Methan mani- The watch Tower | मेथन मनी

1. मेथन मनी क्या है ?

मेथन मनी एक वाच टावर है जो की श्री पद्मनाभम स्वामी मंदिर के ठीक सामने है।

यह watch tower अन्य watch tower से अलग है। इसका प्रमुख कारण है जब भी कोई घंटा पूरा होता है तो यह आवाज के साथ कितने घंटे हो गए है ये बतलाता है।

आप लोग सोचेंगे की आखिर इसमें नया क्या है। बाजार में आज कल हर घड़ी में यह सुविधा होती है।

तो मैं आपको बता दू इस वाच टावर में लगयी इस घड़ी की खासियत यह की इसमें प्रत्येक घंटे के दौरान इसमें लगे एक व्यक्ति का मुख खुलता और बंद रहता है तथा इसके आजु और बाजु दोनों तरफ जानवर भी खड़े है।

2. मेथन मनी कहां स्थित है ?

मेथन मनीWatch Tower भारत के केरल राज्य की राजधानी तिरुवनंतपुरम में है।

केरल की राजधानी को त्रिवेंद्रम के नाम से भी जाना जाता है।

AddressFort, East Fort, Pazhavangadi
Thiruvananthapuram, Kerala

Pincode  – 695023

दोस्तों मैंने पिछले कुछ दिनों से प्रत्येक राज्य के प्राचीन धरोहरों पर प्रतिदिन एक आर्टिकल पब्लिश करता हूँ।

इसलिए मैंने सबसे दक्षिण में स्थित राज्य केरल को चुना और धीरे धीरे में उत्तर भारत के राज्यों को भी कवर करूँगा।

उम्मीद है आपलोगों को मेरा यह प्रयास अच्छा लगेगा।

3. मेथन मनी का इतिहास

सं 1840 में मैथन मणि को श्री पद्मनाभन स्वंय मंदिर के सम्मुख इसकी स्थापना की गयी थी।

इस वाच टावर को महाराजा स्वाति तिरुनल राम वर्मा जी द्वारा स्थापित किया गया था।

यह वाच टावर महोगनी नामक वृक्ष से बनाया गया था।

महाराजा राम वर्मा भी वेणाड राजवंश से सम्बंधित थे। कोच्चि के सबसे प्राचीन और लम्बे समय तक शासन करने वाले राजवंशों में से एक था यह राजवंश।

मैंने पिछले पोस्ट में भी इस राजवंश की राजकुमारी रानी उमयम्मा जी द्वारा कोईक्कल महल के बारे में बताया था।

यदि आप कोईक्कल महल के बारे में जानना चाहते है तो मेरा यह आर्टिकल कोईक्कल महल : एक संगीत संग्रहालय जरूर पढ़ें।

3.1 महाराजा स्वाति तिरुनल राम वर्मा

महाराजा स्वाति तिरुनल राम वर्मा का जन्म 16 अप्रैल 1813 त्रावणकोर में हुआ था।

महाराजा राम वर्मा जी को संगीत के क्षेत्र में अपने समकालीन राजाओ में सबसे अग्रणीय रहे थे।

वह 400 के लगभग हिंदुस्तानी और कर्नाटक पद्धति में music composition करना जानते थे और अभ्यास भी करते थे।

राजा राम वर्मा जो शिक्षा पद्धति में सुधार करके ने त्रावणकोर समेत अन्य प्रदेशों को आधुनिकता में ला खड़ा किया।

इसके लिए उन्होंने पुस्तकालय बनवाये अंग्रेजी शिक्षा विज्ञानं और कानून के विषयों को खूब बढ़ावा दिया। वह खुद एक Well educated थे।

इनकी मृत्यु 26 दिसंबर 1846 को हुयी थी।

4. निष्कर्ष [Conclusion]

दोस्तों त्रिवेंद्र में स्थित यह watch tower अपने आप में अनोखा है।

चूँकि यह एक राजवंश यानि वेनाद राजवंश द्वारा स्थापित किया गया था इसलिए यह जगह अपने आप में खास हो जाती है।

उम्मीद है हमारे द्वारा दी गयी जानकारी आपको अच्छी लगी होगी। यदि मेरे द्वारा दी गयी जानकारी में कोई भी त्रुटि हो तो कृपया हमसे संपर्क करें।

हम आपके द्वारा दी गयी जानकारी को फिर से लोगों के सामने प्रदर्शित करने का प्रयास करेंगे।

तो दोस्तों उम्मीद करता हूँ की आपको यह जानकारी पसंद आयी होगी। अगर आपको यह जानकारी पसंद आयी है और आपको लगता है की यह article  helpful  है तो इसे अपने social media में जरूर share कीजियेगा।

धन्यवाद।

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