Anand Bhawan | जाने कैसा है आनंद भवन

1. आनंद भवन क्या है ?

आनंद भवन एक ऐतिहासिक भवन है जिसका हमारे स्वतंत्रता संग्राम में अमूल्य योगदान है।

यह आज के समय में एक भवन तो है लेकिन संग्रहालय के रूप में।

2. आनंद भवन कहाँ स्थित है?

आनंद भवन प्रयागराज में स्थित है। वर्ष 1930 में इसकी स्थापना पंडित जवाहर लाल नेहरू के पिता मोतीलाल नेहरू जी ने किया था।

इस भवन को नेहरू एवं गाँधी परिवार दोनों का ही संयुक्त रूप से निवास स्थान था।

मोतीलाल नेहरू ने जब अपना पुराना मकान जिसे आनंद भवन के नाम से भी जाना जाता था उसे देश की भलाई में लगे कांग्रेस के कार्यकर्ताओ और स्वंतंत्रता सेनानीयों को समर्पित कर दिया था।

इसे ही स्वराज भवन के नाम से जाना जाता है।

उसके बाद उन्होंने इलाहबाद यानि वर्तमान का प्रयागराज में एक अलग से निवास स्थान बनाया और उसे नाम दिया-आनंद भवन।

3. आनंद भवन का भारतीय स्वतंत्रता संग्राम योगदान

इस भवन का हमारे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में बड़ा योगदान रहा है।

यह वही स्थान है जहां पर कई घटनाये और विभिन्न घोषणाये हुयी जिन्होने भारत देश की दशा एवं दिशा दोनों ही बदलकर रख दिया।

सन 1928 में पंडित जवाहर लाल नेहरू ने इसी भवन से ऐतिहासिक भाषण दिया जिसमे उन्होंने कहा था- अब हमें पूर्ण स्वतंत्रता चाहिए.

14 नवंबर 1889 को मीरगंज पंडित नेहरू जी का जन्म हुआ था।

उनके जन्म के 10 वे वर्ष में उनके पिता मोतीलाल नेहरू ने इस भवन को ख़रीदा था और अपने पुराने मकान को कार्यकर्ताओ के लिए दे दिया था।

वर्ष 1942 में जब स्वंत्रता आंदोलन अपने उफान पर था।

देश के बड़े बड़े नेता और कार्यकर्ता स्वराज भवन में इकट्ठा होते थे और अगले दिनों के कार्यों का मूल्याङ्कन करते थे ताकि जल्द से जल्द हमारा भारत गुलामी की बेड़ियों से आजाद हो सके।

मगर अंग्रेजो की नजर जब इस भवन पर पड़ी तो इस भवन को जब्त कर लिया और अनेक कार्यकर्ताओ को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया।

अंग्रेजो द्वारा वर्ष 1942 में जब्त किये गए इस भवन जो स्वतंत्रत्र के पश्चात ही मुक्त करवाया जा सका।

हमारे देश की प्रथम महिला प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी जी का जन्म भी इसी भवन में हुआ था।

वर्ष 1970 में प्रधानमंत्री पद पर बने रहते हुए आनंद भवन को जवाहर लाल नेहरू स्मारक निधि को सौप दिया।

1971 आनंद भवन को एक संग्रहालय के रूप में लोगों के बिच प्रस्तुत किया गया। यह एक अच्छा प्रयास था।

ठीक इसी तरह का प्रयास हैदराबाद के निजाम ने सालारजंग महल को संग्रहालय में तब्दील करके लोगों के बीच प्रस्तुत कर दिया था। यह संग्राहलय आज भी उपस्थित है।

4. स्वराज भवन क्या है?

आनंद भवन और स्वराज भवन दोनों एक ही परिसर में स्थित है।

इस भवन को मोतीलाल नेहरू जी ने कांग्रेस को दान में दिया था ताकि देश की आजादी में लगे हुए क्रांतिकारी और कार्यकर्ता दोनों ही शरण पा सके।

इस भवन को लांच पैड के नाम से भी जाना जाता है क्यूंकि कई आंदोलनों का नेतृत्व इस भवन से होकर के गुजरा था।

5. कैसे पहुंचे ?

हवाई यात्रा द्वाराबमरौली हवाई अड्डा, लाल बहदुर शास्त्री हवाई अड्डा वाराणसी 150 km, अमौसी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा लखनऊ 200km
 ट्रेन द्वारा इलहाबाद रेलवे जंक्शन 4km, प्रयाग स्टेशन 2km, रामबाग स्टेशन 3km
सड़क द्वारा सिविल लाइन्स बस अड्डा 5km

6. निष्कर्ष

दोस्तों प्रयागराज में स्थित आनंद भवन एक ऐतिहासिक ईमारत है जिसका हमारे देश को आजाद करने में अमूल्य योगदान रहा है।

इसी भवन के माध्यम से स्वतंत्रता सेनानी और कांग्रेस के कार्यकर्ता अपने लक्ष्य प्राप्ति के मार्ग में अग्रसर रहे थे।

यह भवन खासकर बच्चो के लिए काफी अच्छी जगह है।

यहाँ पर स्वतंत्रता सेनानियों एवं नेहरू और गाँधी परिवारों दोनों की ही महत्वपूर्ण वस्तुएँ मौजूद है। जिसे देखकर आपको गुलाम भारत की याद ताज़ा हो जाएँगी।

तो दोस्तों ये थी आनंद भवन से जुडी हुयी कुछ जानकारी उम्मीद करता हु की आपको आनंद भवन से जुडी हुयी सारी जानकारी प्राप्त हो गयी होंगी।

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