महाबोधि विहार का इतिहास और उसकी वास्तुकला | Mahabodhi temple

दोस्तों महात्मा बुद्ध जिसे हम सभी गौतम बुद्ध के नाम से भी जानते है उनके द्वारा बुद्ध धर्म या बौद्ध धर्म की स्थापना की गयी थी।

उस समय भारत में चारों तरफ धार्मिक कार्यों के लिए कर्मकांड और दक्षिणा का प्रावधान अत्यधिक तेजी की साथ बढ़ रहा था जहाँ पर एक तरफ आमिर या संपन्न वर्ग इसे देने में सक्षम था वही दूसरी तरफ सबसे निचले तबके के लोग इसे देने में असमर्थ थे।

समाज में इन्ही का बोलबाला था। यह बात उत्तरवैदिक काल की है। इसी समय गौतम बुद्ध जी के द्वारा लोगों के बिच में बौद्ध धर्म को लाया।

चूँकि इस धर्म में वैदिक कर्मकांडों या मन्त्रों की आवश्यकता नहीं थी इसलिए ज्यादा से ज्यादा लोग उनके धर्म के साथ जुड़ने लगे।

दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम इन्ही गौतम बुद्ध जी के बारे में बाते करेंगे। यानी बौद्ध धर्म का सर्वाधिक प्रसिद्ध तीर्थस्थल जिसे हम महाबोधि मंदिर के नाम से भी जानते है। तो आइये चलते है-

1. महाबोधि विहार कहाँ पर स्थित है ? [Mahabodhi temple History | location]

महाबोधि मंदिर या भारत के बिहार राज्य में बोधगया में स्थित एक प्रसिद्ध बौद्ध तीर्थस्थल है। यह बौद्ध धर्म में सबसे पवित्र मानी जाने वाली जगहों में से एक है।

यह वह जगह है जहाँ पर बौद्ध धर्म के प्रणेता गौतम बुद्ध जी को ज्ञान की प्राप्ति हुयी थी।

दोस्तों उत्तर प्रदेश के बनारस, वाराणसी जिले में भी गौतम बुद्ध जी की प्रतिमा स्थापित है यहाँ पर न सिर्फ आपको गौतम बुद्ध जी के जीवन से सम्बंधित वस्तुए मिलेंगी बल्कि बौद्ध भिक्षु जहां पर अपना ध्यान लगते थे यानि बौद्ध स्तूप भी मिलेंगे।

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ऐसा माना जाता है की बोधगया में इसी स्थान पर गौतम बुद्ध जी ने ज्ञान प्राप्त करने के पश्चात सात सप्ताह या 49 दिन तक यही पर रहकर लोगों को बौद्ध धर्म के प्रति जागरूक किया।

चूँकि बौद्ध धर्म में जाति-पाती और काला-गोरा का भेद के बिना उस धर्म में सभी लोगों का स्वागत कर रहा था तो ज्यादातर हिन्दू धर्म के जो निम्न वर्ग थे वह बौद्ध धर्म को अपनाने लगे।

यहाँ तक की कई प्रसिद्ध राजा जैसे की सम्राट अशोक भी बौद्ध धर्म को अपना लिया। यह परिवर्तन कलिंग पर विजय प्राप्त करने के पश्चात हुआ।

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2. महाबोधि विहार का इतिहास [Mahabodhi Temple History]

जिस प्रकार से हिन्दू धर्म में अपने आराध्य को पूजने के लिए मंदिर होता है उसी प्रकार से बौद्ध धर्म में अपने प्रभु गौतम बुद्ध जी पूजने के लिए विहार होता है।

इस जगह के बारे में एक प्रसिद्ध किवंदती या मान्यता यह है की इसी जगह पर बुद्ध जी को ज्ञान की प्राप्ति हुयी थी।

इसलिए उनके अनुयायिओं ने इसी स्थान पर एक विहार का निर्माण करवाया था जो आज भी अपने अस्तित्व में है।

महाबोधी विहार में गौतम बुध जी की पालथी मारे हुए या पद्मासन अवस्था में मूर्ति स्थापित किये हुए। उन्हें देख कर ऐसा लगता है की जैसे गौतम बुद्ध की मूर्ति न होकर स्वयं बुद्ध जी ध्यान कर रहे हों।

इस विहार में उनके अनुयायी जिन्हे हम बौद्ध भिक्षु के नाम से पुकारते है वह गौतम बुद्ध जी का ध्यान करते है और मोक्ष प्राप्ति के लिए अग्रसर भी रहते है। तो आइये जानते है कौन है गौतम बुद्ध जी ?

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3. गौतम बुद्ध कौन थे ? [Who was Gautam Buddha]

गौतम बुद्ध जी के बारे में मैंने पिछले आर्टिकल में बहुत कुछ बताया है उम्मीद करता हु की आप उसे पढ़ेंगे। यहाँ पर मैं सिर्फ कुछ महत्वपूर्ण बिन्दुओ को आपसे साझा कर रहा हु।

  • महात्मा बुद्ध जी का जन्म 563 ईस्वी पूर्व में लुम्बिनी (नेपाल )में हुआ था।
  • इनका वंश इक्ष्वाकु वंश के नाम से जाना जाता था। इनके पिता का नाम शुद्धोधन एवं माँ का नाम महामाया था।
  • महात्मा बुद्धा जी के बचपन का नाम सिद्धार्थ था। इनके जन्म के सातवें दिन ही माता महामाया का देहावसान हो गया।
  • इनका लालन पालन इनकी मौसी यानि महारानी महामाया की छोटी बहन महाप्रजापति गौतमी ने किया।
  • विवाह के उपरांत इनका एक बेटा हुआ जिसका नाम उन्होंने राहुल रखा, लेकिन सिद्धार्थ का मन गृहस्थ जीवन में न लगाकर सन्यास धारण करना चाहते थे इसलिए उन्होंने अपना घर एवं राजपाट सब छोड़कर सत्य की खोज में निकल पड़े।
  • कई वर्षों के साधना एवं कठोर तपस्या के पश्चात् बोधगया बिहार में उन्हें सत्य का ज्ञान हुआ और इसके बाद उन्होंने एक नए धर्म को सबके सामने लाया।
  • ज्ञान प्राप्त करने के पश्चात् सिद्धार्थ , महात्मा बुद्ध के नाम से प्रख्यात हो गए ।

4. महाबोधि विहार की स्थापत्य कला [Mahabodhi temple architecture]

महाबोधि विहार में गौतम बुद्ध जी की लाल बलुई पत्थर से निर्मित एक सात फुट ऊँची मूर्ति है। यह मूर्ति पद्मानसन अवस्था में है। इस मूर्ति के आगे बुद्ध जी के पदचिन्हों को सहेजा गया है।

महाबोधि विहार का उत्तरी भाग चङ्कमाना के नाम से भी जाना जाता है।

सम्राट अशोक गौतम बुद्ध जी के बौद्ध धर्म से इतना प्रभावित हुए थे की उन्होंने भी हिन्दू धर्म को छोड़कर बौद्ध धर्म अपना लिया था और इसी बोधगया नामक स्थान पर हीरों से बनी हुयी राजसिंहासन स्थापित करवाई थी।

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5. परिवहन सेवा [How to reach Mahabodhi temple]

नजदीकी रेलवे स्टेशनगया जंक्शन
नजदीकी हवाई अड्डा गया हवाई अड्डा
सड़क मार्ग बिहार सरकार द्वारा गया पटना नालंदा वाराणसी और बोधगया के लिए बस परिवहन की सुविधा मुहैया कराती है।

6. महाबोधि विहार के कुछ प्रमुख तथ्य [interesting facts about Mahabodhi temple]

  • यह बौद्ध धर्म में सबसे पवित्र मानी जाने वाली जगहों में से एक है।
  • यह वह जगह है जहाँ पर बौद्ध धर्म के प्रणेता गौतम बुद्ध जी को ज्ञान की प्राप्ति हुयी थी।
  • महाबोधि विहार में गौतम बुद्ध जी की लाल बलुई पत्थर से निर्मित एक सात फुट ऊँची मूर्ति है।
  • सम्राट अशोक गौतम बुद्ध जी के बौद्ध धर्म से इतना प्रभावित हुए थे की उन्होंने भी हिन्दू धर्म को छोड़कर बौद्ध धर्म अपना लिया था।

7. सवाल जवाब [FAQ]

दोस्तों आप सभी के द्वारा महाबोधि मंदिर Mahabodhi-Temple बारे में ढेरों सवाल पूछे है जिनमे सभी प्रश्नो के तो नहीं लेकिन कुछ महत्वपूर्ण प्रश्नों को हमने इसमें शामिल किया है।

उम्मीद करता हु की आप हमारे जवाबों से संतुस्ट हो पाएंगे और यदि फिर भी आपके मन में Mahabodhi-Temple के बारे में कोई सवाल हो तो कमेंट में जरूर बताएं।

हम आपके जवाबों को शीघ्र ही देने की कोशिश करेंगे।

1. क्या इस मंदिर में फोटग्राफी कर पाएंगे ?

हाँ बिलकुल आप महाबोधि मंदिर में फोटोग्राफी या विडिओ बना सकते है। इसके लिए आपको इसका टिकट लेना होगा फिर आप इस जगह की फोट ले सकते है।

2. क्या यह जगह बच्चो के लिए सुरक्षित है ?

हाँ बिलकुल यह जगह समाज के सभी वर्गों के लिए सुरक्षित है निश्चिन्त रहे और भगवान बुद्ध जी के दर्शन प्राप्त करें।

3. भगवान बुद्ध जी के बारे में बताइये ?

  • महात्मा बुद्ध जी का जन्म 563 ईस्वी पूर्व में लुम्बिनी (नेपाल )में हुआ था।इनका वंश इक्ष्वाकु वंश के नाम से जाना जाता था। इनके पिता का नाम शुद्धोधन एवं माँ का नाम महामाया था।महात्मा बुद्धा जी के बचपन का नाम सिद्धार्थ था। इनके जन्म के सातवें दिन ही माता महामाया का देहावसान हो गया।
  • 4. क्या यहाँ पर सभी धर्मों के लोग आ सकते हैं ?

    बिलकुल आप इस जगह पर आप चाहे किसी भी धर्म या समुदाय के लोग हो आपका यह मंदिर स्वागत करता है।

    5. महाबोधि मंदिर का निर्माण किसके द्वारा किया गया था ?

    महाबोधि मंदिर का निर्माण अशोक महान ने किया था।

    8.महाबोधि मंदिर की तस्वीरें [Mahabodhi temple Wallpaper]

    9. निष्कर्ष [Conclusion]

    दोस्तों महात्मा बुद्ध जी ने अपने द्वारा दिए गए बौद्ध धर्म के द्वारा समाज के सबसे निचले वर्ग के लोगों को अपनी तरफ आकर्षित कर दिया था जिसका प्रमुख कारण था उनके धर्म में सभी वर्गों के लिए खुला था चाहे वह किसी भी धर्म का हो।

    वह खुद एक राजा के बेटे थे लेकिन फिर भी उन्होंने अपना राजधर्म त्यागकर अपना जीवन लोगों के लिए न्यौछावर कर दिया था।

    यह जगह काफी शांत और समृद्ध है। यहाँ पर आने पर आपको एक अलग ही दुनिया का अनुभव प्राप्त होगा।

    गौतम बुद्ध जी के सम्मान में बनाया गया यह महाबोधि मंदिर अपने इतिहास को बतलाता है।

    महाबोधि विहार का मैप [Mahabodhi vihar map]

    10. सबसे महत्वपूर्ण बात [Very important thing]

    दोस्तों इन ऐतिहासिक इमारतों या पर्यटन स्थलों पर टिकट के पैसा, यात्रा अवधी जैसे छोटी चीज़ें बदलती रहती है।

    इसलिए यदि आपको इनके बारे में पता है तो जरूर कमेंट में जरूर बताएं हम जल्द ही आपके द्वारा दी गयी जानकारी को अपडेट कर देंगे।

    यदि इस पोस्ट में कुछ गलती रह गयी हो तो उसे कमेंट में जरूर बताएं।

    धन्यवाद !

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