हवामहल का इतिहास एवं उसकी वास्तुकला | Hawa Mahal architecture

राजस्थान का जयपुर शहर पर्यटन की दृस्टि से काफी महत्वपूर्ण है।

ना सिर्फ यह शहर बल्कि पूरा राजस्थान राज्य ही अपने पर्यटन के लिए लोगों के बीच में काफी प्रसिद्ध है। जयपुर शहर को पिंक सिटी या गुलाबी शहर के नाम से जाना जाता है।

इस शहर में एक से बढ़कर एक ऐतिहासिक स्थल है जो कही ना कही उस समय के राजे-महाराजे की वीर गाथाओं को सुनाते है।

भारत देश पर जब भी किसी विदेशी ताकतों का आक्रमण हुआ है तो उसे रोकने के लिए राजस्थान हमेशा ढाल की भांति खड़ा रहा है।

राजस्थान के इतिहास में एक से बढ़कर एक योद्धा पैदा हुए जिन्होंने न सिर्फ देश को बचाया बल्कि उन विदेशी आक्रांतों को सबक भी दिया।

यह माटी वीर राजपूत राजाओ की रही है जिन्होंने कभी भी अपने आत्मसम्मान से समझौता नहीं किया।

आज की इस आर्टिकल में मैं आप लोगों को एक ऐसे महान कलाकृति के दर्शन कराऊंगा जिन्हे देखकर आप गर्वान्वित हो उठेंगे।

Table of Contents

1. हवामहल क्या है? [Hawa mahal in hindi]

हवामहल राजस्थान राज्य के जयपुर जिले में स्थित है। यह महल महारानियों का एक शाही निवास स्थान था जिसका निर्माण जयपुर पर राज करने वाले वीर प्रतापी महाराजा सवाई प्रताप सिंह द्वारा किया गया था।

राजस्थान की राजधानी जयपुर शहर को गुलाबी शहर या pink city of Rajasthan के नाम से भी जाना जाता है।

राजस्थान के जयपुर शहर में एक से बढ़कर एक ऐतिहासिक भवन जिनका इतिहास के साथ साथ जयपुर में अनेकों इमारते और महल है जिन्हे UNESCO द्वारा विश्व विरासत की सूची में रखा गया है।

1.1 हवामहल के निर्माणकर्ता [who built Hawa mahal]

हवामहल का निर्माण महाराजा सवाई प्रताप सिंह के द्वारा 1799 में करवाया गया था।

महाराजा सवाई प्रताप सिंह कछवाहा राजपूत के वंशजों से थे। इस महान कलाकृति को उस समय के जाने माने वास्तुकार लाल चाँद उस्ता द्वारा डिज़ाइन किया गया था।

यह आज भी उतना ही खूबसूरत दिखता है जितना की इसके निर्माण पर पहले।

1.2 .हवा महल की खासियत एवं हवामहल ऊंचाई [Hawa mahal features & hawamahal heights]

हवामहल की कुछ खास बातें इस प्रकार है-

  1. यह हवामहल दिखने में बिलकुल मधुमक्खी के छत्ते जैसा है.
  2. यह पांच मंजिला ईमारत है.
  3. इसमें कुल 953 खिड़खियाँ लगी हुयी है जिनसे भयंकर गर्मी में भी शीतलता का अनुभव होता है और वैसे भी राजस्थान की जलवायु से तो आप सभी परिचित ही होंगे.
  4. लाल,गुलाबी और चुना पत्थर द्वारा इसका निर्माण किया गया था.
  5. इसका निर्माण राजघरानो की वीरांगनाओ के लिए बनाया गया था ताकि वह महल के अतिरिक्त बाजारों और सड़को पर हो रहे क्रियाकलापों का लुफ्त उठा सकें.
  6. हवामहल जमीन से लगभग 15 मीटर की ऊंचाई लिए हुए है.

2. हवा महल की स्थापत्य कला [Hawamahal architecture]

हवा महल बनाने का सबसे बड़ा उद्देश्य था- विश्राम करना और साथ ही अपने दुश्मनो पर भी नजर रखना।

यह महल इस प्रकार से बनाया गया था की अंदर से तो बाहर की सारी गतिविधियां दिखें पर बाहर से कुछ भी पता न चले

हवामहल एक पांच मंजिला ईमारत है। जिसकी जमीन से ऊंचाई 50 फिट यानि 15 मीटर है।

ये एक अच्छी-खासी ऊंचाई है। उस समय ऐसी ऊंचाई वाली इमारते बनाना अपने आप में अध्भुत कार्यक्षमता और निपुणता को दर्शाता है।

इस महल में खिड़कियों पर विशेष ध्यान दिया गया है। इन खिड़कियों को बनाने के लिए बलुआ पत्थर की मदद ली गयी है।

इस पर बेहद करीने से सजावट की गयी है। इसके साथ ही नक्काशीदार, जालियां, गुम्बदें और बुर्जें बनाये गए है।

हवामहल को अष्टभुजाकार यानि 8 भुजा वाली आकृति में बनाया गया है। जो इसे पूरी दुनिया में सबसे अलग बनाता है।

गौर करने वाली बात यह है की हवामहल का पिछला हिस्सा बिलकुल सादा है इस पर किसी भी प्रकार की नक्काशी नहीं की गयी है।

आमतौर पर हमारे घरों में सीढ़ियों को अच्छी तरह से बनाया जाता है ताकि घर की खूबसूरती के साथ यह मैच हो जाये।

लेकिन हवामहल के ऊपरी मंजिल यानि 4 थी और 5 वी मंजिल की सीढ़ियों पर किसी भी प्रकार की सजावट नहीं की गयी थी ताकि इन मंजिलों पर चढ़ने के दौरान होने वाले हादसों को टाला जा सके।

यह सीढियाँ खुरदुरी होती थी ताकि महिलाओ को चढने में आसानी हो। इसे राजस्थानी भाषा में खुर्रा भी कहते है।

यह महल का निर्माण इस्लामी, मुग़ल और राजपुताना शैली में इसका निर्माण किया गया है।

2.1 हवा महल की मंजिलों के नाम [Hawa mahal 5 floor name]

दोस्तों हवामहल कुल पांच मंजिलों से मिलकर बना हुआ है। इन पांचों मंजिलों के नाम विभिन्न मंदिरों के नाम पर रखा गया है। यह मंजिले इस प्रकार है।

  1. शरद मंदिर
  2. रत्न मंदिर
  3. विचित्र मंदिर
  4. सूर्य प्रकाश मंदिर
  5. हवा मंदिर

3. हवामहल के दौरान सावधानियां [Precautions in hawa mahal]

हवामहल के दौरान कुछ सावधानियां जिन्हे सभी पर्यटकों को अपनाना चाहिए।

  1. हवामहल बेहद खूबसूरत है इसलिए इसका दीदार करने के लिए इसके किनारे पर जाने की कोशिश करें.
  2. एक गाइड का इंतजाम कर लें ताकि आप हवामहल के बारे में अच्छे से जान सकें.
  3. अकेले घूमने से अच्छा है की आप सभी समूह या Group में रहकर इसका लुफ्त उठाये.
  4. ध्यान रखें की यह महल UNESCO के विश्व धरोहर की सूचि में आता है इस वजह से इस जगह का पूरी तरह सम्मान करें. किसी भी वस्तु को नुकसान पहुंचने की कोशिश ना करें.
  5. हवा महल में सीढिय़ां नहीं है ऊपर की मंजिलों पर पहुंचने लिए चढ़ान है इसलिए संभल कर चढ़ें.

4. हवामहल घूमने का सही समय [Best time to see hawa mahal]

यदि आप हवामहल की खूबसूरती को करीब से देखना चाहते है तो आप सुबह के समय आ सकते है।

सुबह में जब सूर्य की रौशनी इस महल की खिड़कियों पर पड़ती है तो एक अलग ही किस्म का भूलभुलैया देखनेको मिलता है जो अन्य किसी भी ईमारत में नहीं देखने को मिलता है।

5. प्रदुषण द्वारा हवामहल की क्षति [Hawa mahal damage by pollution]

धरती के लगातार गर्म होने का कारण है वैश्विक तापमान में वृद्धि। इसे बढ़ाने में हम मनुष्य जाति सबसे आगे है।

वैश्विक तापमान के कारण पृथ्वी का आतंरिक संतुलन बिगड़ गया है।

पहाड़ो से अब और भी अधिक बर्फ पिघलने लगी है इनकी वजह से नदियों में बेतहासा पानी आ जाने से तो कई राज्यों और क्षेत्रों में तो बढ़ की समस्या ने और भी अधिक विकराल रूप धारण कर लिया है।

हवामहल हो या ताजमहल इन सभी प्राचीन इमारतों को अम्लीय वर्षा सबसे ज्यादा प्रभावित कर रही है।

यही कारण है की ये इमारतें अपनी पुरानी खूबसूरती यानि इनका रंग में थोड़ा परिवर्तन होता चला जा रहा है।

6. हवामेहेल से सम्बंधित प्रमुख तथ्य [Hawa mahal facts]

  1. हवामहल राजा के मुकुट जैसा बनाया गया है.
  2. इस महल को गुलाबी और लाल पत्थर से बनाया गया है. और साथ ही यह 87 डिग्री के कोण पर टिका हुआ है.
  3. इस महल में कुल 953 खिड़कियां है.
  4. हवामहल में जाने के लिए कोई भी गेट नहीं है इसके अंदर जाने के लिए आपको सिटी पैलेस से होकर के जाना पडेगा.
  5. इसकी वास्तुकला दुनिया की सभी इमारतों के मुकाबले ज्यादा सुन्दर है.

7. जयपुर के अन्य आकर्षण [Place to visit in jaipur]

यूँ तो पूरा राजस्थान ही पर्यटन के लिहाज से आकर्षण से भरा पड़ा है।

आज हम बात कर रहे है जयपुर के हवामहल की तो आपको बता दूँ यदि आप जयपुर आये है तो इन जगहों पर जरूर घूमने के लिए जाये।

अलबर्ट हॉल संग्रहालय रामबाग पैलेस
बिरला मंदिर अम्बर पैलेस
जंतर मंतर जलमहल
जयपुर का चिड़ियाघर सेंट्रल पार्क

7.1 जंतर मंतर

जंतर मंतर खगोलीय घटनाओ की गणना करने वाली एक प्राचीन ईमारत है।

इस ईमारत का प्रयोग उस समय के विद्वानगण समय, ब्रह्माण्ड और पृथ्वी द्वारा सूर्य का चक्कर लगने वाले समय और ज्योतिष विद्या में हुआ करता था।

जंतर मंतर का निर्माण राजस्थान के वीर राजपूत और आमेर के राजा सवाई जयसिंह-2 द्वारा 1724-1734 में करवाया गया था।

ये अपने वंश में सबसे वीर और सबसे प्रतापी राजा होने के साथ बुद्धिमत्ता में भी अपने समकालीन राजाओ से आगे रहे थे।

इनके द्वारा खगोलीय क्षेत्र में किये गए कार्यों को देखकर उस समय पंडित जवाहर लाल नेहरू जी ने अपनी पुस्तक भारत एक खोज या Discovery of India में जिक्र किया था।

जंतर मंतर के निर्माण के लिए जयसिंह जी ने पुरे भारतवर्ष और विश्व से इस दिशा में काम करने वाले वैज्ञानिको और विद्वानों को निमंत्रण भेजा और अपने पास सम्मानपूर्वक उनको रखा।

इसी दिशा में कार्य करते हुए उन्होंने सन 1724 से 1734 यानि लगभग 10 सालों में उन्होंने 5 इमारते बनवायी। जो खगोलीय और ज्योतिष का अध्ययन कर सकें।

इन पांच इमारतों का नाम भी जंतर-मंतर ही है। ये अलग-अलग राज्यों में स्थित है।

जंतर मंतर को अलग अलग राज्यों के बीच बनाने का एक ही उद्देश्य था की उनके द्वारा की गयी खगोलीय गणना और ज्योतिषशास्त्र में कोई त्रुटि या गलती न रह जाये।

  1. जयपुर
  2. दिल्ली
  3. उज्जैन
  4. मथुरा
  5. वाराणसी

7.2 अलबर्ट हॉल संग्रहालय

यह संग्रहालय जयपुर में स्थित है। यह राजस्थान का सबसे प्राचीन संग्रहालयों में से एक है।

इस संग्रहालय को भारत-अरब शैली में बनायी गयी थी। महाराजा राम सिंह और माधव सिंह 2 द्वारा बनवाया गया था।

7.3 बिरला मंदिर

यह मंदिर भी राजस्थान के जयपुर में स्थित है। इसे लक्ष्मीनारायण मंदिर के नाम से जाना जाता है।

यह मंदिर देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु जी को समर्पित है।

7.4 जलमहल

जलमहल जयपुर में स्थित है। यह मानसर झील के बीचो-बीच स्थित होने कारण ही इसे जलमहल या water palace  के नाम से जाना जाता है।

जलमहल के साथ- साथ इसे आई बॉल और रोमांटिक महल के नाम से भी जाना जाता है।

हालाँकि इस महल में कोई भी प्रवेश नहीं कर सकता है परन्तु आप दूर से ही इसे देख कर इसकी कलाकृति का गुणगान कर पाएंगे।

जलमहल का निर्माण महाराजा सवाई प्रताप सिंह द्वारा अश्वमेध यज्ञ करने के पश्चात किया गया था।

इस महल को उन्होंने अपनी रानियों और कुलपण्डित के स्नान करने के लिए बनाया था। मानसरोवर झील असल में मानव निर्मित झील थी जिसे स्वयं राजा प्रताप सिंह ने बनवायी थी।

इसके लिए उन्होंने सबसे पहले गर्भावती नदी पर एक बाँध का निर्माण करवाने के पश्चात इस महल का निर्माण करवाया और साथ ही यहां पर एक कृत्रिम झील का भी निर्माण करवाया।

इस महल को राजपूत शैली में बनाया गया था। इस महल में, मेहराब बुर्जे छतरियां और तो और सीढ़ीदार संरचाये है जो इसकी खूबसूरती में चार चाँद लगा देती है।

इस महल को पांच मंजिलो का बनवाया गया था लेकिन इस महल की चार मंजिले तो पानी में ही डूबी रहती है जबकि इसकी सबसे ऊपरी मंजिल ही दिखाई देती है।

इस इमारत का निर्माण लाल बलुआ पत्थर से किया गया है।

अपने गौर किया होगा की ज्यादातर मध्यकालीन इमारतें लाल बलुआ पत्थर से बनायीं गयी थी।

क्या आप बता सकते है की क्या कारन हो सकता है ? comment section में जरूर बताएं।

इसे जरूर पढ़ें- आइये चले जलमहल की यात्रा पर जो प्रसिद्ध है अपनी अद्भुत वास्तुकला के लिए

7.5 रामबाग पैलेस

रामबाग पैलेस राजस्थान के जयपुर के भवानी सिंह रोड पर स्थित है। इस महल की स्थापना वर्ष 1835 में किया गया था।

उसके पश्चात इस महल को एक शाही गेस्ट हाउस और शिकारी लाउंज के रूप में प्रयोग होने लगा।

वर्ष 1925 में यह महल जयपुर के महाराज का निवास स्थान था। वर्ष 1947 में आजादी मिलने के पश्चात इस महल को एक आलीशान होटल के रूप में चयन किया गया।

इसके लिए तत्कालीन सरकारों ने इसे और भी भव्य और आलिशान होटल के रूप में स्थापित किया।

Rambagh Palace, Jaipur | जाने रामबाग महल का इतिहास

इसकी खूबसूरती और भव्यता को देखकर ही इसे Jewel of Jaipur या जयपुर का गहना के रूप में ख्याति प्राप्त है।यह महल राजस्थान के सभी प्रसिद्ध शाही महलो में से एक है।

इंटरनेशनल कोंडे नेस्ट ट्रैवलर द्वारा वर्ष 2019 की रिपोर्ट में जयपुर स्थित रामबाग महल को भारत के टॉप और दुनिया भर के 15 सर्वश्रेष्ठ होटल में शामिल किया है।

इस महल का निर्माण एक शाही नौकरानी [ यानी की महारानी की व्यक्तिगत नौकरानी जिसे दासी भी कहा जाता है ] के लिए किया गया था।

समय के साथ साथ इस महल में राजा के परिवार का निवास स्थान हो गया। वर्ष 1947 में देश की आजादी के बाद इस महल को खर्च वहन न कर पाने के कारण इसे एक शाही होटल के रूप में लोगों के लिए खोला गया।

तभी से यह महल एक शाही होटल के रूप में अपने अस्तित्व में आया।

इस महल को बनाने का श्रेय एक प्रसिद्ध अंग्रेज वास्तुकार सर सैमुअल स्विंटन जैकब को जाता है।

उन्हें भारत में इंडो सरसैनिक पद्धति को प्रयोग के लिए जाना जाता है। इस महल की खिड़कियों और बुर्जो में भी महीन कलाकारी की गयी है।

इसके आलावा एक इस महल में एक बड़ा सा गोल्फ का मैदान के साथ साथ विश्राम करने के लिए प्रकृति के बीच कई सारी सुविधाएँ भी उपलब्ध करवाई जाती है।

इसे जरूर पढ़ें – भारत का सबसे महंगा होटल है रामबाग पैलेस

7.6 अम्बर पैलेस

अम्बर पैलेस राजस्थान के आमेर में स्थित है। इसलिए इस पैलेस को आमेर पैलेस के नाम से भी जाना जाता है।

इस पैलेस की स्थापना राजा मानसिंह और सवाई जय सिंह द्वारा बनवाया गया था।

7.7 जयपुर का चिड़ियाघर

जयपुर स्थित इस चिड़ियाघर को 1877 में बनाया गया था। इसी के पास स्थित है- अलबर्ट हॉल संग्रहालय और राम निवास गार्डन।

इस चिड़ियाघर को दो भागों में बता गया है। पहला जानवरों के लिए और दूसरा चिड़ियों और रेंगने वाले जानवरों के लिए

7.8 सेंट्रल पार्क

जयपुर स्थित यह सेंट्रल पार्क जयपुर की सबसे बड़ी पार्क में से एक है।  

9. हवामेहेल [Hawamahal pdf]

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10. हवामहल की फोटो [Hawamahal photo]

11. निष्कर्ष [Conclusion]

हवामहल राजस्थान के प्रमुख हीरों में से एक है आप इसे कोहिनूर भी कह सकते है।

इस महल में सूर्य द्वारा पड़ने वाली रौशनी से जब यह महल जगमगाता है तब यह अत्यंत मनमोहक दिखाई देता है।

यह स्थान का इतिहास में अपना महत्व है। यह जगह बच्चो और बड़ों सभी के लिए है।

तो दोस्तों उम्मीद करता हूँ की आपको यह जानकारी पसंद आयी होगी।

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धन्यवाद।

12. हवामहल की लोकेशन [Hawamahal location]

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