1. चंद्रशेकर आजाद पार्क कहाँ स्थित है ?
चंद्रशेखर आजाद पार्क उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद यानि प्रयागराज में स्थित है। यह वह पार्क है जहाँ पर वीर चंद्रशेखर आजाद जी ने देश की खातिर अपने प्राणो की आहुति दी थी।
यही वह सपूत थे, जिन्हे जब चारों तरफ से अंग्रेज सैनिकों से घिर जाने के बावजूद सर्रेंडर नहीं किया।
चंद्रशेखर पार्क प्रयागराज का सबसे बड़ा पार्क है। यह पार्क लगभग 133 एकड़ में फैला हुआ है।
इस पार्क के अंदर जॉर्ज पंचम और उनकी महारानी विक्टोरिआ की प्रतिमा भी बनायीं गयी है।
इसी पार्क में ही एक पब्लिक लाइब्रेरी स्थित है जिसे गौथिक शैली में बनायी गयी है जहाँ पर ब्रिटिश कालीन पांडुलिपियों और कागजात रखे गए है जो आज भी सुरक्षित है।
2. चंद्रशेखर आजाद कौन थे ?
चंद्रशेखर आजाद का जन्म 23 जुलाई सन 1906 मध्य प्रदेश के भाबरा नामक गाँव में हुआ था। इनकी शाहदत और देशप्रेम ने इन्हे हमेशा के लिए अमर कर दिया है।
यह वह भारत माता के सच्चे सपूत थे जिन्होंने कभी भी अंग्रेजों के जाल में नहीं फसे और हमेशा इन अंग्रेजों को अपनी चतुराई और सूझबूझ से छकाए रखा।
इनके सम्मान में इनके गाँव भाबरा का नाम बदलकर चंद्रशेखर आजाद नगर कर दिया गया है। चंद्रशेखर जी को सभी लोग पंडित जी और आजाद नाम से पुकारते थे। चंद्रशेखर पार्क का इतिहास
3. चंद्रशेखर पार्क का इतिहास
एक बार वर्ष 1870 में सक्स कोबर्ग [ जर्मनी का एक प्रान्त ]के राजकुमार अल्फ्रेड और गोथा भारत में घूमने के लिए आये थे और तो और वह दोनों ही प्रयागराज भी गए।
यही पर उनके संस्मरण या पहचान के रूप में 133 एकड़ भूमि पर एक पार्क का निर्माण किया गया था।
जब इस पार्क का निर्माण पूर्ण हुआ तब इसका नाम सक्स कोबर्ग के राजकुमार अल्फ्रेड के नाम पर अल्फ्रेड पार्क सुनिश्चित हुआ।
वर्ष 1931 में चंद्रशेखर आजाद जी अपना एक प्रस्ताव लेकर जवाहर लाल नेहरू के पास उनके निवास स्थान आनंद भवन गए थे ।
चूँकि चंद्रशेखर जी गरम दल के नेता थे और क्रांतिकारी विचार रखते थे और वही नेहरू जी एक नरम दल यानि कांग्रेस के नेता थे जो की गाँधी जी के नक़्शे कदम पर चल रहे थे उन्होंने आजाद जी के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था।
चंद्रशेखर आजाद जी निराश होकर आनंद भवन से लौटे और अपने एक पुराने मित्र के साथ इसी अल्फ्रेड पार्क में आकर विश्राम करने लगे।
इसी अल्फ्रेड पार्क में इस दौरान उन्होंने भारत माता की आजादी के लिए नए सिरे से एक फुलप्रूफ प्लान बनाना शुरू किया और अपने मित्र के साथ साझा कर रहे थे।
लेकिन तभी कुछ अंग्रेज सिपाही इस पार्क में आ धमके और आजाद जी और उनके मित्र पर गोलियों की बौछार करने लगे।
अपने और अपने मित्र के ऊपर लगातार हो रहे गोलियों के बौछार ने उन्हें हताहत कर दिया लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और उन्होंने अपने मित्र की जान बचायी और स्वयं खुद अंग्रेजों से भिड़े रहे।
इस दौरान अंग्रेजों की तरफ से लगातार गोलिया चल रही थी और आजाद जी अकेले पद गए थे। आख़िरकार उन्होंने अपनी अंतिम बची गोली से स्वयं देश के लिए कुर्बान कर दिया।
कहते है की चंद्रशेखर आजाद जी हमेशा एक गोली अपनी गले में लटकाये रहते थे बिलकुल उसी प्रकार जिस प्रकार से बच्चे अपने गले में कोई जंतर वगैरह लटकाये रहते है।
इस गोली का प्रयोग वह तभी करेंगे जब उनकी बचने की सम्भावना बिलकुल भी न हो। यह वही पार्क था जहां पर आजाद जी ने अपनी अंतिम सांस ली।
इस अल्फ्रेड पार्क में आजाद जी की शहादत के बाद इसका नाम बदलकर चंद्रशेखर आजाद पार्क रखा गया। यह पार्क आज भी उस महान क्रांतिकारी की याद दिलाता है और उनकी दी हुयी क़ुरबानी से ही हम आजाद हुए है।
हमें नहीं पता की उस दिन आजाद जी और नेहरू जी के बीच क्या बातचीत हुयी थी और ये नहीं पता की इस मीटिंग के बारे में अंग्रेजी सरकार को खबर किसने दी पर जो भी उस दिन हुआ बिलकुल गलत हुआ था ?
दोस्तों आपकी क्या राय है इस पर कमेंट में जरूर बताएं।
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4. प्रयागराज में अन्य दर्शनीय स्थल
दोस्तों इलाहबाद जिसे प्रयागराज के नाम से भी जाना जाता है। प्रयागराज हमरे क्रांतिकारीओं के निवास स्थल के रूप में प्रसिद्ध था।
देश में कोई भी घटना होती थी तो वह घटना प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रयागराज से ही जुड़ा हुआ था।
यूँ तो प्रयागराज में दर्शनीय स्थल तो ढेर सारे है, पर आज मैं कुछ प्रसिद्ध जगहों के बारे में ही बताऊंगा।
- त्रिवेणी संगम
- नेहरू निवास स्थल आनंद भवन
- खुसरो बाग
- अशोक स्तम्भ
- प्रयागराज किला
- इलाहबाद संग्रहालय
- चंद्रशेखर आजाद पार्क
चंद्रशेखर पार्क प्रयागराज का मैप [Chandrashekhar park prayagraj map]
5. परिवहन सुविधा
दोस्तों चंद्रशेखर आजाद पार्क के लिए आप मुख्यतया इन सुविधाओं का प्रयोग कर सकते है-
नजदीकी रेलवे स्टेशन | इलाहबाद जंक्शन, प्रयागराज जंक्शन, रामबाग स्टेशन | 2 km |
सड़क सुविधा | सिविल लाइन्स बस अड्डा | 5 km |
नजदीकी हवाई अड्डा | बमरौली हवाई अड्डा | 12 km |
6. सवाल जवाब [FAQ]
दोस्तों आप सभी के द्वारा शेख चिल्ली और उनके मकबरे के बारे में कई महत्वपूर्ण सवाल पूछे गए है।
इन प्रश्नों में जो सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण प्रश्न है हमने उनका जवाब दिया है उम्मीद है आप सभी को हमारे द्वारा किया गया यह प्रयास अच्छा लगेगा।
यदि फिर भी आपके मन में शेख चिल्ली मकबरे से रिलेटेड कोई भी प्रश्न हो तो कमेंट में जरूर पूछे।
कार या बाइक की पार्किंग की व्यवस्था है कुछ ? हाँ हाँ बिलकुल यहाँ पर आपको पार्किंग की व्यवथा मिल जाएगी निश्चिन्त रहें ।
हाँ हाँ बिलकुल यहाँ पर आपको पार्किंग की व्यवथा मिल जाएगी निश्चिन्त रहें ।
हाँ बिलकुल यहाँ पर लाइब्रेरी भी है।
आपका सवाल बहुत अच्छा है असल में आजाद जी के शहीद होने के बाद अंग्रेजों के मन में उनके प्रति डर का भाव अभी भी कायम था.
चूँकि उनकी मृत्यु के पश्चात् पुरे भारत में विद्रोह और आंदोलन के बढ़ने की आशंका के बीच अंग्रेजों ने उस पेड़ को ही कटवा दिया ताकि लोगों के सेंटीमेंट्स उस स्थान से ना जुड़ने पाए।
यह पार्क सुबह के 7 बजे खुलता है और रात 8 बजे बंद होता है।
नहीं भाई।
अल्फ्रेड पार्क जिसे हम चंद्रेशखर आजाद पार्क के नाम से भी जानते है यह वर्त्तमान समय में प्रयागराज यानी इलाहबाद में स्थित है।
9.सबसे महत्वपूर्ण बात [Most important thing]
दोस्तों इन ऐतिहासिक इमारतों या पर्यटन स्थलों पर टिकट के पैसा, यात्रा अवधी जैसे छोटी चीज़ें बदलती रहती है।
इसलिए यदि आपको इनके बारे में पता है तो जरूर कमेंट में जरूर बताएं हम जल्द ही आपके द्वारा दी गयी जानकारी को अपडेट कर देंगे।
यदि इस पोस्ट में कुछ गलती रह गयी हो तो उसे कमेंट में जरूर बताएं।
धन्यवाद !