जंजीरा किले के कुछ प्रमुख तथ्य
मुरुद-जंजीरा किले से सम्बंधित प्रमुख तथ्य इस प्रकार है-
- यह अरब सागर में स्थित अब तक का सबसे अभेद्य किला रहा है.
- इस किले को कोई भी राजा नहीं जीत पाया है.
- इस किले का निर्माण अबीसीनिया यानि आज का इथिओपिया नामक देश जो की अफ्रीका महाद्वीप का हिस्सा है बनाया था.
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6. निष्कर्ष
दोस्तों भारतवर्ष का इतिहास गौरवशाली रहा है।
फिर चाहे बात राजपुताना की हो या शिवाजी की मराठा सेना का ।
इन दोनों ही समुदायों ने भारतवर्ष को बाहरी आक्रमणों से बचाया था।
यदि आप एक इतिहास के विद्यार्थी है तो इस मुरुद-जंजीरा किला को जरूर देखें और इसे दूसरों को भी दिखने का प्रयास करें।
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