जब से भारवर्ष आजाद हुआ है तब से लेकर आज तक हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान और चीन, अपनी बुरी नजरें हम पर गड़ाए हुए है।
इन देशों ने जहाँ एक तरफ भारत माता के टुकड़े करने के प्रयास किये वही दूसरी तरफ आये दिन पाकिस्तान की तरफ से आतंकवाद समर्थन प्राप्त होने के कारण हमारे देश इस समस्या से लगातार जूझता रहा है।
वर्ष 1971 के भारत पाकिस्तान युद्ध में जब हमने पाकिस्तान को बुरी तरीके से हराया था तभी से वह बौखलाया हुआ है और चाहता है की आतंकवाद के जरिये भारत को अस्थिर किया जाये।
यह वह दौर था जब हमारी भारतीय सेना ने पाकिस्तान को इतनी बुरी तरीके से हराया था की उसके 90 से 93 हजार सैनिक आत्मसमर्पण करने को मजबूर हो गए।
इस ऐतिहासिक सफलता में सबसे ज्यादा किसी का हाथ था तो वो थी इंदिरा गाँधी जी का प्रबल नेतृत्व और हमारी भारतीय सेना का बाहुबल।
दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम भारतीय सेना द्वारा इस्तेमाल किये गए INS-Kurusura पनडुब्बी के बारे में चर्चा करेंगे।
यह वह पनडुब्बी थी जिसके बदलत हमने पाकिस्तान को पूर्वी पाकिस्तान से बहार खदेड़ दिया और तो और अमेरिका जैसे शक्तिशाली देश के समर्थन के बावजूद हमने उसे बेहद बुरी तरीके से हराया।
तो आइये चलते है उस ऐतिहासिक पनडुब्बी के पास जिसने हमें गर्व करने का मौका दिया।
1. INS कुरुसूरा पनडुब्बी संग्रहालय कहाँ पर स्थित है ? [INS kurusura museum in hindi]
INS कुरुसूरा पनडुब्बी संग्रहालय आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में स्थित है। यह म्यूजियम Beach of Ram Krishna पर स्थित है। यह INS kurusura submarine के सम्मान में इसे स्थापित किया गया था।
यह पनडुब्बी रूस द्वारा वर्ष 1969 में दिया गया था और वर्ष 1970 में यह बाल्टिक समुद्र होते हुए इंग्लिश चैनल से भारत पंहुचा था।
INS kurusura submarine ने 31 साल देश की सेवा की और इसे वर्ष 2001 में रिटायर किया गया। इस पनडुब्बी को वर्ष 1971 के भारत पाकिस्तान के युद्ध में अविश्वनीय जीत के लिए याद किया जाता है।
लोग इस पनडुब्बी के योगदान को भूल ना जाए इसके लिए सरकार ने इस विजेता के लिए एक संग्रहालय का निर्माण किया और लोगों के लिए इसके महत्व को उजागर किया और तमाम देश वासियों को प्रेरित किया।
2. INS कुरुसूरा का इतिहास [INS kurusura history]
INS-kurusura पनडुब्बी का निर्माण सोवियत संघ रूस द्वारा वर्ष 1969 को निर्मित किया गया था। चूँकि उस समय अमेरिका और सोवियत संघ के बीच cold-war चल रहा था ।
ऐसी स्थिति में ये दोनों देशों ने विश्व के अन्य देशों को अपने गुटों में शामिल करने के लिए संगठन बनाये।
इस संगठन के जरिये ये दोनों महाशक्ति बनने के राह पर थी। पूरी दुनिया में कोई भी दो देश या क्षेत्र आपस में लड़ते थे तब ये दोनों देश दोनों पक्षों को अपनी अपनी तरह से सपोर्ट करते थे , जिसका नतीजा आज भी कई देश भुगत रहे है।
इनमे सबसे बड़ा उदाहरण उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया है।
ये दोनों देश पहले एक ही देश का हिस्सा थे यानी सिर्फ और सिर्फ कोरिया। लेकिन इन दोनों महाशक्तियोंने अपनी अपनी विचारधारों को आगे बढ़ने के लिए इसे इन्हे आपस में ही लड़वाते थे।
यह स्थित आज भी हम उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया में देखते है।
North Atlantic Treaty Organization | Warsha Treaty Organization | Non Alignment movement |
---|---|---|
Est- 1949 | Est- 1955 | Est-1961 |
HQ- Brussels [Belgium capital] | HQ- Warsha [Poland] | HQ-Jakarta [Indonesia] |
America, European countries, Turkey, Japan, Canada Etc. | Soviet union and his Communist country | India and some pour countries |
Military Alliance | Military Alliance | Cooperation |
इस वर्चस्व की लड़ाई में कई देश इनके साथ जुड़ रहे थे। लेकिन भारत और उसके जैसे कमजोर देश जो अभी अभी अंग्रेजों से आजाद हुए थे उन्होंने इन दोनों ही गुटों में सम्मिलित ना होने का निर्णय लिया।
इस प्रकार यह दुनिया मुख्यतः तीन प्रमुख दुनिया में बाँट गयी या यूँ कहें की तीन प्रकार की विचारधारा में बाँट गया।
ऊपर दिए गए टेबल से आप समझ सकते है की किस प्रकार इस विचारधारा की लड़ाई में कई देश अपनी मानवता भूलकर एक दूसरे को मरने काटने के लिए उतारू हो गए।
खैर आते है अपनी Topic- पर तो जब cold-war चल रहा था तब उस स्थिति में पाकिस्तान अमेरिका की गोदी में जाकर बैठ गया था।
उसे अमेरिका की तरफ से फुल सपोर्ट मिल रही था ऐसी स्थिति में पश्चिमी पाकिस्तान ने पूर्वी पाकिस्तान को पूरी तरह से अपने कब्जे में ले लेना चाहता था और इसके लिए उसने वहां पर निर्दयता की हदे पर कर रहा था।
ऐसी स्थिति में भारत पाकिस्तान के बीच भी युद्ध होने की पूरी संभावना थी इसलिए इस पनडुब्बी और तो और विशालकाय पोत के जरिये ही हम पाकिस्तान पर काबू पा सकते थे और हमने बखूबी यह उपलब्द्धि भी हासिल की।
2.1 INS कुरुसूरा पनडुब्बी का भारत पाक युद्ध में योगदान
जैसा की आप सभी जानते है की पूर्वी पाकिस्तान यानि की बंगलादेश और पश्चिमी पाकिस्तान यानि की आज का पाकिस्तान के बीच सियासी जंग चल रही थी और तो और पाकिस्तान में चुनी हुयी सरकार को बांग्लादेश में लागु करने की मांग ने इस युद्ध को जन्म दिया था।
जबकि सच्चाई तो यह थी की बांग्लादेश की सरकार बनानी चाहिए थी लेकिन पाकिस्तान ने अपनी सेना का भय दिखयाकर वहां पर जबरदस्ती पाकिस्तान जैसी सियासी हलचल पैदा करना चाहता था।
इस युद्ध में हमारे देश की प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी जी ने बांगलादेश का साथ दिया था और वही पाकिस्तान को मात्रा 13 दिनों के अंदर समर्पण करने को मजबूर भी कर दिया था।
हमारे वीर जवानो ने जिस प्रकार से पाकिस्तान को धोया था शायद ही कोई पाकिस्तानी इसे भुला होगा।
वर्ष 1971 के भारत पाक युद्ध में कुरुसूरा पनडुब्बी ने हमारी जीत में अहम् योगदान दिया था। इसी पनडुब्बी के वजह से हमने पाकिस्तान के नजदीकी बंदरगाहों पर तीव्र नज़रों को गड़ाए रखा और हर पल युद्ध के लिए तैयार रहे थे।
खुलने का समय- सुबह 10.00 बजे से शाम 8.30 बजे तक। साप्ताहिक बंदी- सोमवार
प्रवेश शुल्क- बच्चो के लिए 20 रूपये और बड़ों के लिए 40 रूपये मोबाइल कैमरा के लिए 50 रूपये और वीडियो कैमरा के लिए 200 रूपये अलग से लगेंगे।
3.सवाल जवाब [FAQ]
दोस्तों आप सभी के द्वारा INS कुरुसूरा पनडुब्बी संग्रहालय के बारे में कुछ सवाल पूछे गए है।
इन सवालों में से जो भी महत्वपूर्ण सवाल है उन्हें हमने इसमें शामिल किया है तथा इनके जवाब देने की हमने कोशिश की है उम्मीद करता हु की यह आप सभी को बेहद पसंद आएगा।
अगर फिर भी आपके मन में INS-Kurusura-Submarine के बारे में कोई सवाल है तो जरूर पूछें।
हाँ बिलकुल इस स्थान पर लेकर आप अपने बच्चे को हमारी भारतीय सेना के साहसिक कार्यो और उनके द्वारा अर्जित की गयी विजय गाथाओ के जरिये आप उसमे अपने देश के प्रति जूनून पैदा कर पाएंगे।
यह संग्रहालय सुबह 10 बजे से शाम के 8.00 बजे तक खुला रहता है।
जी नहीं INS-Kurusura म्यूजियम सोमवार के दिन बंद रहता है उस दिन आप बिलकुल भी ना आएं।
हाँ बिलकुल आप सबमरीन के अंदर जा सकते है उसके लिए आपको टिकट लेना होगा।
INS-Kurusura पनडुब्बी केअंदर और बाहर लगे हुए उपकरणों और अन्य स्थानों को घूमने में आपको 45 minute से 1 घंटा का समय लग सकता है।
बच्चो के लिए 20 रूपये और बड़ों के लिए 40 रूपये मोबाइल कैमरा के लिए 50 रूपये और वीडियो कैमरा के लिए 200 रूपये अलग से लगेंगे।
हाँ बिलकुल असल में INS-Kurusura-Submarine को एक Beach के पास ही में बनाया गया है जिसका नाम है – Beach of Ram Krishna
हाँ बिलकुल आप निश्चिंत रहिये यहाँ पर कई पार्किंग मिल जाएगी।
15 – 20 minutes
INS कुरुसूरा पनडुब्बी संग्रहालय आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में स्थित है। यह पनडुब्बी रूस द्वारा वर्ष 1969 में दिया गया था और वर्ष 1970 में यह बाल्टिक समुद्र होते हुए इंग्लिश चैनल से भारत पंहुचा था।
4. INS-Kurusura की फोटो [INS-Kurusura images]
5. निष्कर्ष [Conclusion]
दोस्तों INS-Kurusura-Submarine और भारतीय जवानो ने वर्ष 1971 में जो कर दिखाया था वह आज भी हर भारतीय के दिलों दिमाग में छप सा गया है।
यह भारतमाता का वह इक्का था जिसने पूरी दुनिया को दिखाया था की भारतीय किसी भी चीज़ में कम नहीं है।
अभी हाल ही में भारत सरकार द्वारा INS_vikrant नामक एक युद्धपोत को भारतीय नौसेना के लिए बनाया गया है और उसे सेना को सौपने से पहले उसका sea-Trials लिया जा रहा है, और जल्द ही यह युद्धपोत भारतीय नौसेना के जहाजी बेड़ों में शामिल हो जायेगा।
यह भारत के Make-In-India योजना के तहत बनाया गया है जिसका सीधा सा मतलब है की इस नौसैनिक बेड़े को भारतीय कंपनियों द्वारा बनाया गया है।
एक भारतीय होने के नाते मैं आप सभी से ये गुजारिश करना चाहूंगा की ऐसी जगहों पर जरूर जाएँ जो हमारे भारतवर्ष के गौरव को बढाकर रखती है। खासकर इन जगहों पर बच्चों को जरूर ले जाएँ।
इन स्थानों पर घूमने से ना सिर्फ उनका बौद्धिक विकास बढ़ेगा बल्कि अपने देश के प्रति कर्तव्यों का भी बोध होगा।
इसे जरूर पढ़ें – हैदराबाद के नवाबो का इतिहास बतलाती सालारजंग संग्राहलय
INS कुरुसूरा पनडुब्बी संग्रहालय का मैप [INS kurusura submarine museum map]
6. सबसे महत्वपूर्ण बात [Very important thing]
दोस्तों इन ऐतिहासिक इमारतों या पर्यटन स्थलों पर टिकट के पैसा, यात्रा अवधी जैसे छोटी चीज़ें बदलती रहती है। इसलिए यदि आपको इनके बारे में पता है तो जरूर कमेंट में बताएं हम जल्द ही आपके द्वारा दी गयी जानकारी को अपडेट कर देंगे।
यदि इस पोस्ट में कुछ गलती रह गयी हो तो उसे कमेंट में जरूर बताएं।
धन्यवाद !