दशाश्वमेध घाट का इतिहास एवं उसकी वास्तुकला | Dashashwamedh Ghat story

दशाश्वमेध घाट (Dashashwamedh Ghat) बनारस में स्थित 84 घाटों में से एक प्रमुख घाट है । यह घाट प्रमुख रूप से अपनी खूबसूरती और गंगा आरती के लिए जाना जाता है। काशी को मोक्षदायिनी भी कहा जाता है । ऐसा माना जाता है की जो भी व्यक्ति इस घाट पर स्नान करता है उसके सातों जन्म के पाप नष्ट हो जाता है अर्थात उसका उद्धार हो जाता है।

बनारस के इन 84 घाटों में से 5 घाट बहुत पवित्र मने जाते है। इन्ही घाटों को हम पंचतीर्थ के नाम से जानते है। ये पांच घाट इस प्रकार से है।

  1. दशाश्वमेध घाट
  2. मणिकर्णिका घाट
  3. अस्सी घाट
  4. आदिकेशव घाट
  5. पंचगंगा घाट

दोस्तों मैंने इस सभी घाटों पर articles  लिखा है । उम्मीद है आपको पसंद आएगा।

दशास्वमेध का अर्थ होता है – दस घोड़ो का बलिदान।

84 घाटों में से एक घाट दशास्वमेध घाट पर रोजाना हजारों की संख्या में श्रद्धालु और पर्यटक इस जगह को देखने के लिए आते है।

इस घाट पर अस्सी घाट की तरह धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन भी होता है ।

1. दशाश्वमेध घाट [Dashashwamedh Ghat]

दशाश्वमेध घाट गोदौलिया के पास स्थित है । दशाश्वमेध घाट तक आने के लिए आप इन प्रमुख रास्तों को Visit कर सकते है।

  • कैंट स्टेशन > लहुराबीर > दशाश्वमेध घाट
  • कैंट स्टेशन > विद्यापीठ मार्ग > गोदौलिया

प्रमुख स्थानों से दशाश्वमेध घाट की दुरी –

कैंट रेलवे स्टेशन से दशाश्वमेध घाट की दुरी5.2 KM
BHU से दशाश्वमेध घाट की दुरी4.6 KM
Circuit House हमरौतिया से दशाश्वमेध घाट की दुरी6.6 KM
सारनाथ  से दशाश्वमेध घाटकी दुरी9.7KM
बाबतपुर Airportसे दशाश्वमेध घाट की दुरी25.2 KM

2. दशाश्वमेध घाट का इतिहास [Dashashwamedh Ghat History]

 History of Dashashwamedh Ghat

दशास्वमेध घाट से Related कुछ प्रमुख कहानियां प्रचलित हैं-

1. प्राचीन ग्रंथों के अनुसार राजा दिवोदास ने इसी घाट पर यज्ञ करवाया था, इसी वजह से इस घाट का नाम पड़ा दशाश्वमेध घाट।

2. एक अन्य कहानी के अनुसार नागवंशीय राजा वीरसेन ने इसी जगह पर दस बार अश्वमेध यज्ञ करवाया था।

3. काशीखण्ड के अनुसार शिवप्रेषित ब्रह्मा जी द्वारा इसी स्थान पर अश्वमेध यज्ञ करवाया था।

2.1 गंगा आरती [Ganga Arti]

दशास्वमेध घाट की एक प्रमुख आकर्षण है – गंगा आरती। यह आरती प्रतिदिन सुबह और शाम दोनों ही समय होती है।

यदि आप गंगा आरती देखना चाहते है तो आप शाम के समय में आकर देख सकते है यह काफी आकर्षक लगता है।

आरती के बाद माँ गंगा के पवित्र जल में दिए जलाकर छोड़े जाते है जो अत्यंत ही मनोरम लगता है ।

3.अनुभव [Experience]

हमने अपनी यात्रा शाम में की थी ताकि हम गंगा आरती का लुफ्त उठा सकें। यह अनुभव हमारे लिए काफी लाभदायक था।

Hindu tradition

और वैसे भी वाराणसी के घाट हो या कोई भी मंदिर घूमने का मज़ा तो सुबह और शाम के वक्त ही आता है।

कोशिश करें की सुबह में मंदिर घूम आये और शाम को घाट इत्यादि।

दशास्वमेध घाट पर आने पर आपको हिन्दू धर्म की रीतिरिवाज और संस्कार देखने को मिलेगी जो की अन्य जगह शायद ही देखने को मिले।

यदि आप गंगा आरती देखने आये है तो मेरी सलाह है की आप एक बार Boat par बैठकर इसका आनंद ले ।

यह आपके अनुभव में चार चाँद लगा देगा।

खैर यह मेरा अनुभव रहा आप का अनुभव कैसा रहा comment  में जरूर बताये।धन्यवाद । उसके बाद

4. कैसे पहुंचे [How to reach]

4.1 सड़क मार्ग द्वारा [By Road]

वाराणसी शहर राष्ट्रीय राजमार्ग -2 से लगभग सभी छोटे एवं बड़े शहर एक दूसरे से जुड़े हुए है।

यदि आप बनारस में रहते है तो आप कैंट रेलवे स्टेशन से लहुराबीर होते हुए दशाश्वमेध घाट के लिए जा सकते है ।

ज्यादा जानकारी के लिए आप google  बाबा से संपर्क कर सकते है.

4.2 वायु मार्ग [By Air]

आप देश में कही पर भी रहते हो , वाराणसी आने के लिए आपको बाबतपुर हवाई अड्डे तक आना पड़ेगा ।

बाबतपुर हवाई अड्डे से आप सीधे कैंट रेलवे स्टेशन के लिए आ सकते है। उसके बाद आप कैंट रेलवे स्टेशन से लहुराबीर होते हुए दशाश्वमेध घाट के लिए जा सकते है ।

Babatpur Airport Toll free no – 0542-2623060 एवं 0542-2622155

4.3 ट्रेन द्वारा [By Train]

वाराणसी जंक्शन लगभग सभी बड़े एवं छोटे शहरो एवं महानगर से जुड़ा हुआ है

वाराणसी जंक्शन के बाद आप कैंट रेलवे स्टेशन से लहुराबीर होते हुए दशाश्वमेध घाट के लिए जा सकते है ।

5. सवाल जवाब [FAQ]

  1. दशाश्वमेध घाट हिन्दू संस्कृति और परंपरा के रूप में जाना जाता है
  2. वाराणसी में शॉपिंग करने के लिए आपको कई मॉल और शॉप्स मिल जायेंगे जैसे – IP mall, jalans vishal mega mart etc.
  3. वाराणसी के सबसे famous चीज़ है – बनारसी साडी
  4. घाट के पास ही में स्थित है मणिकर्णिका घाट. इस घाट पर पिंड दान और मुंडन कार्य होता है.
  5. यहाँ पर आप Boat riding का मजा उठा सकते है . यदि आप Boat sharing करते है तब प्रतिव्यक्ति 50 Rs लगते है. यदि आप अकेले गंगा आरती और अन्य घाटों को देखना चाहते है तब 800 RS लगते है. यह price season to season vary करता है.
  6. गंगा आरती सुबह और शाम दोनों वक्त होती है ६.३० बजे तक प्रारम्भ हो जाती है
  7. गंगा स्नान के लिए दशाश्वमेध घाट अच्छा माना जाता है
  8. Best time to visit Dashashwamedh Ghat is october to january
  9. यहाँ पर पार्किंग की भी सुविधा उपलब्धहै 4 wheelers. की सुविधा भी उपलब्ध है पर मेरी राय है की आप से Travel न करें तो बेहतर होगा.
  10. इस घाट पर प्रतिवर्ष मेले का भी आयोजन होता है .

6. Dashashwamedh ghat map

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