रघुनाथ मंदिर का इतिहास और उसकी वास्तुकला | Raghunath temple Jammu

रघुनाथ मंदिर का इतिहास और उसकी वास्तुकला | Raghunath temple Jammu

रघुनाथ मंदिर जम्मू जिले में स्थित है। यह मन्दिर मर्यादापुरुषोत्तम श्रीराम जी को समर्पित है। इस मन्दिर का निर्माण वर्ष 1853 में जम्मू के महाराजा गुलाब सिंह द्वारा किया गया था।

कहते है की इस मंदिर के विभिन्न हिस्सों का निर्माण उनके पुत्र महाराजा रणबीर सिंह द्वारा भी करवया गया था।

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सास-बहु मंदिर का इतिहास और उसकी वास्तुकला | Sasbahu temple Gwalior

सास-बहु मंदिर का इतिहास और उसकी वास्तुकला | Sasbahu temple

दोस्तों हमारे देश में मंदिरों का प्राचीन इतिहास रहा है। ये मंदिर ना सिर्फ भारतीय संस्कृति को दर्शाते है बल्कि ये वास्तुकला के अद्भुत दर्शन भी करवाते है।सास-बहु मंदिर मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर में स्थित है।
यह एक प्राचीन मंदिर है जिसका निर्माण वर्ष 1093 में कच्छपघाट राजवंश के राजा महिपाल जी द्वारा किया गया था। यह मंदिर भगवान विष्णु जी को समर्पित है।

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मोढेरा सूर्य मंदिर का इतिहास और उसकी वास्तुकला | Modhera sun Temple

मोढेरा सूर्य मंदिर का इतिहास और उसकी वास्तुकला | Modhera sun Temple

हमारे देश में सूर्य को एक भगवान के रूप में पूजा जाता है। उनके सम्मान में मंदिरों का निर्माण प्राचीन काल से ही किया जाता रहा है। सूर्य मंदिर के निर्माण का सीधा सा अर्थ यह है की हमारे प्राचीन ग्रंथो में जैसे की वेदों एवं पुराणों में भगवान सूर्य का काफी महत्व रहा है। भगवान सूर्य जब चलते थे तो उनके रथ में सात घोड़े जूते हुए होते थे जो साथ सप्ताह को सम्बोधित करते है।
गुजरात का सूर्य मंदिर जिसे हम मोढेरा सूर्य मंदिर के नाम से भी जानते है वह मोहसेन जिले में स्थित है। यह मोहसेन जिले से 25 किमी दूर पुष्पावती नदी के किनारे पर स्थित है। यह मंदिर सोलंकी वंशीय राजाओं ने बनवाया था। यह वंश गुजरात राज्य के सबसे शक्तिशाली राजवंशों में से एक थे।

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लाड खान मंदिर का इतिहास और उसकी वास्तुकला | Lad khan temple

लाड खान मंदिर का इतिहास और उसकी वास्तुकला | Lad khan temple

भारत में प्राचीन समय से ही विभिन्न इमारतों का निर्माण होता रहा है। इन इमारतों का निर्माण कई सदियों के दौरान हुआ था। इनमे ज्यादातर इमारतें किसी ना किसी राज्य विशेष को सम्बोधित करता रहा है। इन्हे प्राचीन राजा या सुलतान अपने राज्य की विशेषताओं एवं कला एवं संस्कृति को दिखने का प्रयास करते है।

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Ramappa temple | रामप्पा मंदिर शामिल हुआ विश्व विरासत स्थल की सूचि में

प्राचीन भारत में एक से बढ़कर एक योद्धा हुए है जिन्होंने ना सिर्फ अपने बाहुबल से राज किया बल्कि अपने द्वारा कला और संस्कृति का भी विकास किया। उनके द्वारा बनवाये गए विभिन्न स्मारकों ने ना सिर्फ भारतवर्ष को गौरवान्वित किया है बल्कि विदेशों में भी काफी नाम कमाया है फिर चाहे बात ताजमहल, कुतुबमीनार,की हो या फिर खजुराहों के मंदिर। इन प्राचीन स्मारकों के जरिए उन राजाओं और राजवंशों ने अपना नाम इतिहास में अमर कर लिया है।

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EME Temple Vadodara in Hindi | दक्षिणमूर्ति मंदिर गुजरात

EME Temple Vadodara in Hindi | दक्षिणमूर्ति मंदिर गुजरात

दक्षिणमूर्ति मंदिर गुजरात के वड़ोदरा शहर में स्थित है। यह मंदिर देवो के देव कहे जाने वाले प्रभु नीलकंठ या भगवान शिव जी को समर्पित है। यह मंदिर भारतीय सेना के इलेक्ट्रिकल और मकैनिकल क्षेत्र के जवानो द्वारा बनाया गया था। इस मंदिर को EME मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। जिसका अर्थ है – Electrical and Mechanical corps . इस मंदर को भारतीय सेना द्वारा देखभाल किया जाता है।

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Airateshwar temple Thanjavur | ऐरावतेश्वर मंदिर का इतिहास और उसकी वास्तुकला

all about Airateshwar temple | ऐरावतेश्वर मंदिर क्यों है इतना खास

ऐरावतेश्वर मंदिर Airateshwar temple तमिलनाडु के तंजौर में स्थित है। यह मंदिर हिन्दू धर्म के आराध्य देव भगवान् शिव को समर्पित है। इस मंदिर का निर्माण चोल वंशिया राजाओं ने किया था। इसके अलावा बृहदीश्वर मंदिर और गंगैकोंडचोलीश्वरम का मंदिर भी शामिल है।
इस मंदिर को वर्ष 2004 में UNESCO द्वारा विश्व विरासत की सूची में रखा गया था।

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विरुपाक्ष मंदिर की इतिहास और स्थापत्य कला के बारे में जानिए

विरुपाक्ष मंदिर की इतिहास और स्थापत्य कला के बारे में जानिए

विरुपाक्ष मंदिर कर्नाटक राज्य के हम्पी में स्थित है। यह मंदिर हिन्दुओ के प्रिय आराध्य भगवान शिव का है। इस मंदिर में भगवान् शिव जी को उनके ही एक रूप यानि विरुपाक्ष के रूप में पूजा जाता है।
इस मंदिर की वास्तुकला और इसकी सुंदरता को देखते हुए वर्ष इसे UNESCO द्वारा विश्व विरासत की सूचि में रखा गया था। इस मंदिर को “पंपापटी” के नाम से भी जाना जाता है।

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Konark sun temple Odisha | कोणार्क सूर्य मंदिर का इतिहास और उसकी वास्तुकला

[PDF]Konark sun temple History in Hindi | कोणार्क का सूर्य मंदिर जाने इतिहास

कोणार्क का सूर्य मंदिर भारत के उड़ीसा राज्य के कोणार्क नामक शहर में स्थित है। यह भगवान सूर्य देव को सम्पर्पित एक हिन्दू मंदिर है। प्राचीन धर्मग्रंथों में सूर्य देव को ग्रहों का राजा भी माना गया है। यह मंदिर अपनी भव्यता के कारण पुरे भारतवर्ष में प्रसिद्ध है।

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all about Mahalingeswara Temple | महालिंगेस्वर मंदिर का इतिहास

all about Mahalingeswara Temple | महालिंगेस्वर मंदिर का इतिहास

पुत्तुर महालिंगेस्वर मंदिर कर्णाटक के कन्नड़ जिले के पुत्तुर में स्थित है। यह मंदिर 12 वि शदी में स्थापित हुयी थी।
इस मंदिर को वर्ष 1961 में के अधिनियम द्वारा इसे राज्य सर्कार द्वारा संरक्षित किया गया है। वर्त्तयमान में इस मंदिर की रखरखाव और संरक्षण कार्य कर्नाटक सरकार द्वारा किया जाता है।

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