बनारस का दिल है अस्सी घाट | Assi ghat History

1. परिचय

अस्सी घाट उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर में स्थित एक और बेहतरीन tourist spot है । यह माँ गंगा के तट पर स्थित अर्धचन्द्राकार रूप में स्थित है । वाराणसी स्थित (March 2021) Place Review in Hindi

अस्सी नदी और गंगा नदी के संगम पर स्थित होने के कारण यह घाट अस्सी के नाम से प्रसिद्ध हुयी ।

यह बच्चो , बूढ़ो एवं नौजवानो सभी के बीच पसंदीदा जगहों में से एक है

यहाँ पर आपको जगह – जगह सिद्ध योगी एवं पंडितों के व्याख्यान से गूंजती वातावरण के दर्शन प्राप्त होते है ।

अस्सी घाट विदेशी सैलानियों , शोधकर्ताओं की पसंदीदा जगहों में से एक है ।

2. इतिहास

एक पौराणिक कथा के अनुसार माँ दुर्गा ने पाताल लोक के राक्षस शुम्भ एवं निशुंभ का जिस तलवार से वध किया था , अपनी उस तलवार को यही पर माँ ने फेका था।

ऐसा माना जाता है की जिस स्थान पर यह तलवार गिरी वही से अस्सी नदी का क्षेत्र की शुरुआत होती है ।

इस घाट के बारे में प्राचीन धर्मग्रंथो में भी इसका उल्लेख मिलता है खासकर मत्स्य पुराण एवं अग्नि पुराण में ।

यही पर एक पीपल के पेड़ के नीचे आपको भगवान शिव के दर्शन भी प्राप्त होते है साथ ही भगवान अस्सींगमेश्वरा का मंदिर भी है ।

इस मंदिर को अस्सी एवं गंगा नदी के प्रवाह एवं संगम स्थल का देवता मन जाता है

3. स्थापत्य कला

अस्सी घाट का निर्माण महाराजा बनारस ने 19 वीं सदी में बनवाया था । पास ही में लक्ष्मीनारायण मंदिर भी स्थित है जिसे नगर शैली में बनवाया गया है।

तुलसीदास जी ने इसी घाट पर प्रसिद्ध ग्रन्थ “ रामचरितमानस ” की रचना की थी

4. आइये सैर करें

हमारी यात्रा वाराणसी जंक्शन पर उतरने के बाद से प्रारम्भ होती है । वाराणसी जंक्शन यानि कैंट रेलवे स्टेशन से हमने एक ऑटो ले लिया और सीधे दुर्गकुंड पहुंचे। यहाँ पर हमने थोड़ा विश्राम और जलपान किया ।

यहाँ से हम पैदल ही घाट की तरफ निकल पड़े, दुर्गाकुंड के बिलकुल पास ही में स्थित है अस्सी घाट

करीब 350 m चलने पर हम अस्सी पहुंचे यदि आप कार या बाइक से है तो आपको सड़क के किनारे ही parking  की सुविधा मिल जाती है यह बिलकुल आपकी यात्रा सुखद और मनोरंजक बना देता है।

आगे बढ़ने पर हमने पहले तो माँ गंगा की अविरल धारा को प्रणाम किया एवं अस्सी पर ही स्थित प्राचीन शिवलिंग के दर्शन किये । वाकई यह काफी सुकून के पल थे ।

दर्शन के पश्चात हमने boat riding का भी मजा लिया । गंगा उस पार पहुंचने पर हमने ठंडी ठंडी रेत पर काफी मजे किये , पर एक बात मुझे अच्छी नहीं लगी , यहाँ पर लोग अपने साथ कचरा भी फैला रहे थे ।

यहाँ पर काम से काम एक dustbin  तो होना ही चाहिए था ।

यहाँ पर हमने घोड़ों की सवारी भी की और साथ ही फोटो भी खिचवाई । अस्सी घाट आप सभी जगहों की photo  ले सकते है।

अब शाम के लगभग 7 बजने वाले थे और अस्सी घाट की सबसे प्रसिद्ध गंगा आरती होने वाली थी । मन्त्रों एवं पाठ द्वारा गंगा आरती संपन्न हुई यह काफी शानदार अनुभव रहा ।

यह हमारी यात्रा का अंतिम चरण था ।

5. अनुभव

हमारा अनुभव काफी शानदार रहा , खासकर नाव यात्रा , घुड़सवारी और गंगा आरती ।

मेरा मानना है की आप यदि अस्सी घाट आने की तैयारी कर रहे है तो आप थोड़ा समय यहाँ जरूर बिताएं ।

यदि आपकी Family है तब तो यह आपके और आपके परिवार के लिए बेहद अच्छा Tourist place है ।

खैर यह मेरा अनुभव रहा , आपका अनुभव कैसा रहा comment  करके जरूर बताएं । धन्यवाद ।

6. कैसे पहुंचे

सड़क द्वारा

वाराणसी शहर राष्ट्रीय राजमार्ग -2 से लगभग सभी छोटे एवं बड़े शहर एक दूसरे से जुड़े हुए है। ज्यादा जानकारी के लिए आप google  बाबा से संपर्क कर सकते है ।

वायु मार्ग

आप देश में कही पर भी रहते हो , वाराणसी आने के लिए आपको पहले बाबतपुर एयरपोर्ट आना होगा ।

Toll free no – 0542-2623060 एवं 0542-2622155

ट्रेन द्वारा

अस्सी घाट घूमने के लिए आपको सीधे वाराणसी जंक्शन पर आना होगा । वाराणसी जंक्शन लगभग सभी बड़े एवं छोटे शहरो एवं महानगर से जुड़ा हुआ है ।

वाराणसी जंक्शन पर आने के बाद आप ऑटो से सीधे दुर्गाकुंड आ जाइएगा । यही पास ही में स्थित है अस्सी घाट

7. कुछ प्रमुख निर्देश

  • अस्सी घाट पर आप भगवत कथा के साथ साथ आप कोई भी कथा करवा सकते है यहाँ पर आपको कई ज्ञानी पंडित मिल जायेंगे
  • अस्सी घाट पर प्रतिवर्ष रंगभरी एकादशी का भी आयोजन किया जाता है .
  • अस्सी घाट का पिन कोड है – 221005
  • यहाँ पर आप अपनी कार या बाइक को पार्क कर सकते हैं .
  • अस्सी घाट पर रोजाना सुबह ऐ बनारस का आयोजन होता है .
  • गंगा आरती का समय है – सुबह में – ५ – ६ एवं शाम को लगभग ७ बजे शुरू होती है .
  • प्रति व्यक्ति ४० रूपये है नाव की सवारी का .

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