हमारा प्यारा भारत विविधताओं का देश रहा है। यहाँ कुछ ही दुरी के पश्चात एक नयी संस्कृति और रीती रिवाज से परिपूर्ण समाज को देखने को मिलता है।
जहाँ एक तरफ बड़े प्यारसे प्रत्येक धर्म के लोग यहाँ के निवास करते है वही दूसरी तरफ देश के प्रति अपने योगदान को कभी नहीं भूलते है।
दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम जाने वाले है गुजरात के वड़ोदरा शहर में। इसका प्रमुख कारण एक मंदिर है जिसका नाम है EME-Temple . यह पुरे विश्व में अपनी अनोखी विशेषता लिए हुए है।
इस मंदिर के निर्माण में पांचो धर्मोंके विशेष चिन्हों को दर्शाया गया है। इस प्रकार से यह मंदिर हमारे प्यारे देश भारत को विविधता में एकता का सन्देश पूरी दुनिया को देती है।
1.दक्षिणमूर्ति मंदिर कहाँ पर स्थित है ? [EME temple Full form]
दक्षिणमूर्ति मंदिर गुजरात के वड़ोदरा शहर में स्थित है। यह मंदिर देवो के देव कहे जाने वाले प्रभु नीलकंठ या भगवान शिव जी को समर्पित है। यह मंदिर भारतीय सेना के इलेक्ट्रिकल और मकैनिकल क्षेत्र के जवानो द्वारा बनाया गया था।
इस वजह से इस मंदिर को EME मंदिर का नाम दिया गया है। EME का अर्थ है – Electrical and Mechanical corps . इस मंदिर की देखरेख का कार्य भारतीय सेना द्वारा किया जाता है।
चूँकि हमारी भारतीय सेना में प्रत्येक धर्म के लोग रहते है इसलिए इस मंदिर के निर्माण में पांच धर्मो को एक साथ बनाया गया है जो हमारे देश में स्थित भाईचारे को दर्शाता है।
इस मंदिर में 106 प्राचीन मूर्तियों को स्थापित किया गया है।
दक्षिणमूर्ति मंदिर को जियोडेसिक संरचना के जरिये एल्यूमीनियम से बनी हुई है।
इसका निर्माण भारतीय सेना के जवानों ने 1966 में किया था और इसे सेना प्रतिष्ठान द्वारा चलाया जाता है।
यह स्थानीय लोगों और पर्यटकों के बीच एक पसंदीदा स्थान है। ईएमई स्कूल के तत्कालीन कमांडेंट – ब्रिगेडियर ए.एफ. यूजीन – के तहत मंदिर की योजना और निर्माण किया गया था।
मंदिर के मुख्य देवता भगवान शिव हैं और मंदिर छोटे संतों और देवताओं के छोटे मंदिरों से घिरा हुआ है, जो पवित्र अमरनाथ मंदिर के समान है, जिसमें 7 वीं से 12 वीं शताब्दी के पुराने देवता हैं।
यह एक धर्मनिरपेक्ष स्थान है जो सभी धर्मों को समान सम्मान देता है। ईएमई मंदिर पुरातत्वविदों द्वारा अच्छी तरह से माना जाता है।
यह धर्मनिरपेक्षता का प्रतीक है और कई धर्मों की विभिन्न विशेषताओं को प्रदर्शित करता है – हिंदू धर्म, इस्लाम, ईसाई धर्म, बौद्ध धर्म, जैन धर्म, पारसी धर्म।
मुख्य देवता की मूर्ति दक्षिण की ओर है, जो प्रतीकात्मक रूप से भगवान दक्षिणामूर्ति का प्रतिनिधित्व करती है जो दुनिया को उनकी शिक्षा प्रदान करते हैं।
मंदिर एक सौ से अधिक देवताओं की मूर्तियों से घिरा हुआ है, जो 6 ठी शताब्दी से संबधित है।
2. दक्षिणमूर्ति मंदिर की वास्तुकला [EME temple architecture]
पुरातत्वविदों का मानना है कि यह मंदिर अपने डिजाइन, अवधारणा और भूगणितीय डिजाइन के संबंध में अद्वितीय है।
इस मंदिर से लोग काफी प्रभावित होते हैं सोचते है की कैसे यह मंदिर अपनी संरचना में हर धर्म के पवित्र प्रतीकों को शामिल करके धर्मनिरपेक्षता का पूरी तरह से समर्थन करता है।
दक्षिणमूर्ति मंदिर के शीर्ष पर रखा गया कलश हिंदू धर्म का प्रतीक है। गुंबद इस्लाम धर्म का प्रतीक है।
टॉवर ईसाई धर्म का प्रतिनिधित्व करता है। मीनार के ऊपर की सुनहरी संरचना बौद्ध धर्म को व्यक्त करती है।
इस मंदिर के प्रवेश द्वार जैन धर्म का प्रतिनिधित्व करता है। इस प्रकार भारतीय सेना अपनी संस्कृति, परंपराओं और धर्मों के साथ पूरे देश से विविध लोगों को एक साथ संजोने का कार्य करती है।
यह एक ऐसी जगह है जहां किसी भी धर्म के लोग एक छत के नीचे एक साथ आ सकते हैं।
ईएमई मंदिर भारत के धर्मनिरपेक्षता के मूल्यों का एक आदर्श उदाहरण प्रस्तुत करता है जो भारतीय सेना की नींव हैं।
संरचना के बाहर विभिन्न धर्मों के पवित्र प्रतीकों की नक्काशी भी की गयी है।
मंदिर के खुलने का समय – सुबह 6.30 से शाम के 8.30 बजे तक
प्रवेश शुल्क – ईएमई मंदिर के दर्शन के लिए कोई प्रवेश शुल्क नहीं है। आपको प्रवेश द्वार पर एक वैध पहचान प्रमाण, अधिमानतः आधार कार्ड दिखाना होगा।
परिसर के अंदर फोटोग्राफी सख्त वर्जित है। मोबाइल फोन और कैमरे की अनुमति नहीं है।
3.गुजरात के अन्य पर्यटन स्थल [Tourist place in Gujrat]
दोस्तों गुजरात राज्य में पर्यटन के लिए कई पर्यटन स्थल मौजूद है।
इनमे से कुछ को हमने इस आर्टिकल में विस्तार से भी बतलाने की कोशिश की है उम्मीद है आप सभी को यह काफी पसंद आएगा।
- सोमनाथ मंदिर
- साबरमती आश्रम
- चम्पानेर पावागढ़ पुरातात्विक स्थल
- रानी की वाव
- स्टेचू ऑफ़ यूनिटी
- लक्ष्मी विलास पैलेस
- मोढेरा का सूर्य मंदिर
- जामा मस्जिद
- रुक्मणि देव मंदिर
- दक्षिणमूर्ति मंदिर [EME-Temple]
- गुजरात साइंस सिटी
- कीर्ति मंदिर
- दांडी बीच इत्यादि .
4. सवाल जवाब [FAQ]
दोस्तों आप सभी के द्वारा दक्षिणमूर्ति मंदिर के बारे में कुछ सवाल पूछे गए है। जिनमे से कुछ को हमने इस आर्टिकल में सबमिट किया है।
उम्मीद है हमारे द्वारा दिए गए जवाबों से आप सभी संतुष्ट हो पाएंगे।
अगर फिर भी आपके मन में इस जगह से लेकर कोई भी क्वेरी हो तो कमेंट में जरूर बताएं।
इस मंदिर में प्रवेश शुल्क 0 रूपये है।
यह मंदिर सुबह 6.30 से शाम के 8.30 बजे तक खुला रहता है।
जी हाँ इस मंदिर में सभी धर्मो के लोग प्रवेश कर सकते है, वह भी बिना रोक तो के लेकिन अपनी पहचान हेतु आपको आधार कार्ड लाना होगा।
यह मंदिर भारतीय सेना के इलेक्ट्रिकल और मकैनिकल क्षेत्र के जवानो द्वारा बनाया गया था। इस वजह से इस मंदिर को EME मंदिर का नाम दिया गया है।
EME का अर्थ है – Electrical and Mechanical corps . इस मंदिर की देखरेख का कार्य भारतीय सेना द्वारा किया जाता है।
यह मंदिर देवो के देव कहे जाने वाले प्रभु नीलकंठ या भगवान शिव जी को समर्पित है।
5. निष्कर्ष [Conclusion]
दुनिया में ऐसा कोई भी स्थान या देश नहीं है जहाँ पर हमारे देश की तरह सभी धर्मों को सामान आदर के साथ स्वीकारा जाता हो।
यह हमारे देश के बुद्धिजीवियों की ही देन है की हम कितने भी विविधताओं से घिरें हो लेकिन हम सब एक है।
यह मंदिर भी इसी प्रकार का एक सन्देश हम सभी देशवासियों को देता है।
EME मंदिर का मैप [EME temple map]
6. सबसे महत्वपूर्ण बात [Very important thing]
दोस्तों इन ऐतिहासिक इमारतों या पर्यटन स्थलों पर टिकट के पैसा, यात्रा अवधी जैसे छोटी चीज़ें बदलती रहती है।
इसलिए यदि आपको इनके बारे में पता है तो जरूर कमेंट में जरूर बताएं हम जल्द ही आपके द्वारा दी गयी जानकारी को अपडेट कर देंगे।
यदि इस पोस्ट में कुछ गलती रह गयी हो तो उसे कमेंट में जरूर बताएं।
धन्यवाद।