All about Golkonda fort Hyderabad | गोलकुंडा किला का इतिहास

जब एक तरफ उत्तर भारत में खिलजी, तुग़लक़, सैयद, लोधी एवं मुग़ल राजवंश ने अपना अधिकार ज़माना प्रारम्भ किया और अपने शासन व्यवस्था को सुचारु रूप से संगठित किया।

इस वक्त तक दक्षिण भारत इनके पहुंच से लगभग बाहर था।इसके कई कारण थे जिनमे प्रमुख कारण था इनका दूर स्थित होना

चूँकि प्राचीन काल में संसाधनों या परिवहनों का उचित व्यवस्था या विकास नहीं हुआ था इस वजह से इन राज्यों में होने वाली विभिन्न गतिविधियों को उत्तर भारत के राज्यों तक पहुंचने में महीनों लग जाते थे और उनकी रणनीति बनने तक परिस्थितियां काफी हद तक बदल जाती थी।

हालाँकि कुछ राजाओं ने तो अपनी पूरी कोशिश की थी लेकिन वह सफल नहीं हुए।

चूँकि इन राज्यों में उत्तरभारत के जैसे आक्रमण नहीं हुए या यूँ कहें की वैसा अतिक्रमण नहीं हुए जिनके लिए उत्तर भारत को जाना जाता है।

इस वजह से ये राज्य अपनी वास्तविक समृद्धि को बनाये रखने में काफी हद तक सफल भी रहे।

वैसे भी दक्षिण भारत के राज्यों में मनमुटाव नहीं था। यदि था भी तो उत्तर भारत के राजाओं की तरह नहीं था की वह जाकर अपने दुश्मनो के साथ जाकर मिल जाएँ।

इस वजह से जब भी इनके ऊपर बहरी आक्रमण हुआ तब ये सभी राजा एकजुट हुए और अपनी रक्षा की।

दोस्तों आज की इस आर्टिकल में हम चलने वाले है हैदराबाद शहर के गोलकुंडा के किले को करीब से देखने। उम्मीद करता हु की आप सभी को यह पसंद आएगा।

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1. गोलकुंडा किला कहाँ पर स्थित है ? [Golkunda fort in Hindi]

गोलकुंडा का किला Golkonda fort तेलंगाना राज्य की राजधानी हैदराबाद में स्थित है। यह किला लगभग 5 किमी (4.8 km) के बड़े क्षेत्र में स्थित है।

गोलकुंडा का यह क्षेत्र विभिन्न अमूल्य रत्नो के लिए प्रसिद्ध था जैसे की कोहिनूर हीरा, ब्लू होप, रीजेंट इत्यादि।

इस किले के अंदर राजा का निवास स्थल, कब्रगाह और अन्य इमारते सम्मिलित थी।

सुरक्षा की दृस्टि से यह किला एक पहाड़ी की चोटी पर बनाया गया था जिसे हम ग्रेनाइट की पहाड़ी के नाम से भी जानते है।

यदि आपको कभी तेलंगाना जाना पड़े तो आप तेलंगना की राजधानी हैदराबाद जरूर जाये और तो और चारमीनार गोलकुंडा के साथ साथ हैदराबादी बिरयानी भी जरूर चखें।

चूँकि यह किला लगभग 400 वर्ष पुराना है इसलिए इसे भारतीय पुरातत्व विभाग द्वारा इस किले को पुरातात्विक खजाने के रूप में चिन्हित किया है साथ ही इसे UNESCO  द्वारा स्थायी विश्व विरासत स्थल में रखा गया है।

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2. गोलकुंडा का किला का इतिहास [Golkonda fort history]

प्राचीन काल में गोलकुंडा के किले को मंकाल के नाम से जाना जाता था। इसकी स्थापना वारंगल के राजा ने वर्ष 1143 में करवाया था।

14 हवी सदी में इस किले पर बहमनी साम्राज्य का अधिकार स्थापित हुआ और 17 वि सदी में इस किले पर कुतुबशाही साम्राज्य ने अपना कब्ज़ा जमाया।

इस किले को चरवाहे की पहाड़ी और गोला कुंडा के नाम से जानते है। कहा जाता है की एक बार यहाँ पर एक चरवाहे का बच्चे को एक मूर्ति मिली जिसे मंगलवारम रखा गया था काकतिया राजा ने वहां पर एक मिटटी का किला का निर्माण करवाया था।

आगे चलकर यह किला बहमनी साम्राज्य के अधीन आ गया और फिर कुतुबशाही परिवार ने इसे अपनी राजधानी के रूप में चिन्हित किया।

कुतुबशाही के परिवारजन ने इस किले के अंदर सुन्दर शहर को बसाया और 17 वि सदी के दौरान इस किले में अनेको बेहतरीन हीरे के भंडार मिले जिससे इस किले को हीरे का एक प्रसिद्ध बाजार के रूप में जाना जाने लगा।

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3. किले से सम्बंधित कुछ तथ्य [Some facts about Golkonda fort]

  • गोलकुंडा का यह किला कोहिनूर जैसे विश्व प्रसिद्ध हीरों के लिए जाना जाता है
  • यह किला तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में स्थित है
  • यह किला लगभग 5 किमी (4.8 km) के बड़े क्षेत्र में स्थित है।
  • इस किले को चरवाहे की पहाड़ी और गोला कुंडा के नाम से जानते है
  • इस किले में कुल 8 प्रवेश द्वार है

4. हैदराबाद के कुछ नायब पर्यटन स्थल [Tourist place in Hyderabad]

दोस्तों तेलंगाना की राजधानी हैदराबद में एक से बढ़कर एक पर्यटन स्थल है जहाँ पर आप सभी पर्यटन के लिए जा सकते है।

इन पर्यटन स्थाओं में से कुछ तो काफी अनोखे भी है।

ये जगहे इस प्रकार है-

4. सवाल जवाब [FAQ]

दोस्तों आप सभी के द्वारा गोलकुंडा किले [ Golkonda fort ] बारे में ढेरों सवाल पूछे है जिनमे सभी प्रश्नो के तो नहीं लेकिन कुछ महत्वपूर्ण प्रश्नों को हमने इसमें शामिल किया है उम्मीद करता हु की आप हमारे जवाबों से संतुस्ट हो पाएंगे

यदि फिर भी आपके मन में golkonda-fort के बारे में कोई सवाल हो तो कमेंट में जरूर बताएं। हम आपके जवाबों को शीघ्र ही देने की कोशिश करेंगे।

1. गोलकुंडा किले की लोकेशन बताएं ?

– गोलकुंडा का किला तेलंगाना की राजधानी हैदराबद में स्थित है।

2. गोलकुंडा किले का पता क्या है ?

Khair Complex, Ibrahim Bagh, Hyderabad, Telangana

3. किले के प्रवेश के बारे में बताइये ?

गोलकुंडा किला सुबह 9 बजे से शाम के 5.30 बजे तक खुला रहता है।

4. क्या यह किला रविवार को खुला रहेगा ?

जी बिलकुल गोलकुंडा का किला पुरे सप्ताह खुला रहता है।

5. गोलकुंडा किले के प्रसिद्ध होने का कारण क्या है ?

गोलकुंडा का क्षेत्र अपने बेशकीमती हीरों जैसे की कोहिनूर हीरा, ब्लू होप, रीजेंट इत्यादि के लिए जाना जाता है। चूँकि यह किला अपना इतिहास में भी स्थान रखता है इसीलिए यह किला पर्यटकों के बीच में काफी प्रसिद्ध है।

6. गोलकुंडा में प्रवेश के लिए कुल कितने द्वार है ?

गोलकुंडा किले में प्रवेश के लिए कुल 8 द्वार है और सभी के सभी भव्य संरचनाओं से युक्त है।

7. इस किले की ऊंचाई कितना है ?

यह किला लगभग 400 फिट ऊँचा है।

8. क्या गोलकुंडा के किले से भी कोई बड़ा किला भारत में मौजूद है ?

हाँ बिलकुल गोलकुंडा किले से भी बड़ा एक किला है जिसका नाम चित्तौरगढ़ का किला है। यह किला राजस्थान में स्थित है।

9. इस किले को और किस चीज़ के तौर पर जाना जाता है ?

इस किले को चरवाहे की पहाड़ी और गोला कुंडा के नाम से जानते है।

10. क्या गोलकुंडा किले को यूनेस्को की विश्व विरासत स्थल के रूप में चुना गया है ?

हां बिलकुल इस किले को यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत स्थल के रूप में चुना गया है।

5. गोलकुंडा किले की कुछ तस्वीरें [Golkonda fort image]

6. निष्कर्ष [Conclusion]

दोस्तों पर्यटन के लिहाज से हैदराबाद स्थित यह किला वाकई एक अद्भुत किला है। इस किले की स्थापत्य की बात करें तो काफी हद तक उत्तरभारत में स्थित राजस्थान के विभिन्न किलों की छाप देखने को हमें मिलती है।

ज्यादातर लोग यह जानने की कोशिश करते है की आखिर ये राजा महाराजा इतने बड़े बड़े किले क्यों बनवाते थे वह इनके जगह पर अपने सैनिक व्यवस्था पर ज्यादा ध्यान दे सकते थे।

तो मैं आपको बता दू की इन किलों को बनाने के पीछे राजा महाराजाओं का एक खास उद्देश्य था।

इन किलों में राजा के परिवारजन के साथ साथ पुरे राज्य की रसद व्यवस्था यानि खाद्यान्न इसके साथ साथ इनमे पूंजी या धन भी रखा जाता था ताकि युद्ध जैसी विषम परिस्थिति में वह आवश्यकता आने पर इनका उपयोग करके अपना जीवन बचा पाएं।

हम इतिहास में देखते है की कितने ही राज्यों पर विदेशी आक्रमणकारियों ने अपना कब्ज़ा जमाया। चूँकि उनके किले उतने मजबूत नहीं थे इस वजह से इनपर आसानी से विजय प्राप्त की जा सकी।

आपने विद्याधर का नाम तो सुना ही होगा यह वह वीर राजा थे जिन्होंने महमूद गजनी को भी परास्त करके उसे संधि करने पर मजबूर किया था।

इस विजय में उनका यह किला ही था जिनसे उन्होंने महमूद जैसे शक्तिशाली राजा को हराया।

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गोलकोण्डा फोर्ट का मैप [Golkonda fort map]

8. सबसे महत्वपूर्ण बात [Most important thing]

दोस्तों इन ऐतिहासिक इमारतों या पर्यटन स्थलों पर टिकट के पैसा, यात्रा अवधी जैसे छोटी चीज़ें बदलती रहती है। इसलिए यदि आपको इनके बारे में पता है तो जरूर कमेंट में जरूर बताएं हम जल्द ही आपके द्वारा दी गयी जानकारी को अपडेट कर देंगे।

यदि इस पोस्ट में कुछ गलती रह गयी हो तो उसे कमेंट में जरूर बताएं।

धन्यवाद !

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