1. वराह गुफा मंदिर कहाँ स्थित है ? [Varah cave temple in Hindi and its location]
वराह मंदिर तमिलनाडु राज्य के महाबलीपुरम में स्थित है। यह मंदिर महाबलीपुरम शहर से 4 किमी की दुरी पर स्थित है। कोरोमंडल तट पर स्थित है।
इस मंदिर को चट्टान काट गुफा मंदिर भी कहते है।
यह गुफा मंदिर भगवान विष्णु के अवतार यानि वराह के रूप में स्थित है।
यह मन्दिर एक पहाड़ी पर स्थित है। वराह गुफा मंदिर को सन 1984 ईस्वी में ही UNESCO द्वारा इस जगह को विश्व धरोहर सूची में रखा गया था।
2. वराह गुफा मंदिर का इतिहास [vrah gufa itihas]
पल्लव वंशीय राजाओ ने अपने शासनकाल के दौरान एक से बढ़कर एक भव्य इमारते बनवायी।
उन्ही में से एक है – वराह गुफा मंदिर। इस मंदिर में मामल्ल शैली का प्रयोग किया गया है।
यह गुफा 7 वि शताब्दी का बना हुआ है। इन मंदिरों में शिखर को वेसर शैली में बनाया गया है।
इन प्रकार की इमारतें चिपटी होती है। मंदिर का विमान व मंडप एक ऊँची चौकी या चबूतरे पर स्थित है।
3. वराह गुफा मंदिर की स्थापत्य कला [varah cave temple architecture]
यह मंदिर अपने नक्काशीदार स्तम्भ और भित्तिचित्रों के लिए जाना जाता है।
ये आकृतियां पल्लव वंश के राजाओं द्वारा बनवाया गया था। इस मंदिर में मंडप मौजूद है। इस गुफा का द्वार पर कुल 6 स्तंभ या पिल्लर्स है।
गरेको रोमन वास्तुशिप का प्रयोग बेहरीन किया गया है। मंदिर के अंतरिका भाग में दीवारों पर भगवान विष्णु के विभिन्न अवतारों की प्रतिमा उकेरी गयी है।
4. भारत में कुल गुफा मंदिरों की संख्या [How many cave temples in India ]
भारत में कुल 34 गुफा मंदिर है। इन गुफाओं में कुछ UNESCO द्वारा विश्व धरोहर सूची में रखा गया है।
इनमे से कुछ गुफाये इस प्रकार है-
गुफा | स्थिति |
---|---|
वराह गुफा | महाबलीपुरम , तमिलनाडु |
अजंता की गुफा | महाराष्ट्र |
एल्लोरा की गुफा | महाराष्ट्र |
बादामी गुफा मंदिर | कर्नाटक |
उंडावल्ली गुफा | गुंटूर |
उदयगिरि की गुफा | मध्य प्रदेश |
एलीफैंट की गुफा | महाराष्ट्र |
अमरनाथ गुफा | पहलगाम जम्मू कश्मीर |
माव्समाई गुफा | मेघालय |
भीमबेटका | मध्य प्रदेश |
कार्ला गुफा | लोनावला , महाराष्ट्र |
पत्तलेश्वर गुफा मंदिर | महाराष्ट्र |
बोर्रा गुफा | आंध्र प्रदेश |
डुंगेश्वरी गुफा मंदिर | बिहार |
बेलूम गुफा | आंध्र प्रदेश |
5. परिवहन सुविधा [How to reach Varah cave temple]
नजदीकी रेलवे स्टेशन | कांचीपुरम रेलवे स्टेशन |
नजदीकी हवाई अड्डा | चेन्नई हवाई अड्डा |
7. निष्कर्ष [conclusion]
दोस्तों पल्लव राजाओ द्वारा विभिन्न कलाकृतियों का निर्माण किया गया था।
रथ मंदिरों का निर्माण भी इनके द्वारा ही किया गया था।
इन इमारतों की सबसे अच्छी बात यह होती है की इन्हे बनाने के लिए अलग अलग पत्थर का उपयोग नहीं किया जाता बल्कि एक ही पत्थर को बेहरीन कलाकारी द्वारा बनाया गया है।