भारत कला म्यूजियम बी.एच.यु : एक पुरातात्विक भवन

अतीत की वस्तुओं को संभलकर रखना अपने आप में एक चुनौतीपूर्ण कार्य है. कुछ वस्तुओं को तो हम restore कर लेते है लेकिन बहुत सी वस्तुओं को restore नहीं कर पाते है.

ऐसी स्थिति में तब museum हमारे बेहद काम का साबित होता है. देश में लगभग 600 से ज्यादा म्यूजियम मौजूद है जिनमे ज्यादातर का निर्माण britishers के समय ही हुआ था. इन म्यूजियम में आज भी हम अपने प्यारे भारत की स्पष्ट छवि देख सकते है.

दोस्तों आज के इस article में हम जाने वाले है एक ऐसे ही museum के भ्रमण पर जहाँ पर मौर्य काल से लेकर आधुनिक भारत तक की मूर्तियां उपस्थित है. जी हाँ हम बात कर रहे है वाराणसी स्थित भारत कला म्यूजियम बी.एच.यु.

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भारत कला म्यूजियम का इतिहास [Bharat kala museum history]

भारत कला भवन पुरे भारत का सबसे अच्छा विश्विद्यालय संग्रहालय माना जाता है. आज हमारे यहाँ 600 से भी ज्यादा museum उपस्थित है और अपनी सेवाएं दे रहे है.

लेकिन BHU स्थित भारत कला म्यूजियम अपने वृहद् आकर एवं कलेक्शन के लिए काफी प्रसिद्ध है. यह museum पूरी तरहसे रिसर्च एवं उच्च शिक्षा के लिए समर्पित है.

इस म्यूजियम में रखी गयी वस्तुओं को देखने के लिए खुद महात्मा गाँधी जी आये थे और कलेक्शन देखकर उन्होंने कहा ” संग्रहालय बहुत अच्छा है “

म्यूजियम रखी वस्तुएं [Museum collections]

भारत कला भवन आपको 1st C A.D से लेकर 13th C AD तक की सारी मूर्तियां देखने को मिलेंगी. इनमे ज्यादातर मूर्तियां अपने आकर एवं शैली से आपका मन मोह लेंगी.

जहाँ तक इन मूर्तियों के काल की बात करें तो मौर्य काल, गुप्त काल, कुषाण काल के साथ-साथ आपको एकाध आधुनिक भारत तक की भी मूर्तियां देखने को मिलेगीं. ये सारी मूर्तियां पत्थर से निर्मित है.

कुछ मूर्तियां लाल बलुआ पत्थर से निर्मित है तो कुछ काले बालू से निर्मित है. सभी मूर्तियां अपने आप में अनोखे है. लेकिन यदि किसी मूर्ति ने सबसे ज्यादा प्रभावित किया तो वह था कल्याण सुन्दरमूर्ति.

भारत कला म्यूजियम बी.एच.यु :  एक पुरातात्विक भवन

इस मूर्ति को प्रतिहार शैली में बनाया गया था. हालाँकि यह मूर्ति आज टूटीफूटी अवस्था में या फिर खंडित अवस्था में लेकिन इसे देखकर प्रतिहार राजाओं द्वारा किये गए कार्यों को देख सकते है. यह मूर्ति हमें काफी खूबसूरत लगी. खैर आपको कौन सी मूर्ति सबसे अच्छी लगी कमेंटमे जरूर बताएं.

इस museum में आपको कपड़े पर की गयी चित्रकारी के साथ साथ महामना मालवीय जी के जीवन से सम्बंधित सारी ही चीजें रखी गयी है. इसके आलावा आप मालवीय जी को प्राप्त भारत रत्न जैसे प्रतिष्ठित सम्मान को भी देख सकते है.

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आइये सैर करें [Lets have a look]

भारत कला म्यूजियम के प्रवेश करने से पहले आपको अपने मोबाइल फ़ोन्स, बैग्स इत्यादि चीजों को बाहर ही छोड़ना होगा या यूँ कहे की आपको अपने सामान को जमा करना होगा.

यह सुविधा निःशुल्क है साथ ही यहाँ पर कई गार्ड साहब भी बराबर निगरानी करते रहते है तो आपको अपने सामान की चिंता करने की आवश्यकता ही नहीं है इस प्रकार आप बेफिक्र होकर इस museum के विभिन्न भागो को बड़ी ही तन्मयता से देखें.

म्यूजियम में प्रवेश करने से पहले आपको अपनी entry दर्ज करनी पड़ती है साथ ही साथ आपको अपने Mobile no. Entry time, Your name इत्यादि चीजे इस entry register में दर्ज करनी पड़ती है, और लौटते वक्त आपको एक बार फिर से entry करनी पड़ती है, लेकिन इस बार आपको अपने हस्ताक्षर के साथ निकलने के समय को भी लिखना पड़ता है.

यदि आप BHU के student है तो आपको किसी भी प्रकार की फीस नहीं ली जाती है लेकिन यदि आप बाहर से है तो आपको कुछ शुल्क भी देना पड़ता है.

भारत कला म्यूजियम बी.एच.यु :  एक पुरातात्विक भवन

museum में प्रवेश करने के बाद आप वीथिका गैलरी से प्रवेश पाते है. यहाँ विभिन्न प्रकार की मूर्तियां रखी हुयी है जो काफी प्राचीन है. ये मूर्तियां मौर्य काल से लेकर गुप्त काल एवं चोल साम्राज्य से सम्बंधित है.

दोस्तों जब आप इन प्राचीन मूर्तियों को देखेंगेतो आप एक चीज नोटिस करेंगे की इनमे ज्यादातर एक ही पत्थर से निर्मित की गयी है. इसे इतिहास की भाषा में हम एकाश्म पत्थर के नामसे भी जानते है.

दोस्तों इस museum में कई galleries बनायी गयी है जहाँ पर अनेकों चीजें बड़ी ही सुसज्जित तरीके से रखी गयी है. इन्ही में से एक है चित्र वीथिका गैलरी.

इस गैलरी में एक से बढ़कर एक खूबसूरत पेंटिंग बनायीं गयी है जिन्हे बनाने के लिए कपडे का प्रयोग किया गया है. यहाँ भगवान् श्रीकृष्णा के जन्मसे लेकर मुग़ल बादशाह अकबर द्वितीय तक के सारी paintings उपलब्ध है.

भारत कला म्यूजियम बी.एच.यु :  एक पुरातात्विक भवन

लेकिन हमने देखा की यहाँ पर कुछ painting अपने स्थान से गायब है और उनकी जगह restoration लिखा हुआ. पूछने पर पता चला की कुछ पेंटिंग ख़राब होनेके कगार पर थी इसलिए उन्हें restoration के लिए भेजा गया है. खैर ये तो रही चित्र वीथिका गैलरी की.

चित्र वीथिका से आगे बढ़ने पर हमें पंडित मदन मोहन मालवीय जी से सम्बंधित gallery मिली. इस gallery में महामना जी के जन्म से लेकर उनके परिवार एवं उनकी जन्म कुंडली भी काफी संभल कर रखी गयी है.

इसके आलावा मालवीय के वस्त्र जैसे की कोट-पजामा, अचकन, दुशाला, खड़ाऊं, सनातन धर्म की साप्ताहिक पत्रिका, शंख, खरल इत्यादि महत्वपूर्ण वस्तुए भी मौजूद है. इस गैलरी में मौजूद एक चीज जिसने मुझे सबसे अधिक प्रभावित किया वह था : श्रीमद्भागवत पुराण की ओरिजिनल प्रति.

यहाँ से आगे बढ़ने पर हमें सीढ़ियों के पास भी कुछ कलेक्शन दिखा. यहाँ पर छोटे-छोटे गुड्डे-गुड़िया रखी हुयी है और तो और kitchen, Bathroom, Bedroom इत्यादि चीजे बड़ी ही खूबसूरती के साथ प्रस्तुत किया गया है.

चूँकि जिस वक्त हम भारत कला म्यूजियम में आये थे उस वक्त म्यूजियम में निर्माण कार्य चल रहा था इस वजह से हमें ग्राउंड फ्लोर पर जितने चीजे उपलब्ध थी उन्हे ही देख पाए. जल्द ही हम बाकी की चीजों के साथ उपस्थित होंगे. धन्यवाद !

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कैसे पहुंचे [How to reach]

बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी पहुंचने के लिए सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन है Varanasi cant railways station. इसके आलावा आप Banaras railways station के माध्यमसे भी पहुंच सकते है.

एक बार जब आप इन रेलवे स्टेशन पहुंच जातेहै तो फिर आपको सीधे BHU के लिए रवाना होना होगा. शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति हो जिसने BHU का नाम नहीं सुना होगा. तो आप निश्चिन्त रहे और अपनी यात्रा को सुखद बनाये.

एक बात और जब आप BHU पहुंच जाएँ तो आपको लगभग 1.5 से 2 km चलकर अंदर आना होगा उसके बाद ही आप भारत कला म्यूजियम तक पहुंच पाएंगे.

नजदीकी रेवले स्टेशन वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन
नजदीकी हवाई अड्डा लाल बहादुर शास्त्री हवाई अड्डा
नजदीकी सड़क मार्ग राष्ट्रीय राजमार्ग 2

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बनारस में पर्यटन के लिए जगह [Tourist place in Varanasi]

यूँ तो पूरा बनारस ही अपने आप में पर्यटन है लेकिन यदि आपके पास समय की कमी है तो आप इन स्थानों पर जरूर जाएँ. ये स्थान विशेष आपको बनारस के प्रति समझ विकसित करने में काफी महत्वपूर्ण साबित होंगे.

अस्सी घाट रामनगर फोर्ट
दशाश्वमेध घाटभारत माता मंदिर
सारनाथ स्थित बुद्ध मंदिर मान मंदिर घाट
मणिकर्णिका घाटसंत रविदास पार्क
काशी विश्वनाथ मंदिर या बिड़ला मंदिर गंगा महल

भारत कला म्यूजियम की लोकेशन [Bharat kala museum location]

निष्कर्ष [Conclusion]

प्राचीन काल से ही वाराणसी जिसे हम बनारस के नाम से भी जानते है का इतिहास में काफी महत्वपूर्ण योगदान रहा है. गंगा यमुना के दोआब वाले इस क्षेत्र का history में काफी योगदान रहा है और आज भी है.

इस सम्पूर्ण मैदानी इलाके में प्रचुर मात्रा में खाद्यान्न पैदा होता है और तो और ये स्थान विशेष व्यापार के मामले में भी काफी समृद्ध प्रदेश रहा है.

ये जानकरी हमें archeological खुदायी के दौरान प्राप्त हुयी मूर्तियों एवं अन्य चीजों से पता चलती है. जिन्हे सहेजने का काम भारत कला म्यूजियम द्वारा किया गया है.

दोस्तों यदि आप history के student है या फिर आपको अपने कला और संस्कृति से लगाव है तो एक बार जरूर इस स्थान का दौरा करें.

निश्चित ही आप भारत कला म्यूजियम से प्रभावित होंगे और अपने कला और संस्कृत से और ज्यादा जुड़ाव महसूस करेंगे.

धन्यवाद !

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सवाल जवाब [Some FAQ]

भारत कला म्यूजियम में कौन-कौन सी चीजे है ?

भारत कला म्यूजियम में प्राचीन काल की मूर्तियाँ BHU से सम्बंधित वस्तुएं समेत अनेक वस्तुए रखी गयी है.

क्या भारत कला म्यूजियम में हम पंडित मदन मोहन मालवीय जी को प्राप्त भारत रत्न को देख सकते है ?

हाँ बिलकुल

इस म्यूजियम में रखी गयी वस्तुओं की काल अवधि क्या है ?

4th C से लेकर 13th C A.D तक

क्या यहाँ पर पानी कि सुविधा है ?

हाँ बिलकुल यहाँ पर आपको पानी के साथ साथ वाशरूम की भी सुविधा दी गयी है. ज्यादा जानकरी के लिए आप यहाँ उपस्थित गॉर्ड साहब से बात कर सकते है.

बनारस पहुंचने के लिए सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन कौन सा है ?

वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन एवं बनारस रेलवे स्टेशन

क्या BHU के छात्रों का प्रवेश निःशुल्क़ है ?

जी हाँ

म्यूजियम में प्रवेश का समय

11.00 Am – 4.00 Pm

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