1. श्रीपद्मनाभस्वामी मंदिर
श्रीपद्मनाभस्वामी मंदिर भारत के केरल राज्य की राजधानी तिरुवनंतपुरम में स्थित है।
यह मंदिर भगवान विष्णु जी को समर्पित है। मंदिर के गर्भगृह में भगवान विष्णु शेषनाग पर विश्राम कर रहे है।
ऐसा मान्यता है की भगवान विष्णु जी के प्रिय सवारी और अनंत, नाग के नाम पर ही इस स्थान का नाम तिरुवनंतपुरम पड़ा। केरल में भगवान विष्णु जी की विश्राम अवस्था को पद्मनाभ कहा जाता है।
इस कारण इस मंदिर का नाम पद्मनाभस्वामी मंदिर पड़ा।
यह मंदिर भारत के प्रमुख वैष्णव मंदिरों में एक है। यह मंदिर केरल राज्य के किसी भी अन्य मंदिर की तुलना में दर्शन के लिए भक्तगण यहां ज्यादा आते है।
इस मंदिर की एक अनोखी परंपरा है। इस मंदिर में प्रवेश के लिए dress code या किस प्रकार के कपड़े पहनकर दर्शन के लिए जायेंगे बनाया गया है।
इसके लिए पुरुषों को धोती और महिलाओं को साड़ी पहनना अनिवार्य है।
जो इस मंदिर की खास विशेषताओं में से एक है। इस मंदिर में कोई अन्य गैर धर्म यानि केवल हिन्दू ही इस मंदिर में जा सकते है अन्य धर्मो के व्यक्ति या महिला इस मंदिर में प्रवेश नहीं पा सकते है।
फिर चाहे फिर आप भारत के प्रधानमंत्री क्यों न हों।
यहां तक की इस मंदिर में कोई भी विदेशी व्यक्ति या महिला दर्शन के लिए नहीं जा सकता है।
इस मंदिर के विषय पर बहुत सारे लोगों का विचार है की इन नियमों को ख़तम कर देना चाहिए और सभी वर्ग और समुदाय के लिए इस मंदिर के द्वार खोल देना चाहिए।
दोस्तों आपकी क्या राय है comment करके बतायें।
2. श्रीपद्मनाभस्वामी मंदिर कहाँ पर स्थित है ?
केरल के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है। इस मंदिर का पता है-
Address and Pincode – West Nada, Fort, East Fort, Pazhavangadi, Thiruvananthapuram, Kerala 695023
3. श्रीपद्मनाभस्वामी मंदिर का इतिहास
श्रीपद्मनाभस्वामी मंदिर में समय समय पर कुछ न कुछ सौंदर्यीकरण होते रहे है।
जिसके कारण यह मंदिर आज भी दुनिया के किसी भी अन्य मंदिरों की तुलना में भव्य है।
उदहारण- सन 1733 में त्रावणकोर के महाराजा मार्तण्ड वर्मा द्वारा इसका सौंदर्यीकरण किया गया था।
एक कहावत के अनुसार इस मंदिर बनने से पहले यही पर भगवान विष्णु जी की प्रतिमा खुदाई के दौरान प्राप्त हुयी थी जिसके बाद में यही पर श्रीपद्मनाभस्वामी मंदिर की स्थापना हुयी।
4. स्थापत्यकला
तिरुवनंतपुरम में स्थित इस मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता यह है की इस पर महीन या बारीक़ कलाकारी की गयी है। शिल्प सौंदर्य का भी पूरा ख्याल रखा गया है।
मंदिर में द्रविण (जो की दक्षिण भारत के लगभग प्रत्येक मंदिर में यह कलाकारी देखने को मिल जाएँगी) और केरल शैली के मिश्रण से बनाया गया है।
मंदिर का गोपुरम यानि मंदिर का शीर्ष भाग जो की नुकीला होता है इसी गोपुरम में ध्वजा पताका रहती है, भी द्रविण शैली में बनाया गया है।
यह मंदिर सात, 7 मंजिल का है जिसे द्रविण और केरल स्थापत्य कला में बनाया गया है।
श्रीपद्मनाभस्वामी मंदिर के पास ही में एक प्रसिद्ध सरोवर है जिसे पद्मतीर्थ कुलम के नाम से जाना जाता है।
इस मंदिर में किसी भी अन्य धर्म के व्यक्ति का स्नान करना मना है।
मंदिर के सामने ही एक प्रसिद्ध वाच टावर है जिसे मेथन मनी के नाम से भी जाना जाता है।
यह वाच टावर काफी खास है। इसके बारे में जानने के लिए click करें- मेथन मनी वाच टावर
5. श्रीपद्मनाभस्वामी मंदिर के दर्शन
श्रीपद्मनाभस्वामी मंदिर में दर्शन के लिए समय है-
Sunday | 3.30am – 8.30pm |
Monday | 3.30am – 8.30pm |
Tuesday | 3.30am – 8.30pm |
Wednesday | 3.30am – 8.30pm |
Thursday | 3.30am – 8.30pm |
Friday | 3.30am – 8.30pm |
Saturday | 3.30am – 8.30pm |
6. श्रीपद्मनाभस्वामी मंदिर के प्रमुख तथ्य
इस मंदिर की प्रमुख तथ्य इस प्रकार है-
- इस मंदिर को द्रविण और केरल शैली में बनाई गयी थी
- यह मंदिर भारत का सबसे अमीर मंदिर के नाम से जाना जाता है.
- इस मंदिर की देखभाल त्रावणकोरे की रॉयल परिवार करता है
- इस मंदिर के पास ही में एक वाच टावर स्थित है जो काफी प्रसिद्ध है.
- इस मंदिर में केवल और केवल हिन्दू धर्म के व्यक्ति ही प्रवेश पा सकते है.
7. सवाल जवाब
दोस्तों हमने आप सभी के द्वारा श्रीपद्नाभस्वामी मंदिर से सम्बंधित सवालों को लिया है और उनके जवाबों को भी बतया है ताकि आप बिना किसी परेशानी के दर्शन कर पर पाएं।
पुरुषों के लिए धोती और महिलाओ के लिए साड़ी
हिन्दू मान्यता अनुसार इस दरवाजे के द्वार केवल वही पंडित खोल सकता है जिसे नाग बन्धम श्लोक का सही उच्चारण करे अन्यथा उसकी मृत्यु संभव है।
हाँ उपलब्ध है
नहीं केवल हिन्दू धर्म और भारतीय ही प्रवेश कर सकते है।
श्रीपद्मनाभस्वामी मंदिर तिरुवनंतपुरम केरल
8. निष्कर्ष [Conclusion]
श्रीपद्मनाभस्वामी मंदिर पूरी दुनिया में सबसे भव्य और प्रसिद्ध मंदिर है।
आप इसकी भव्यता का अंदाजा इस बात से लगा सकते है की इसकी स्थापत्यकला में बारीक़ या महीन कलाकारी की गयी है।
यह मंदिर केवल और केवल हिन्दू धर्म या सनातन धर्म से सबंधित व्यक्ति ही भगवान् विष्णु जी के दर्शन प्राप्त कर सकता है।
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